रांची: झारखंड कैडर के आईएएस और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन जमीन घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में जा चुके हैं. ईडी ने उनकी गिरफ्तारी के पीछे की जो वजह बताई है, वह चौंकाने वाली है. सूत्रों के मुताबिक छवि रंजन ने सेना की जमीन, चेशायर होम के पास की जमीन और बजरा की जमीन मामले में अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी लोगों को मालिक घोषित कराने में मदद करवाई.
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सूत्रों के मुताबिक रांची के चर्चित कारोबारी और न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल ने चेशायर होम के पास की जमीन खरीदने के बाद आईएएस छवि रंजन को गोवा की सैर करवाई थी. उनको अगुआडा स्थित ताज फोर्ट होटल में ठहराया गया था. पूरी व्यवस्था एक एजेंट के जरिए व्यवसायी विष्णु अग्रवाल ने करवाई थी. इस ट्रीप के खर्च का पेमेंट दिल्ली में ट्रैवल एजेंट को कैश में किया गया था. इन बातों का जिक्र विष्णु अग्रवाल के मोबाइल से ईडी को हाथ लगा है. ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि छवि रंजन ने नामकुम के पुगरु स्थित नॉन सेलेबल जमीन को भी विष्णु अग्रवाल के नाम करवाने में मदद की थी. इस मामले की जांच राज्य सरकार के स्तर पर चल रही है.
ईडी की जांच में यह बात भी सामने आई है कि आईएएस छवि रंजन ने प्रेम प्रकाश और अमित कुमार अग्रवाल को गैर कानूनी तरीके से प्रॉपर्टी के मामले में मदद पहुंचाई थी. यह बात भी सामने आई है कि अमित अग्रवाल मामले की जांच कर रही सीबीआई की रिपोर्ट में भी इस बात का जिक्र है कि अधिवक्ता राजीव कुमार को प्रभावित करने के लिए छवि रंजन ने अमित अग्रवाल का पक्ष लिया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जमीन घोटाला मामले में अभी तो ईडी ने शुरुआत की है, आने वाले समय में अलग-अलग राजस्व ऑफिस से जुड़े पदाधिकारी, बड़े-बड़े ब्यूरोक्रेट्स और पॉलीटिशियंस के भी चेहरे बेनकाब होने वाले हैं.