रांची: राज्य सरकार के कर्मियों के लिए मंगलवार का दिन मंगलमय रहा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई कैबिनेट की बैठक में दो महत्वपूर्ण फैसले लिए जाते ही झारखंड सचिवालय ढोल-नगाड़ों की आवाज से गूंज उठा. सचिवालय कर्मियों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर खुशी मनाई. सचिवालय कर्मियों की इस खुशी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए. इस दौरान कर्मचारियों ने उन्हें भी फूल का माला और चादर भेंट कर आभार व्यक्त किया. दरअसल, राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का निर्णय लिया है. जिसके तहत सरकारी कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों को प्रतिवर्ष पांच लाख तक की ओपीडी सुविधा के साथ चिकित्सीय सुविधा मिलेगी. वर्तमान समय में राज्य सरकार के कर्मियों को सरकार के द्वारा 1000 रुपए प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता मिलता था. चिकित्सा भत्ता को समाप्त करते हुए सरकार ने स्वास्थ्य बीमा का लाभ कर्मियों को देने का निर्णय लिया है.
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राज्यकर्मियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा की सुविधा के ये हैं प्रावधान
- कर्मियों के आश्रित सदस्यों, जिनमें उनके पति, पत्नी, पुत्र, वैध दत्तक पुत्र ( 25 वर्ष की आयु तक बशर्ते बेरोजगार हो), अविवाहित, विधवा और परित्यकता पुत्री, नाबालिग भाई और अविवाहित बहन साथ ही आश्रित माता-पिता को प्रतिमाह 9000 और उसपर तत्समय अनुमान्य महंगाई राहत से कम पेंशन प्राप्त करने वाले सम्मिलित होंगे.
- पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष की अधिसीमा के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा विधिवत चिन्हित गंभीर बिमारियों की चिकित्सा के लिए चयनित बीमा कंपनी के द्वारा स्थापित प्रक्रियानुसार अपनी निधि से 50 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट बफर संधारित करेगी. जिस क्रम में ऐसी गंभीर बिमारियों की चिकित्सा पर होने वाला व्यय पांच लाख से अधिसीमा से अधिक होने की स्थिति में अतिरिक्त पांच लाख रुपए तक की चिकित्सीय प्रतिपूर्ति स्वास्थ्य विभाग की सहमति के उपरांत संबंधित बीमा कंपनी के द्वारा ऐसे अतिरिक्त व्यय का भी वहन किया जाएगा.
- कर्मियों को तत्काल उच्चतर संस्थान में उपचार के लिए विशेष परिस्थिति में एयर एंबुलेंस, वायुयान यात्रा की अनुमान्यता होगी. वर्तमान में प्रति वर्ष 100 करोड़ की राशि उपलब्ध करायी जाएगी. इस योजना से राज्य विधानसभा के पूर्व सदस्य, अखिल भारतीय सेवाओं के इच्छुक सेवारत, सेवानिवृत, राज्य सेवाओं के सेवानिवृत पदाधिकारी, कर्मचारी, राज्य सरकार के बोर्ड, निगम, संस्थान, संस्था के कार्यरत सेवानिवृत नियमित कर्मी, राजकीय विश्वविद्यालयों और उनके अंतर्गत महाविद्यालय में कार्यरत सेवानिवृत शिक्षक और शिक्षेत्तर कर्मी बीमा प्रदान करने के लिए यथा निर्धारित बीमा राशि का भुगतान कर इस योजना से आच्छादित किया जाएगा. इस योजना के लाभुक हो जाने के उपरांत राज्य सरकार के द्वारा ऐसे सभी कर्मियों, सेवानिवृत कर्मियों को 500 रुपए प्रतिमाह चिकित्सा भत्ता का भुगतान ओपीडी, जांच, दवा आदि के लिए पूर्ववत भुगतान किया जाएगा. योजना हेतु स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बीमा कंपनी का चयन किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आज के दिन को ऐतिहासिक बतायाः स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कैबिनेट में लिए गए फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस योजना से राज्य कर्मियों और उनके आश्रितों के लिए चिकित्सा सुविधा प्राप्त होगी. इसके अलावे राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक की मंजूरी प्रदान की है. इसके तहत राज्य के अंतर्गत चिकित्सा महाविद्यालय, पारा मेडिकल, फार्मेसी, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेदिक संस्थानों में स्वास्थ्य चिकित्सा से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करेगी. राज्य में स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित विश्वविद्यालय अलग से स्थापित नहीं है. जिसके फलस्वरूप स्वास्थ्य विज्ञान से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों को सुचारू और समयबद्ध तरीके से संचालित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. देश के अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है. इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है.
पुरानी पेंशन की प्रक्रिया के साथ संविदाकर्मियों को मातृत्व अवकाश की मंजूरीः राज्य सरकार के कर्मियों के लिए मंगलवार का दिन खास रहा. इसके तहत हेमंत सोरेन कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना की प्रक्रिया पर मुहर लगाते हुए नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ कैसे कर्मियों को मिलेगा इसकी प्रक्रिया की मंजूरी दी है. इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने संविदा पर कार्यरत महिला कर्मियों को सरकारी सेवकों की तरह मातृत्व अवकाश का लाभ देने का निर्णय लिया है. इसके तहत 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलेगा.