रांची: झारखंड के अलग-अलग हिस्सों से मानव तस्करी रोकने और महानगरों में मानव तस्करी के शिकार को रेस्क्यू करने में यूएस काउंसलेट अब मददगार बनेगा. बुधवार को सीआईडी मुख्यालय में राज्यभर के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट(एएचटीयू) और महिला थानेदारों के साथ यूएस काउंसलेट निदेशक मोनिका सी, पब्लिक अफेयर अफसर सोनी दास, दिल्ली व एनसीआर में मानव तस्करी के लिए काम करने वाली संस्था शक्तिवाहिनी के प्रतिनिधियों की बैठक हुई.
बैठक के दौरान सीआईडी के अधिकारियों ने मानव तस्करी रोकने के लिए की गई कार्रवाई और प्रक्रिया की जानकारी यूएस काउंसलेट निदेशक को दी. यूएस काउंसलेट निदेशक ने कहा कि अमेरिका में डाटाबेस तैयार कर मानव तस्करी रोकने का काम किया जाता है. वहां के तौर तरीकों को झारखंड में भी लागू करने की नसीहत दी गई.
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छह साल में 555 मानव तस्कर हुए गिरफ्तार, 918 रेस्क्यू
- सीआईडी के अधिकारियों ने मौके पर दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया कि साल 2013 से जुलाई 2019 तक झारखंड पुलिस ने 555 मानव तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 200 महिला और 355 पुरूष मानव तस्कर शामिल हैं.
- वहीं, इतने ही दिनों में कुल 918 लोगों को रेस्क्यू कराया गया. रेस्क्यू कराए गए लोगों में 736 बच्चियां और महिलाएं हैं, जबकि 182 लड़के हैं.
- कुल 608 एफआईआर इतने दिनों में दर्ज हुए हैं. साल 2019 में पुलिस ने कुल 29 तस्करों को गिरफ्तार किया है और 66 लोग रेस्क्यू हुए हैं. वहीं, 25 एफआईआर भी दर्ज हुए हैं.
बाहर रेस्क्यू के लिए जाएं तो वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर की मदद लें
कार्यक्रम के दौरान सीआईडी के आईजी (संगठित अपराध) रंजीत प्रसाद ने महिला व एएचटीयू थानेदारों को बताया कि महानगर या बाहर के राज्यों में जाएं तो वहां वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर की मदद लें. आईजी ने बताया कि अब प्रत्येक राज्य में ऐसे सेंटर बनाए गए हैं, जहां पुलिस के प्रतिनिधि भी होते हैं. उन प्रतिनिधियों को मामले की जानकारी दें और रेस्क्यू में मदद लें. बैठक में सीआईडी मुख्यालय के आईजी रंजीत प्रसाद के अलावा एटीएस एसपी ए विजयालक्ष्मी भी मौजूद रहीं.