रांची: नगर निगम परिषद की बैठक के दौरान शनिवार को एक जनप्रतिनिधि और एक पदाधिकारी की गरिमा तार-तार होती हुई दिखी. मेयर आशा लकड़ा ने जहां नगर आयुक्त पर मंच पर ही आरोप लगाए, तो वहीं वार्ड पार्षदों ने मेयर की कार्यशैली पर सवाल उठाए. बता दें कि मेयर आशा लकड़ा और नगर आयुक्त मुकेश कुमार के बीच मंच पर ही तू तू मैं मैं हो गई. मेयर आशा लकड़ा लगातार ये कहती दिखीं कि नगर आयुक्त किसकी अनुमति पर एजेंडा परिषद की बैठक में लाए. इसका जवाब देते हुए नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि कहीं ऐसा प्रावधान नहीं है कि परिषद की बैठक में अध्यक्ष की अनुमति के बिना एजेंडा नहीं लाया जा सकता है और अगर ऐसा प्रावधान है, तो वो माफी मांगने के लिए तैयार हैं.
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परिषद की बैठक में एजेंडे लाने की नहीं अनुमति- मेयर
मेयर ने नगर आयुक्त को कहा कि 'अगर सरकार का संकल्प मानते हैं, तो मेरी ओर से जो पत्र लिखा गया है उसका जवाब पत्र के मध्यम से दें.' उन्होंने कहा कि परिषद की बैठक में एजेंडे लाने की अनुमति नहीं दी गई थी, फिर भी एजेंडा लाया गया. 43 से ज्यादा वार्ड पार्षदों ने लिख कर दिया है कि सारे एजेंडे को पारित किया गया है और वीडियो फुटेज देखकर गठित की गई समिति ने भी रिपोर्ट दी है कि एजेंडा पहले पास किया गया था. उसके बाद परिषद की बैठक को स्थगित किया गया था. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगर कोई निर्णय लिया है, तो उसे बोर्ड के सदस्यों के सामने रखना उनकी जिम्मेदारी है और उसी के तहत एजेंडे को लाया गया था. वहीं मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि नगर आयुक्त को पूरी जानकारी नहीं है.
मेयर की कार्यशैली पर उठे सवाल
निगम वार्ड पार्षदों ने सीधे तौर पर मेयर आशा लकड़ा की कार्यशैली पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि जब परिषद की बैठक को समाप्त करना था, तो बैठक ही क्यों रखी गई. इसके अलावा वार्ड पार्षदों का कहना है कि मेयर की ओर से कुछ पार्षदों को शो कॉज किया गया था. जब उसका जवाब मांगा गया, तो मेयर ने परिषद की बैठक को ही समाप्त कर दिया. ऐसे में कहीं ना कहीं मेयर ने साजिश के तहत बैठक को समाप्त किया है और पार्षदों की बेइज्जती की है. पार्षदों ने कहा है कि मेयर का अगर ऐसा ही रवैया रहा, तो वो बहुत जल्द विश्वास प्रस्ताव लाएंगे.