रांची: झारखंड के ग्रामीण इलाकों में फैली बच्चा चोर की अफवाहों की आंच अब राजधानी के शहरी इलाकों तक पहुंच चुकी है. बुधवार की रात 8 बजे सबसे पहले एक विक्षिप्त महिला को भीड़ ने अपना शिकार बनाया. हिंदपीढ़ी इलाके में घूम रही एक विक्षिप्त महिला को देखते ही इलाके में खबर फैल गई की एक महिला बच्चा चुराने के लिए आई हुई है.
अफवाहों के बीच भीड़ ने महिला को पकड़ लिया और उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी. इसी बीच किसी ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला को भीड़ से बचाया और मॉब लिंचिंग की एक और बड़ी वारदात होने से रोक लिया.
एक घंटे के अंदर दूसरी वारदात की सूचना
हिंदपीढ़ी इलाके में हुई इस वारदात को लेकर पुलिस अभी जांच में जुटी ही थी. तब तक यह जानकारी आई की रांची के डेली मार्केट थाना क्षेत्र में भी भीड़ कानून अपने हाथ में लेकर एक व्यक्ति को बच्चा चोरी के आरोप में पीट रही है. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस के एक बार फिर हाथ पांव फूल गए. आनन-फानन में दो थानों के टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद भीड़ से उस व्यक्ति को बचाया गया.
पकड़े गए व्यक्ति को बचाने आई पुलिस के साथ भी भीड़ काफी देर तक उलझी रही. स्थानीय लोगों का कहना था कि जिस व्यक्ति को उन्होंने पकड़ा है उसके पास से कुछ बच्चों की तस्वीर बरामद की गई थी. जब उससे उसकी पहचान पूछी गई तो वह कुछ नहीं बता रहा था. ऐसे में साफ पता चलता है कि वह बच्चा चोर है.
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कोतवाली इंस्पेक्टर के कारण टली वारदात
मॉब लिंचिंग की वारदात को लेकर झारखंड की बदनामी हर तरफ हो रही है. वहीं, दूसरी तरफ भीड़ लगातार बच्चा चोरी के नाम पर लोगों की पिटाई कर रही है. बच्चा चोरी की आग राजधानी तक पहुंच चुकी है. बुधवार की रात अगर कोतवाली थाना प्रभारी श्यामानंद मंडल अपनी टीम के साथ एक्टिव नहीं होते तो दो मॉब लिंचिंग की घटनाएं होने से कोई रोक नहीं पाता.