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रांची में पेड़ से झूलता मिला मजदूर का शव, परिवार में मातम

रांची में एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वह आर्थिक तंगी से परेशान था. घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.

रांची में पेड़ से झूलता मजदूर का मिला शव
worker committed suicide in ranchi
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Published : May 26, 2020, 10:36 AM IST

Updated : May 26, 2020, 12:55 PM IST

रांची: राजधानी में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान लोहरदगा निवासी गणेश के रूप में हुई है. घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल है.

काम नहीं मिलने से था परेशान

जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह उसने अपनी पत्नी से दो रोटी खाने के लिए मांगी और खाने के बाद वहां से निकल गया. घर से लगभग दस किमी दूर जाकर सुनसान जगह पर उसने आत्महत्या कर ली. ईंट भट्टा में वह कोयला ढोने का काम करता था, जबकि उसकी पत्नी भट्टे में ईंट बोजाई का काम करती थी. काम बंद हो जाने के कारण दोनों पति-पत्नी काफी परेशान थे. इसी बीच करीब एक महीने पहले गणेश के सिर में दर्द शुरू हो गया था और ठीक नहीं होने पर उसने काम करना बंद कर दिया था और भट्टा पर ही बैठा रहता था.

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मजदूरों के साथ शोषण

उसकी पत्नी काम करती थी, जिससे दोनों का गुजारा चलता था. भट्टा मालिक शकील अंसारी के बताया कि उसने कभी किसी मजदूर को पैसे के लिए परेशान नहीं किया. भले ही मजदूरों की ओर से अग्रिम ली गयी राशि वसूल हुई हो या नहीं. लॉकडाउन की अवधि के दौरान भट्टा मालिकों की ओर से मजदूरों के शोषण की कई खबरें सामने आई थी. कुछ मामलों में तो प्राथमिकी तक दर्ज हुई थी.

देर शाम हुई शव की शिनाख्त

मृतक की पहचान देर शाम तक नहीं हो पाई थी. गांव के ही कोई व्यक्ति अपने मवेशियों को नदी के किनारे चरा रहा था. जब उसकी नजर पेड़ से लटकते हुए शव पर पड़ी और उसने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. सूचना मिलने पर मांडर पुलिस घटनास्थल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

रांची: राजधानी में आर्थिक तंगी से परेशान होकर एक मजदूर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान लोहरदगा निवासी गणेश के रूप में हुई है. घटना के बाद से परिवार में मातम का माहौल है.

काम नहीं मिलने से था परेशान

जानकारी के अनुसार, सोमवार की सुबह उसने अपनी पत्नी से दो रोटी खाने के लिए मांगी और खाने के बाद वहां से निकल गया. घर से लगभग दस किमी दूर जाकर सुनसान जगह पर उसने आत्महत्या कर ली. ईंट भट्टा में वह कोयला ढोने का काम करता था, जबकि उसकी पत्नी भट्टे में ईंट बोजाई का काम करती थी. काम बंद हो जाने के कारण दोनों पति-पत्नी काफी परेशान थे. इसी बीच करीब एक महीने पहले गणेश के सिर में दर्द शुरू हो गया था और ठीक नहीं होने पर उसने काम करना बंद कर दिया था और भट्टा पर ही बैठा रहता था.

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उसकी पत्नी काम करती थी, जिससे दोनों का गुजारा चलता था. भट्टा मालिक शकील अंसारी के बताया कि उसने कभी किसी मजदूर को पैसे के लिए परेशान नहीं किया. भले ही मजदूरों की ओर से अग्रिम ली गयी राशि वसूल हुई हो या नहीं. लॉकडाउन की अवधि के दौरान भट्टा मालिकों की ओर से मजदूरों के शोषण की कई खबरें सामने आई थी. कुछ मामलों में तो प्राथमिकी तक दर्ज हुई थी.

देर शाम हुई शव की शिनाख्त

मृतक की पहचान देर शाम तक नहीं हो पाई थी. गांव के ही कोई व्यक्ति अपने मवेशियों को नदी के किनारे चरा रहा था. जब उसकी नजर पेड़ से लटकते हुए शव पर पड़ी और उसने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी. सूचना मिलने पर मांडर पुलिस घटनास्थल पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

Last Updated : May 26, 2020, 12:55 PM IST
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