रांची: झारखंड श्रम नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग और एचसीएल के बीच में हुए एमओयू का नतीजा महज 4 महीने के अंदर दिखने लगा है. श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग ने बताया कि झारखंड सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए कटिबद्ध है. इसी को लेकर राज्य सरकार और एचसीएल (HCL) के बीच हुए समझौते के अनुसार प्रथम चरण में 220 युवा सरकार के रोजगार संबंधित कार्यक्रम से लाभान्वित हुए. प्रथम चरण में चयनित हुए सभी छात्र आईटी सेक्टर में अपना भविष्य बना सकते हैं.
12वीं के बाद मिल रहा अवसर: सरकार के कौशल प्रशिक्षण प्रोग्राम में चयन के लिए वर्ष 2021-22 में 12वीं साइंस संकाय में मैथ्स और कॉमर्स संकाय में बिजनेस मैथ्स के साथ पास होना अनिवार्य है. एचसीएल की ओर से चयनित होने के बाद छह महीने तक वर्चुअल माध्यम से प्रशिक्षण देने के बाद एचसीएल के सेंटर में छह महीने का इंटर्नशिप कराने का प्रावधान है. इंटर्नशिप के दौरान ही स्टूडेंटस को एचसीएल की ओर से हर महीने 10 हजार रुपये का भुगतान किया जाता है.
इंटर्नशिप पूरा होने के बाद एचसीएल की ओर से ही सरकार के साथ स्टूडेंट्स को नियोजित करने की सहमति बनी है. नियोजन के साथ एचसीएल के सहयोग से स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा के लिए बिट्स पिलानी या शास्त्रा यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु से स्नातक कर सकते हैं. राज्य के हर जिले से बच्चे कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ उठा सकते हैं और रांची, धनबाद, जमशेदपुर, दुमका व पलामू क्षेत्र के युवा एचसीएल के माध्यम से आईटी सेक्टर में अपना भविष्य चुन सकते हैं. झारखंड सरकार और एचसीएल के बीच में समझौते का लाभ राज्य की युवाओं को मिलने लगा है. अब देखने वाली बात होगी इस तरह के लाभ से राज्य के और कितने युवा लाभान्वित हो पाते हैं.