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कश्मीर से आए युवाओं ने किया झारखंड भ्रमण, आदिवासी संस्कृति के बारे में ली जानकारी

Kashmir Youth Exchange Programme. कश्मीर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कश्मीर के 122 युवक झारखंड पहुंचे. इस दौरान उन्हें झारखंड की संस्कृति और परंपरा के बारे में जानकारी दी गई. युवाओं ने झारखंड आने पर काफी खुशी जताई है.

Kashmir Youth Exchange Programme
Kashmir Youth Exchange Programme
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 16, 2023, 5:33 PM IST

कश्मीर से आए युवाओं ने किया झारखंड भ्रमण

रांची: देशभर में एक राज्य से दूसरे राज्य के युवाओं के बीच आपसी समझ बढ़ाने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा कश्मीर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में कश्मीर के 122 युवाओं को झारखंड की संस्कृति और परंपरा के बारे में बताया गया. कश्मीर से आये युवाओं ने कहा कि झारखंड आकर उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की जिम्मेदारी भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र संगठन को दी गई है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गृह मंत्रालय का भी सहयोग लिया गया है.

नेहरू युवा केंद्र के सहायक निदेशक एसपी सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में कश्मीर से 122 बच्चे आये हैं. जिसमें अनंतनाग से 22, पुलवामा से 22, श्रीनगर से 22, कुलगाम से 19, कुपवाड़ा से 19, बारामूला से 18 बच्चे झारखंड घूमने आये हैं.

एसपी सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि कश्मीरी युवा झारखंड की संस्कृति के बारे में जान सकें. उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले कार्यक्रम में झारखंड के युवाओं को झारखंड के विभिन्न इलाकों में ले जाया जायेगा और यहां राजभवन का भ्रमण भी कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर से आने वाले युवाओं को यहां रोजगार की संभावनाओं के बारे में भी बताया जाएगा. कश्मीर के युवाओं को झारखंड के हस्तशिल्प और यहां की आदिवासी कला के बारे में भी जानकारी दी जायेगी. इसी तरह झारखंड के युवाओं को कश्मीर की कला के बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि झारखंड के युवाओं के साथ भी कई जानकारियां साझा की जाएंगी.

'नियमित रूप से होने चाहिए ऐसे कार्यक्रम': कश्मीर से आए युवाओं ने बताया कि झारखंड जैसे राज्य में आकर उन्हें प्रकृति के बारे में कई जानकारियां मिलीं. झारखंड में रहने वाले आदिवासियों की रहन सहन देखर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए ताकि एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के बारे में जान सकें. कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी शनिब बेलाल ने कहा कि अगर साल में एक बार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं तो निश्चित रूप से कश्मीर के युवाओं के मूड में बदलाव आएगा और वे देश के विभिन्न राज्यों से जुड़ सकेंगे. .

कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले राम सिंह यादव ने कहा कि कश्मीर भारत का अहम हिस्सा है. वह आए दिन टीवी मीडिया पर वहां के लोगों की समस्याएं सुनते रहते हैं, लेकिन आज जब उनकी मुलाकात कश्मीर के युवाओं से हुई. तो उन्हें बहुत खुशी हुई और उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उन्हें कश्मीरी युवाओं का स्वागत करने का मौका मिला.

यह भी पढ़ें: रंगारंग प्रस्तुति के साथ आदिवासी युवा महोत्सव का समापन, आदिवासी सभ्यता संस्कृति की दिखी झलक

यह भी पढ़ें: पाकुड़ में आदिवासी अधिकार यात्रा में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी, कहा- आदिवासियों के साथ छल कर रही हेमंत सरकार

यह भी पढ़ें: जमशेदपुर में दिशोम सोहराय पर्व पर पशुओं के साथ खतरनाक खेल, आदिवासी समाज करते हैं पुरानी परंपरा का निर्वहन

कश्मीर से आए युवाओं ने किया झारखंड भ्रमण

रांची: देशभर में एक राज्य से दूसरे राज्य के युवाओं के बीच आपसी समझ बढ़ाने के लिए युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा कश्मीर यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम में कश्मीर के 122 युवाओं को झारखंड की संस्कृति और परंपरा के बारे में बताया गया. कश्मीर से आये युवाओं ने कहा कि झारखंड आकर उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा आयोजित कश्मीरी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम की जिम्मेदारी भारत सरकार के नेहरू युवा केंद्र संगठन को दी गई है. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गृह मंत्रालय का भी सहयोग लिया गया है.

नेहरू युवा केंद्र के सहायक निदेशक एसपी सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में कश्मीर से 122 बच्चे आये हैं. जिसमें अनंतनाग से 22, पुलवामा से 22, श्रीनगर से 22, कुलगाम से 19, कुपवाड़ा से 19, बारामूला से 18 बच्चे झारखंड घूमने आये हैं.

एसपी सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि कश्मीरी युवा झारखंड की संस्कृति के बारे में जान सकें. उन्होंने बताया कि 14 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले कार्यक्रम में झारखंड के युवाओं को झारखंड के विभिन्न इलाकों में ले जाया जायेगा और यहां राजभवन का भ्रमण भी कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि कश्मीर से आने वाले युवाओं को यहां रोजगार की संभावनाओं के बारे में भी बताया जाएगा. कश्मीर के युवाओं को झारखंड के हस्तशिल्प और यहां की आदिवासी कला के बारे में भी जानकारी दी जायेगी. इसी तरह झारखंड के युवाओं को कश्मीर की कला के बारे में जानकारी दी जा रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि झारखंड के युवाओं के साथ भी कई जानकारियां साझा की जाएंगी.

'नियमित रूप से होने चाहिए ऐसे कार्यक्रम': कश्मीर से आए युवाओं ने बताया कि झारखंड जैसे राज्य में आकर उन्हें प्रकृति के बारे में कई जानकारियां मिलीं. झारखंड में रहने वाले आदिवासियों की रहन सहन देखर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित होने चाहिए ताकि एक राज्य के लोग दूसरे राज्य के बारे में जान सकें. कश्मीर के पुलवामा जिले के निवासी शनिब बेलाल ने कहा कि अगर साल में एक बार इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं तो निश्चित रूप से कश्मीर के युवाओं के मूड में बदलाव आएगा और वे देश के विभिन्न राज्यों से जुड़ सकेंगे. .

कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले राम सिंह यादव ने कहा कि कश्मीर भारत का अहम हिस्सा है. वह आए दिन टीवी मीडिया पर वहां के लोगों की समस्याएं सुनते रहते हैं, लेकिन आज जब उनकी मुलाकात कश्मीर के युवाओं से हुई. तो उन्हें बहुत खुशी हुई और उन्हें गर्व महसूस हो रहा है कि उन्हें कश्मीरी युवाओं का स्वागत करने का मौका मिला.

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