साहिबगंज: ट्रैफिकिंग के शिकार पांच बालकों को उनके अभिभावकों को सौंप दिया गया. 26 अगस्त 2023 की रात तीनपहाड़ थाना क्षेत्र के रेलवे स्टेशन क्षेत्र से पांच पहाड़िया समुदाय के बच्चों मुक्त किया गया था.
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इसके बाद उन बच्चों को चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया. बाल कल्याण समिति के आदेश से इन्हें बालगृह में रखा गया और उनकी काउंसलिंग की गई. जिसमें यह बात सामने आयी है कि गांव के ही दो लोगों द्वारा इनको बहला फैसला कर दिल्ली ले जाया जा रहा था. इन बच्चों को प्रलोभन दिया गया था कि लगभग 3000 रुपया के आसपास प्रतिमाह दिया जाएगा, वहां झाड़ू पोछा का काम करना है.
बुधवार को इन बच्चों के साथ उनके परिवार की भी काउंसलिंग की गई. उनके साथ में आए ग्राम प्रधानों को भी बताया गया कि आप अपने बच्चों को बाहर नहीं भेजे, सरकारी योजनाओं से जुड़कर काम करें. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र नाथ तिवारी और बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी ने बताया कि काउंसलिंग में जिन लोगों का नाम आया है उन पर कानूनी कार्रवाई के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को पत्राचार किया जा रहा है.
इन्होंने बताया कि बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना, अन्य लाभकारी योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है. बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉक्टर सुरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया कि पुलिस की चौकसी से बच्चे ट्रैफिकिंग के शिकार होने से बच गए. इस अवसर पर बच्चों के अभिभावकों के साथ ग्राम प्रधान मैसा पहाड़िया, बाल कल्याण समिति सदस्य दिनेश शर्मा, बाल गृह काउंसलर रंजीत वर्मा अधीक्षक दिवाकर कुमार उपस्थित रहे.
पिछले डेढ़ साल में लगभग 70 बच्चों को ट्रैफिकिंग से बचाया गया है. इसमें अधिकांश को देश के विभिन्न शहरों से वापस लाया गया है. बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. सुरेंद्रनाथ तिवारी बताते हैं कि हमारे जिले की हजारों बच्चे देश के महानगरों में कम पर लगाए गए हैं. इसके लिए जन जागरण की अत्यंत आवश्यकता है और जिनका नाम ट्रैफिकिंग में आ रहा है उन पर कार्रवाई अत्यंत जरूरी है. लेकिन वर्तमान समय में कार्रवाई की स्थिति अच्छी नहीं है.