साहिबगंजः महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सीबीआई टीम बारीकी से जांच कर रही है. पोस्टमार्टम के दौरान रूपा तिर्की के शव को सुरक्षित नहीं रखने के बिंदु पर एम्स या किसी बड़े अस्पताल के एक्सपर्ट से सीबीआई मंतव्य लेने पर विचार कर रही है.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार झारखंड हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान रूपा तिर्की के शव के पोस्टमार्टम के दौरान विसरा को सुरक्षित नहीं रखने का मामला उठा. इसको लेकर साहिबगंज के डॉक्टर्स का कहना है कि पोस्टमार्टम के दौरान ही अगर मृत्यु की वजह साफ हो जाए तो विसरा को फॉरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखने की जरूरत नहीं होती है.
रूपा तिर्की मामले की जांच करने वाले यहां के पुलिस अधिकारियों ने भी पूछताछ में सीबीआई को यही बात कही है. इसके लिए उन लोगों ने न्यायालय के पूर्व के एक आदेश का भी हवाला दिया है. बताया जाता है कि इस मामले में यहां पहुंची 4 सदस्य सीबीआई की टीम को फिलहाल अपने वरीय अधिकारी के दिशा निर्देश का इंतजार कर रही है.
रूपा रूपा तिर्की के पोस्टमार्टम के बाद विसरा को सुरक्षित नहीं रखना यह एक बड़ा सवाल है जबकि रूपा तिर्की के माता-पिता शुरू से ही हत्या का आरोप लगाते आ रहे हैं. जबकि नियम है कि जब कोई मामला हाई प्रोफाइल हो और परिवार आपत्ति जता रहा हो तो वैसी स्थिति में विसरा की जांच पारदर्शिता के लिए निकाला और फॉरेंसिक जांच में भेजा जा सकता है.
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इस मामले में सुनवाई करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सीबीआई को कहा है कि 24 घंटे में साहिबगंज की पुलिस और डॉक्टर कैसे मान लिया कि यह आत्महत्या है. इस मामले पर पटना से चलकर पहुंची सीबीआई की टीम मामले को खंगालने में जुट गई है. इस मामले में सीबीआई के रडार पर पोस्टमार्टम में गठित टीम डॉक्टर और पुलिसकर्मी है.