साहिबगंज: झारखंड में जब से रघुवर सरकार की कुर्सी गई है, एक कहावत प्रचलित हुई है वह है 'हेमंत है तो हिम्मत है'. इसी प्रचलित कहावत ने साहिबगंज जिले के बरहरवा नगर पंचायत कार्यालय में हेमंत है तो हिम्मत है का नारा बुलंद करने वाले सत्ता पक्ष के लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और नगर पंचायत कार्यालय में ठेकेदार शंभुनंदन भगत की पिटाई कर दी.
सत्ताधारी पार्टी के इशआरे पर हमले का आरोप
जिले के बरहरवा नगर पंचायत कार्यालय में सोमवार सत्ता पक्ष के लोगों ने जमकर हंगामा किया. पुलिस की मौजूदगी में ठेकेदार शंभुनंदन भगत की लोगों ने पिटाई की और उनके कपड़े तक फाड़ डाले. यह सब 1.44 करोड़ रुपए के बंदोबस्ती के लिए बरहरवा टोल टैक्स में आयोजित बैठक के दौरान हुआ. मामले की जानकारी मिलने पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पीके मिश्रा मौके पर पहुंचे और उपद्रवियों को खदेड़कर ठेकेदार शंभुनंदन की जान बचाई. इधर, अपने ऊपर हुए हमले को लेकर पीड़ित ठेकेदार ने बताया कि यह जानलेवा हमला सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर हुआ है. बरहेट के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पर आरोप लगाते हुए ठेकेदार शंभूनंदन ने बताया कि बिते 21 जून को स्थानीय विधायक सह राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के मोबाइल से उनके मोबाइल पर फोन आया और जब उनसे बातचीत की गई तो मंत्री ने फोन बरहेट विधायक के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को थमा दिया.
ठेकेदार ने की लिखित शिकायत
ठेकेदार ने बताया कि विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने मंत्री आलमगीर आलम के मोबाइल से ही उन्हें 22 जून को आयोजित नगर पंचायत बरहरवा के डाक में भाग नहीं लेने की धमकी दी और ऐसा नहीं करने पर सबक सिखाने की भी बात कही थी. ठेकेदार शंभुनंदन ने मीडिया को एक ऑडियो क्लीप भी उपलब्ध कराया है, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा बरहरवा टोल टैक्स में भाग नहीं लेने की धमकी देने के साथ-साथ अपने रसूख का भी गुनगान कर रहे है. घटना को लेकर ठेकेदार शंभुनंदन ने बरहरवा थाना प्रभारी को लिखित शिकायत की है. जिसमें विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के साथ नगर परिषद कार्यालय में किए गए जानलेवा हमले में शामिल कई लोगों के नाम का भी उल्लेख किया है.
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पुलिस ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
बरहरवा थाना की पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक नगर पंचायत बरहरवा की ओर से वाहन प्रवेश शुल्क को लेकर निविदा निकाली थी. निकाली गई इस निविदा में भाग लेने के लिए 12 ठेकेदारों ने अपना कागजात जमा किया था और सोमवार को निकाली गई निविदा की डाक होने वाली थी. डाक में भाग लेने के लिए शंभुनंदन प्रसाद पहुंचे थे. जहां कुछ देर बाद ही 12-15 की संख्या में लोग पहुंचे और नगर पंचायत अध्यक्ष के कार्यालय कक्ष से शंभुनंदन को घसीटते और मारते हुए बाहर ला रहे थे. इस दौरान पुलिस भी मौजूद थी. कुछ देर बाद पुलिस ने ठेकेदार शंभुनंदन को उग्र लोगों के चंगुल से बचाकर किसी तरह बाहर निकाला. उपद्रवियों की ओर से पुलिस गाड़ी पर भी पथराव किए जाने के समाचार मिली है. इधर, इस घटना को लेकर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पीके मिश्रा ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. पुलिस हर बिंदुओं पर जांच करेगी.