नई दिल्लीः आम बजट में आदिवासी कल्याण मंत्रालय को मिली राशि पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खुशी जताई है. केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आम बजट 2022-23 में पिछली बार के मुकाबले इस बार केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्रालय का आकार बढ़ा है, 927 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में बजट हमारे मंत्रालय का 7524.87 करोड़ था. इस बार 8451.92 करोड़ था. राशि के मामले में 12.32% वृद्धि हुई है. यह बजट समावेशी है और हर वर्ग को सशक्त बनाएगा.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार ने अगले 25 वर्षों में समृद्ध अर्थव्यवस्था को बनाने का खाका तैयार किया है. आदिवासी छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इसके लिए इस बार के बजट में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) के लिए 2 हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. मंत्रिमंडल ने 15वें वित्त आयोग चक्र में 452 नए विद्यालयों की स्थापना, मौजूदा 211 विद्यालयों के उन्नयन व खेलों के लिए 15 उत्कृष्ट केंद्रों की स्थापना के लिए 28,920 करोड़ रुपया की कुल परिव्यय को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन के लिए 499 करोड़ निर्धारित किया गया है.
उद्यम पूंजी कोष योजना के लिए 50 करोड़ रुपया की स्वीकृति दी गयी है, जिसका मकसद एसटी समुदाय के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना है. अनुसूचित जनजाति छात्रों के लिए पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप के लिये 1965 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है. प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए 419 करोड़ रुपया आवंटित किया गया. आदिवासियों के आय में वृद्धि और उनके उत्पादों को बेहतर दाम मिले एवं बड़ा बाजार मिले, इस दिशा में लगातार काम हो रहा है. देशभर में 145 ट्राइब्स इंडिया के शोरूम में हैं जहां पर आदिवासियों द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचा जाता है. हमारे मंत्रालय द्वारा संचालित संस्था TRIFED के द्वारा यह शोरूम खोले जाते हैं. इसकी संख्या और बढ़ायी जाएगी जिससे आदिवासियों को उनके उत्पादों का बेहतर दाम मिल सके. उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये विपणन व लॉजिस्टिक संबंधी विकास के लिये 107 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी है.