रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 में महिला सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा बनेगा. अधिकतर युवा मतदाताओं का कहना है कि जो भी राजनीतिक पार्टी महिला सुरक्षा को लेकर दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाएगी और अपने एजेंडे में इस बिंदु को जोड़ेगी, उसी पार्टी को युवाओं का मत जाएगा. महिला सुरक्षा को लेकर जनप्रतिनिधियों को देश और राज्य का प्रतिनिधित्व करना चाहिए.
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता
देशभर में इन दिनों महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बन गया है और इस मुद्दे को जो पार्टी नजरअंदाज करेगी, इस चुनाव में उसका बेड़ा गर्क होना तय है. झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 का समर जारी है. इस बीच घोषणा-पत्रों के माध्यम से कई लोकलुभावन वादे किए गए हैं. हालांकि युवा मतदाताओं का एकमत से राय है कि जो भी राजनीतिक पार्टी अपने एजेंडे में महिला सुरक्षा को लेकर प्राथमिकता देगी, वही पार्टी देश और राज्य के सत्ता में ज्यादा दिन तक टिककर रह सकती है.
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महिला सुरक्षा की ओर ध्यान देना जरूरी
ईटीवी भारत ने ऐसे ही कुछ युवा मतदाताओं से खास बातचीत की. उन्होंने महिला सुरक्षा को लेकर अपनी मंशा जाहिर की है और जनप्रतिनिधियों को कई सुझाव भी दिए हैं. युवाओं की मानें तो महिला सुरक्षा को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. हर दो सेकेंड में एक छेड़खानी का मामला सामने आता है. हर दिन दुष्कर्म की खबरें सुर्खियां बन रही हैं, लेकिन चुनाव में मशगूल नेता जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देने के बजाय अपना ही डफली बजा रहे हैं. ऐसे में अगर सही तरीके से राष्ट्र निर्माण करना है तो महिला सुरक्षा की ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है.