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रांची में सब्जियों की कीमतों में उछाल, नहीं मिल रहे खरीदार

कृषि प्रधान राज्य झारखंड की राजधानी में सब्जियों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हो गई है. इस कारण रांची की मंडी सुनी हो गई है. लोग इतनी महंगी सब्जी खरीदने में डरने लगे हैं.

रांची में सब्जी
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Published : Aug 26, 2019, 4:39 PM IST

रांची: राजधानी के बाजारों में इन दिनों हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही है. सब्जी के दरों में उछाल का आलम यह है कि सब्जियों के दरों में डेढ़ से 2 गुणा तक वृद्धि हो गई है. दाम में हुई इस बेतहाशा वृद्धि का सीधा असर सामान्य लोगों की जेब पर पड़ रहा है और धीरे-धीरे उनकी थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है.

देखें पूरी खबर

सब्जियों के दामों में क्यों हुई यह वृद्धि
झारखंड में मानसून की देरी से प्रवेश करने और प्रवेश के बाद हुई अत्यधिक बारिश के कारण किसान समय पर किसानी नहीं कर पाए. जिस कारण सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है. इसका दूसरा कारण यह है कि जिन किसानों ने सब्जी की खेती मानसून के आने से पहले कर दी थी उन किसानों के खेत में लगे-लगे ही सारे सब्जी खराब हो गए. आलम यह है कि रांची से सटा ओरमांझी जो हरी सब्जी उत्पादन के लिए ही मशहूर है वहां के किसान भी बंगाल-बिहार से आई सब्जियां खरीदने पर मजबूर हो गए हैं.

यह भी पढ़ें- जसकंडी गांव के ग्रामीणों की अनोखी पहल, वर्षा जल संचयन से बदली गांव की तस्वीर


क्या कहते हैं सब्जी विक्रेता
सब्जी के भाव में हो रही इस वृद्धि पर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मौसम की मार के कारण राज्य में सब्जी उत्पादन सही से नहीं हो पाया. इसके साथ ही बंगाल-बिहार में भी सब्जी उत्पादन में कमी आई है. इसी कारण सब्जियों का दाम डेढ़ से 2 गुना तक बढ़ गया. इतना ही नहीं राजधानी में सब्जी की खेती इतनी कम हुई है कि लॉकी जैसी सब्जी भी राजधानी में बंगाल से निर्यात करने की नौबत आ गई है.

सब्जी दर प्रति किलो (रुपए)
बोदी 10-20
झिंगी 30
नेनुआ 10
टमाटर 40-60
खीरा 40
परवल 50
गाजर 60
फूलगोभी 40-50
पत्ता गोभी 20
शिमला 80-100
प्याज 40-50
बीट 40
कुंदरी 25
भिंडी 40
बैंगन 30
हरी मिर्च 100
अदरक 80
लहसुन 100
फ्रेंचबीन 60
मूली 20
लौकी 40
प्याज साग 30
पालक साग 20
लाल साग 20
खीरा 40
धनिया पत्ती 90-100
कोहड़ा 30
नीबु (2 पीस) 10

सब्जी के दामों में इस वृद्धि का कारण जो भी हो लेकिन इसका असर हर वर्ग पर पड़ रहा है. इससे जहां किसानों की आय प्रभावित हुई है, वहीं सब्जी विक्रेताओं को भी मुनाफा नहीं मिल रहा, आम लोगों के जेब पर जो भार बढ़ रहा है वो तो पड़ ही रहा है.

रांची: राजधानी के बाजारों में इन दिनों हरी सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही है. सब्जी के दरों में उछाल का आलम यह है कि सब्जियों के दरों में डेढ़ से 2 गुणा तक वृद्धि हो गई है. दाम में हुई इस बेतहाशा वृद्धि का सीधा असर सामान्य लोगों की जेब पर पड़ रहा है और धीरे-धीरे उनकी थाली से हरी सब्जियां गायब होती जा रही है.

देखें पूरी खबर

सब्जियों के दामों में क्यों हुई यह वृद्धि
झारखंड में मानसून की देरी से प्रवेश करने और प्रवेश के बाद हुई अत्यधिक बारिश के कारण किसान समय पर किसानी नहीं कर पाए. जिस कारण सब्जियों के दामों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है. इसका दूसरा कारण यह है कि जिन किसानों ने सब्जी की खेती मानसून के आने से पहले कर दी थी उन किसानों के खेत में लगे-लगे ही सारे सब्जी खराब हो गए. आलम यह है कि रांची से सटा ओरमांझी जो हरी सब्जी उत्पादन के लिए ही मशहूर है वहां के किसान भी बंगाल-बिहार से आई सब्जियां खरीदने पर मजबूर हो गए हैं.

यह भी पढ़ें- जसकंडी गांव के ग्रामीणों की अनोखी पहल, वर्षा जल संचयन से बदली गांव की तस्वीर


क्या कहते हैं सब्जी विक्रेता
सब्जी के भाव में हो रही इस वृद्धि पर सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मौसम की मार के कारण राज्य में सब्जी उत्पादन सही से नहीं हो पाया. इसके साथ ही बंगाल-बिहार में भी सब्जी उत्पादन में कमी आई है. इसी कारण सब्जियों का दाम डेढ़ से 2 गुना तक बढ़ गया. इतना ही नहीं राजधानी में सब्जी की खेती इतनी कम हुई है कि लॉकी जैसी सब्जी भी राजधानी में बंगाल से निर्यात करने की नौबत आ गई है.

सब्जी दर प्रति किलो (रुपए)
बोदी 10-20
झिंगी 30
नेनुआ 10
टमाटर 40-60
खीरा 40
परवल 50
गाजर 60
फूलगोभी 40-50
पत्ता गोभी 20
शिमला 80-100
प्याज 40-50
बीट 40
कुंदरी 25
भिंडी 40
बैंगन 30
हरी मिर्च 100
अदरक 80
लहसुन 100
फ्रेंचबीन 60
मूली 20
लौकी 40
प्याज साग 30
पालक साग 20
लाल साग 20
खीरा 40
धनिया पत्ती 90-100
कोहड़ा 30
नीबु (2 पीस) 10

सब्जी के दामों में इस वृद्धि का कारण जो भी हो लेकिन इसका असर हर वर्ग पर पड़ रहा है. इससे जहां किसानों की आय प्रभावित हुई है, वहीं सब्जी विक्रेताओं को भी मुनाफा नहीं मिल रहा, आम लोगों के जेब पर जो भार बढ़ रहा है वो तो पड़ ही रहा है.

Intro:रांची
बाइट---सब्जी विक्रेता
बाइट---सब्जी विक्रेता
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राजधानी रांची के बाजारों में हरि सब्जियों का कीमत आसमान छू रहा है जिसका सीधे सामान्य वर्ग लोगों के जेब पड़ रहा है झारखंड में मानसून देरी से प्रवेश करने और बाद में अत्याधिक बारिश होने के कारण ही सब्जियों का रेट में काफी उछाल हुआ है लोग खेतों में सब्जी की खेती समय से नहीं कर पाए। वहीं दूसरी तरफ जो लोग खेती की उसकी खेतों में हल के दिनों में अत्याधिक बारिश के कारण खेतों में लगे फसल खेत मे ही सड़ने लगे है यह कारण है की बाजारों में ₹10 बिकने वाले सब्जी की कीमत आज 40 रुपय से अधिक है









Body:राजधानी की सब्जी मंडियों में इन दिनों बरसात का असर दिखने लगा है यही कारण है कि सब्जी के भाव में 2 गुना तक वृद्धि हुई है सब्जी विक्रेताओं के अनुसार मौसम सही से नहीं आना और फिर बाद में अत्याधिक बारिश के कारण थे तो नहीं सब्जी सर ने लगाया है जिसके कारण राजधानी समेत झारखंड बंगाल के उत्पादन में काफी कमी हुई है कई सब्जियां प्राकृतिक मार से खेत में ही सड़ गई। इसी कारण सब्जियों के दाम डेढ़ से 2 गुना तक बढ़ गया है वही सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि दाम बढ़ने का यह कारण है पत्ता गोभी,फूलगोभी जैसी सब्जी खेत मे ही सड़ रहे है,लौकी बंगाल से आ रही है जिसके कारण लौकी का दाम बाजार में ₹40 किलो तक है ज्यादातर सब्जियां ₹40 किलो से कम नहीं मिल रहा है इसका सीधा असर मध्यम परिवार के लोगों की जेब पर पड़ रहा है। यह कारण लोगों के थाली हरि सब्जी जायब होते ना जरा रही है


क्या कहता है बाजार भाव किस सब्जी की कीमत

टमाटर 40-60 केजी
बोदी-10-20
झिंगी 30
नेनुआ 10
खीरा 40
परवल 50
गाजर 60
फूलगोभी 40-50
पत्ता गोभी 20
शिमला 80-100
प्याज 40-50
धनिया पत्ता 90-100
बीट 40
कुंदरी 25
भिंडी 40
बैंगन 30
हरा मिर्च 100
अदरक 80
लहसुन 100
फ़्रेंचबीन 60
मूली 20
केला 80
नींबू 2 पीस 10
लौकी 40
कोहड़ा 30
प्याज साग 30
पालक साग 20
लाल साग 20
खीरा 40

कुदरत सब्जी विक्रेता द्वारा ली गई बाजार की कीमत






Conclusion:राजधानी रांची सब्जी उत्पादन में काफी मशहूर है सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन रांची से सटे कृषि क्षेत्र के इलाके पिठोरिया इटकी नगड़ी ओरमांझी हरी सब्जी उत्पादन में मशहूर है लेकिन मॉनसून सही समय से नहीं आने के कारण फसल बर्बाद हो गए जिस कारण पिठोरिया इटकी नगरी से आने वाले सब्जियां भी अब राजधानी में महंगे दामों पर बिक रही है जिसका सीधा असर साफ राजधानी के सब्जी बाजारों पर दिख रही है। यहां तक कि लौकी जैसे कई सब्जियां बंगाल राज्यो से झारखंड में आ रहे हैं जिसके कारण बाजार में हर सब्जियों का कीमत काफी उछाल कर गया है

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