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साहिबगंज: गंगा की तेज बहाव में टूटा डायवर्सन, जान जोखिम डालकर क्षतिग्रस्त पुल को पार करने को मजबूर लोग - हिबगंज के दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल क्षतिग्रस्त

साहिबगंज के दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल किशन प्रसाद के पास पिछले 3 सालों से क्षतिग्रस्त हो चुका है. यह पुल बीच से क्रेक हो चुका है. यानी पुल के बीच का हिस्सा नीचे की तरफ धंस चुका है. ग्रामीणों के सहयोग से पुल के पूरब दिशा से एक डायवर्सन बनाया गया, ताकि भारी वाहन, स्कूल बस और आम लोग सुरक्षित तरीके से आर-पार कर सके.

साहिबगंज: गंगा की तेज बहाव में टूटा डायवर्सन
diversion of ganga bridge Broken in Sahibganj
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Published : Aug 7, 2020, 10:38 PM IST

साहिबगंज: जिले के गंगा नदी का जलस्तर इन दिनों उफान पर है. खतरे की निशान से गंगा 00.33 सेमी ऊपर से बह रही है. गंगा ने अपनी बिकराल विभीषिका दिखाना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत ने दियरा क्षेत्र का दौरा किया और ग्राउंड जीरो से आम लोगों की परेशानियों को नजदीक से समझाने का प्रयास किया.

देखें स्पेशल खबर

3 सालों से क्षतिग्रस्त है पुल

साहिबगंज के दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल किशन प्रसाद के पास पिछले 3 सालों से क्षतिग्रस्त हो चुका है. यह पुल बीच से क्रेक हो चुका है. यानी पुल के बीच का हिस्सा नीचे की तरफ धंस चुका है. ग्रामीणों के सहयोग से पुल के पूरब दिशा से एक डायवर्सन बनाया गया, ताकि भारी वाहन, स्कूल बस और आम लोग सुरक्षित तरीके से आर-पार कर सके. विडंबना यह है कि गंगा की तेज बहाव से यह डायवर्सन बीच से टूटकर बह गया. अब मजबूरी और जान जोखिम में डालकर दियरावासी इस पुल से रोजाना आर पार कर रहे हैं. हालांकि पथ निर्माण विभाग ने तीन साल पहले यहां एक बोर्ड जरूर लगा दिया है, लेकिन दियरावासी करें तो क्या करें. तीन साल तक न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही जिला प्रशासन का कोई नुमाइंदा इसे देखने आया है.

ये भी पढ़ें-जेसीबी चालक और मुंशी पर हत्या का आरोप, गड्ढे में मिट्टी डालने के दौरान दबा था अंकित

ट्रेक्टर पार करने पर भी जंप करता है पुल

यह दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल है. इस पुल को पार कर 5 से 6 पंचायत के दर्जनों गॉव के लोग साहिबगंज शहर आते हैं. यह क्षतिग्रस्त पुल पर किसी भी समय बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिससे कई जानें जा सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि उनलोगों ने अपना पैसा खर्च पर इस डायवर्सन को बनाया था, लेकिन गंगा की तेज बहाव में यह भी टूट गया. अब परेशानी यह है कि इन गावों में सब्सीडी वाला राशन भेजना हो तो ट्रक को पुल के पास अनलोड कर ट्रैक्टर से किसी तरह पार कराया जाता है और तमाम गांवों में राशन पहुंचाया जाता है, जिससे खर्च बहुत ज्यादा लग रहा है. अगर यह पुल ठीक रहता तो ट्रक से ही सभी पीडीएस दुकान में अनाज पहुंचा दिया जाता. इस पुल पर लोडेड ट्रैक्टर को भी पार करने से पुल जंप करता है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर चालक इस पुल को पार करता है.

डायवर्सन टूटने से दर्जनों गांवों का टूट जाएगा संपर्क

इस क्षतिग्रस्त पुल के बारे में कोई भी जनप्रतिनिधि या जिला प्रशासन अपना पक्ष रखने से बच रहे हैं. बता दें कि यह दियारा क्षेत्र का लाइफलाइन कहे जाने वाला पुल अगर टूट गया तो किशन प्रसाद, लालबथानी, रामपुर, कारगिल दियरा, शोभापुर, उतरी मखमलपुर और दक्षिणी मखमलपुर सहित दर्जनों गॉव का संपर्क टूट सकता है. निश्चित रूप से गंगा नदी के उफान में डायवर्सन टूट जाने से लोग जान पर जोखिम डालकर क्षतिग्रस्त पुल को पार कर रहे हैं, जो एक बड़ा हादसा को निमंत्रण दे रहा है. अब देखना यह होगा कि ईटीवी भारत का खबर का असर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि पर कितना प्रभाव डालता है.

साहिबगंज: जिले के गंगा नदी का जलस्तर इन दिनों उफान पर है. खतरे की निशान से गंगा 00.33 सेमी ऊपर से बह रही है. गंगा ने अपनी बिकराल विभीषिका दिखाना शुरू कर दिया है. ईटीवी भारत ने दियरा क्षेत्र का दौरा किया और ग्राउंड जीरो से आम लोगों की परेशानियों को नजदीक से समझाने का प्रयास किया.

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3 सालों से क्षतिग्रस्त है पुल

साहिबगंज के दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल किशन प्रसाद के पास पिछले 3 सालों से क्षतिग्रस्त हो चुका है. यह पुल बीच से क्रेक हो चुका है. यानी पुल के बीच का हिस्सा नीचे की तरफ धंस चुका है. ग्रामीणों के सहयोग से पुल के पूरब दिशा से एक डायवर्सन बनाया गया, ताकि भारी वाहन, स्कूल बस और आम लोग सुरक्षित तरीके से आर-पार कर सके. विडंबना यह है कि गंगा की तेज बहाव से यह डायवर्सन बीच से टूटकर बह गया. अब मजबूरी और जान जोखिम में डालकर दियरावासी इस पुल से रोजाना आर पार कर रहे हैं. हालांकि पथ निर्माण विभाग ने तीन साल पहले यहां एक बोर्ड जरूर लगा दिया है, लेकिन दियरावासी करें तो क्या करें. तीन साल तक न तो कोई जनप्रतिनिधि और न ही जिला प्रशासन का कोई नुमाइंदा इसे देखने आया है.

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ट्रेक्टर पार करने पर भी जंप करता है पुल

यह दियरा क्षेत्र का लाइफ लाइन पुल है. इस पुल को पार कर 5 से 6 पंचायत के दर्जनों गॉव के लोग साहिबगंज शहर आते हैं. यह क्षतिग्रस्त पुल पर किसी भी समय बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिससे कई जानें जा सकती है. ग्रामीणों का कहना है कि उनलोगों ने अपना पैसा खर्च पर इस डायवर्सन को बनाया था, लेकिन गंगा की तेज बहाव में यह भी टूट गया. अब परेशानी यह है कि इन गावों में सब्सीडी वाला राशन भेजना हो तो ट्रक को पुल के पास अनलोड कर ट्रैक्टर से किसी तरह पार कराया जाता है और तमाम गांवों में राशन पहुंचाया जाता है, जिससे खर्च बहुत ज्यादा लग रहा है. अगर यह पुल ठीक रहता तो ट्रक से ही सभी पीडीएस दुकान में अनाज पहुंचा दिया जाता. इस पुल पर लोडेड ट्रैक्टर को भी पार करने से पुल जंप करता है. ऐसे में जान जोखिम में डालकर चालक इस पुल को पार करता है.

डायवर्सन टूटने से दर्जनों गांवों का टूट जाएगा संपर्क

इस क्षतिग्रस्त पुल के बारे में कोई भी जनप्रतिनिधि या जिला प्रशासन अपना पक्ष रखने से बच रहे हैं. बता दें कि यह दियारा क्षेत्र का लाइफलाइन कहे जाने वाला पुल अगर टूट गया तो किशन प्रसाद, लालबथानी, रामपुर, कारगिल दियरा, शोभापुर, उतरी मखमलपुर और दक्षिणी मखमलपुर सहित दर्जनों गॉव का संपर्क टूट सकता है. निश्चित रूप से गंगा नदी के उफान में डायवर्सन टूट जाने से लोग जान पर जोखिम डालकर क्षतिग्रस्त पुल को पार कर रहे हैं, जो एक बड़ा हादसा को निमंत्रण दे रहा है. अब देखना यह होगा कि ईटीवी भारत का खबर का असर जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि पर कितना प्रभाव डालता है.

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