साहिबगंज: नमामि गंगे योजना के तहत गंगा किनारे के 33 गांवों में कचरा उठाव के लिए एक-एक गाड़ी दी जाएगी. इसकी तैयारी जोरशोर से चल रही है. विकास भवन सभागार में मिस्त्री गाड़ियों को तैयार करने में जुटे हैं. नमामि गंगे फंड से इनकी खरीदारी की गई है. एक गाड़ी की कीमत 37 हजार रुपये है. इस तरह से 33 गाड़ी पर 12 लाख 21 हजार रुपये खर्च हुए हैं.
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गंगा नदी की स्वच्छता मुख्य उद्देश्य: नमामि गंगे केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. इसका उद्देश्य गंगा नदी को स्वच्छ बनाना है. इस गाड़ी (ठेला) से वैसे कचरे का उठाव होगा जो पुन: उपयोग में आ जाए. गांव की नाली का गंदा पानी, मिट्टी और कचरे का उठाव इस वाहन से नहीं होगा. नाली के कचरे का उठाव मुखिया अपने स्तर से कर सकते हैं.
मजदूरों को मिलेगा रोजगार: इस वाहन में चार खाने हैं. अलग अलग प्रकार के कचरे को अलग-अलग रखना है. घर-घर से कचरा उठाव करने के बाद वह उसे कंपोस्ट पिट के अलग-अलग खानों में डाल दिया जाएगा. टंकी भर जाने के बाद शहर में कबाड़ी दुकान से संपर्क कर तौल कर बेचने का काम किया जाएगा. बिक्री के बाद जो राशि मिलेगी उससे मजदूर का भुगतान किया जाएगा. शेष बची राशि पंचायत कोष में जमा कर दी जाएगी, उससे पंचायत के विकास का काम होगा.
ये हैं कमेटी में शामिल: मंगलवार को साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव, डीडीसी प्रभात कुमार बरदियार, डीएफओ मनीष तिवारी और जनप्रतिनिधि मुखिया और जल सहिया को उक्त गाड़ी सौंपेंगे. यह गाड़ी पंचायत स्तर पर ग्राम स्वच्छता समिति के जिम्मे रहेगी. इस कमेटी के अध्यक्ष पंचायत के मुखिया और कोषाध्यक्ष जल सहिया होते है. शेष नौ लोग कमेटी के सदस्य होते हैं.