रांची: राजधानी रांची अपने मौसम के लिए जाना जाता है. मौसम में परिवर्तन होना यहां पर आम बात है. अक्टूबर महीने से ही रांची की आबोहवा बदलने लगती है. दिन में गर्म धूप तो शाम के बाद ठंडी हवा अपना असर दिखाती है. ये बदलता वातावरण लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जिससे कई तरह की मौसम जनित रोग बच्चों और बुजुर्गों में घर कर जाती है.
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अक्टूबर महीने में लोग दुर्गा पूजा की खुशियां मना रहे हैं और देर रात तक मेला घूमने की तैयारी भी कर रहे हैं. इस बदलते मौसम में होने वाली बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा छोटे बच्चे और बुजुर्गों आ सकते हैं. इसलिए मेला घूमने वाले बुजुर्ग और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सक कई सलाह देते हैं. रांची के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ राजेश कुमार बताते हैं कि इन दोनों तापमान में गिरावट हो रही है जो छोटे बच्चों के लिए कई तरह की बीमारियां ला सकती हैं.
डॉ. राजेश कुमार कहते हैं कि जो बच्चे दो साल से कम हैं, उनको वायरल निमोनिया का खतरा ज्यादा रहा है. क्योंकि बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चे पर ही होता है. वायरल निमोनिया के अलावा अक्टूबर नवंबर के महीने में छोटे बच्चों में चर्म रोग होने की संभावना भी बढ़ जाती है. क्योंकि ठंड के मौसम में बच्चों की स्किन सबसे ज्यादा प्रभावित होती है. वहीं डॉक्टरों के अनुसार ठंड के मौसम में छोटे बच्चों में डायरिया होने की भी शिकायत होती है, जिसे विंटर डायरिया के नाम से जाना जाता है. तापमान गिरने की वजह से छोटे बच्चों में हाइपोथर्मिया जैसी बीमारी भी परेशानी का कारण बन सकती है. जो बच्चे 10 साल या उससे ज्यादा के हैं तो उन्हें हड्डी से भी जुड़ी बीमारियां की संभावना बढ़ जाती हैं.
बदलते तापमान के बीच बच्चों में होने वाली इन बीमारियों से बचने के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि छोटे बच्चों को तहदार कपड़े पहनाएं. जिससे बच्चे का शरीर गर्म रह सके. डॉक्टरों ने बताया कि अपने बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए अभिभावक को भी कुछ बातों का ख्याल रखना होगा. बाहर से घर पहुंचने के बाद बच्चे को छूने से पहले अपने हाथ को सही तरीके से धोएं. बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाएं क्योंकि बच्चों में इम्यूनिटी पावर कम होती है.
वहीं बुजुर्गों को लेकर रांची के प्रसिद्ध फिजिशियन डॉक्टर संजय सिंह बताते हैं कि ठंड के मौसम में बुजुर्गों को सबसे ज्यादा रेस्पिरेटरी से जुड़ी बीमारी की समस्या हो सकती है. ऐसे में लोगों को मेला घूमने से पहले मास्क का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. सांस लेने की समस्या की वजह से कई बार हार्ट अटैक या फिर रेस्पिरेटरी से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं.