रांचीः रिम्स में ग्रेड मेथड फॉर क्लीनिकल गाइडलाइन डेवलपमेंट (Workshop on Clinical Guideline Development ) विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जो 18 दिसंबर तक चलेगा. इस कार्यलाया में देश के साथ साथ कनाडा से विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हो रहे हैं. रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद ने बताया कि कनाडा के विशेषज्ञ डॉ गार्डन गयट और डॉ ब्रेम रोच्वर्ग कार्यशाला में शामिल होने के लिए पहुंच गए है. इस कार्यशाया से रिम्स के डॉक्टरों को काफी लाभ मिलेगा.
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डॉ कामेश्वर प्रसाद ने कहा कि भारत में उच्चस्तरीय क्लीनिकल गाइडलाइन के लिए ग्रेड नेटवर्क (GRADE: Grading of Recommendations, Assessment Development and Evaluation) नहीं है. ग्रेड नेटवर्क विकसित होने के बाद बीमारियों के निजात के लिए साक्ष्य पर आधारित दिशानिर्देश तैयार कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि इस विधा का उपयोग कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा किया जा रहा है.
डॉ गॉर्डन गयट ने बताया की ग्रेड नेटवर्क कई देश जैसे अमेरिका, कनाडा, स्पेन, चीन, ब्राज़ील में मौजूद है. उन्होंने बताया कि भारत में आज भी भरोसेमंद दिशानिर्देशों के अभाव में डॉक्टरों को बिमारियों के सटीक निदान में कठिनाई आती है. साक्ष्य पर आधारित दिशानिर्देश तैयार होने पर मरीजों का सही से इलाज हो पायेगा. उन्होंने कहा कि इस पद्धति का उपयोग करके विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 महामारी के दौरान कुछ बेहतरीन दिशा-निर्देश बनाए, जिससे लाखों लोगों की जान बचाई गई.
डॉ ब्रेम रोच्वर्ग ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से डॉक्टरों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि भविष्य में वह ना सिर्फ गाइडलाइन तैयार करने में मदद करेंगे बल्कि अन्य शोधकर्ताओं को भी प्रशिक्षित करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत में कुछ ही डॉक्टर हैं, जो साक्ष्य आधारित सबसे उपयुक्त दिशानिर्देश विकसित करने के लिए ग्रेड पद्धति में प्रशिक्षित हैं. बता दें कि इस कार्यशाला से झारखंड के साथ साथ एम्स दिल्ली, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ और अन्य राज्यों के 100 प्रतिभागी शामिल हैं.