कोटा. केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते देश के लगभग सभी वर्ग आहत हैं. इसमें दूसरे राज्य में पढ़ने वाले छात्र भी शामिल हैं. ऐसे में कोटा में पढ़ने वाले छात्रों के परमिट पर रोक लगाने के लिए बिहार सरकार ने आपत्ति जताई थी. जिसके बाद कोटा प्रशासन ने लगभग 30 हजार छात्र के परमिट पर रोक लगा दी. ये सभी छात्र झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के हैं.
ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए कोटा में पढ़ने वाले अपने प्रदेश के छात्रों को वापस ले जाने के लिए 250 बसों की व्यवस्था की है. कोटा में यूपी के 8 हजार छात्र रहते हैं, जो अब अपने गृह राज्य के लिए रवाना होंगे. इसमें आगरा से 150 और झांसी से 100 बसें कोटा आने वाली है, जो शुक्रवार की शाम तक कोटा पहुंच जाएगी. इसके साथ ही इन बसों में पुलिसकर्मी और सुरक्षा गार्ड भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा इन छात्रों को शाम का भोजन करवाकर सभी को मास्क, सेनेटाइजर और नाश्ते का पैकेट के साथ पानी की बोतल भी दी जाएगी. वहीं, कोटा के कोचिंग संस्थानों ने भी यूपी के सभी छात्रों की सूची बनानी शुरू कर दी है. उसी के अनुसार उन्हें बसों में शिफ्ट किया जाएगा. कोटा में झारखंड के भी सैकड़ों छात्र रहकर पढ़ाई करते हैं, जिनके घर वापसी के लिए झारखंड सरकार ने अबतक कोई पहल नहीं की है.
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ट्विटर पर चलाया था 'SEND US BACK HOME' अभियान
कोटा के कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्र लॉकडाउन के चलते वहीं फंसे हुए हैं और इससे वे काफी परेशान भी हैं. ऐसे में कोटा प्रशासन ने उनकी परमिट पर रोक लगा दी थी. जिसके बाद इन विद्यार्थियों ने खुद ही ट्विटर पर एक अभियान छेड़ दिया था, जिसको "SEND US BACK HOME" नाम दिया है. इस अभियान के तहत कोटा के छात्रों की ओर से करीब 80 हजार ट्वीट किए गए थे.
दूसरे राज्य के छात्रों के लिए भी किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं
कोटा की कोचिंग संस्थानों के मुताबिक लगभग 2 लाख छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने के लिए आते हैं. दिसंबर के बाद ही कोर्सेज पूरे होना शुरू हो जाते हैं. इन दिनों यहां 20 प्रतिशत ही ऐसे छात्र हैं जिनका या तो परीक्षा केंद्र कोटा में है या फिर वो अगले वर्ष भी पढ़ाई जारी रख रहे हैं. लगभग 10 हजार छात्र अपने परिजनों या कोटा जिला प्रशासन से परमिशन लेकर वापस अपने गृह राज्यों की तरफ लौट गए हैं. अब केवल 30 हजार बच्चे ही कोटा में बचे हैं. ऐसे में कोचिंग संस्थानों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के करीब 8 हजार बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं. इसके अलावा बिहार के करीब 7 हजार, मध्यप्रदेश के 3500, झारखंड, हरियाणा और महाराष्ट्र करीब दो-दो हजार छात्र फंसे हुए हैं. वहीं, नॉर्थ-ईस्ट और पश्चिम बंगाल के एक-एक हजार छात्र भी कोटा में ही है. इनके लिए किसी तरह की व्यवस्था अभी नहीं की गई है.