साहिबगंज: जिला में 83 किमी उत्तरवाहिनी गंगा पास से बहकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है. यहां गंगा में डॉल्फिन के कई प्रजातियां पाई जाती है. डॉल्फिन के संरक्षण के लिए गंगा प्रेमियों की तरफ से डॉल्फिन अभ्यारण्य योजना की मांग की जा रही थी. लेकिन विभाग की उदासीनता की वजह से यह फाइल में सिमट गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार विगत चार साल में आधा दर्जन से अधिक यह राष्ट्रीय घोषित जलीय जीव मृत पाई गई है.
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की जाएगी कड़ी कार्रवाई
दो दिन पहले राजमहल अनुमंडल के कसवा गंगा घाट पर एक डॉल्फिन मृत अवस्था में पाया हुआ देखा गया. वन प्रमंडल पदाधिकारी ने कहा कि डॉल्फिन की मौत नेचुरल है. इसके पोस्टमार्टम से पता चला है. फिर भी मछुआरों को चेतावनी दी जाएगी. लोगों को इस जीव कद बारे में जगरूक किया जाएगा. तस्कर के खिलाफ कड़ी करवाई की जाएगी.