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कोरोना: रिम्स के जूनियर डॉक्टरों का अल्टीमेटम, मांगे नहीं माने जाने पर करेंगे हड़ताल

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Published : May 12, 2021, 9:27 PM IST

रांची में रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने मांग नहीं माने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है, 10 मई को निजी अस्पताल में रिम्स के रेजिडेंट डॉक्टर सिराजुद्दीन की मौत के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सरकार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जिसका कल अंतिम दिन है, जूनियर डॉक्टरों ने सरकार के सामने मृतक के परिजनों को मुआवजे के साथ कुल 5 मांगे रखी है.

Junior doctors will strike
हड़ताल करेंगे जूनियर डॉक्टर

रांची: 10 मई को रिम्स के रेजिडेंट डॉक्टर सिराजुद्दीन की मौत के बाद भड़के जूनियर डॉक्टरों के अल्टीमेटम का कल आखिरी दिन है, मांग नहीं जाने पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. उनके मुताबिक कल तक अगर सरकार मांग नहीं मानती है तो वे कार्य बहिष्कार का फैसला लेने को मजबूर होंगे.

ये भी पढ़ें- परिवार से बिछड़ी लड़की ने इंटरनेट से तलाशा घर का पता, पांच साल बाद करनाल से लौटेगी लातेहार

कैसे हुई रेजिडेंट डॉक्टर की मौत?

कोरोना संक्रमण के बाद रांची के निजी अस्पताल में भर्ती रेजिडेंट डॉक्टर सिराजुद्दीन की मौत हो गई थी, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अनुसार डॉ सिराजुद्दीन कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हुए थे, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौैत हो गई थी, लेकिन न तो सरकार ने और न ही स्वास्थ्य विभाग ने आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके परिवार के लिए किसी मदद का ऐलान किया है, ऐसे में उनकी मांगे पूरी होने के बाद ही वे काम पर लौटेंगे.

क्या है जूनियर डॉक्टरों की मांग ?

सरकार के रवैये से परेशान जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को 5 मांगों को लेकर अल्टीमेटम दिया है. जिसमें संक्रमण से देहांत होने वाले फ्रंटलाइनर्स, डॉक्टरों स्वास्थ्यकर्मियों के परिवार को उचित मुआवजे दिया जाए. कोरोना संक्रमित स्वास्थ्यकर्मी के इलाज का खर्चा स्वास्थ्य बीमा के द्वारा झारखंड सरकार वहन करे. कोरोना इलाज में काम कर रहे चिकित्सको को सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे ही काम कराया जाए, साथ ही साथ कोरोना ड्यूटी की पश्चात उनको समुचित क्वारेंटाइन दिया जाए. चिकित्सकों के बकाया एरियर और प्रोत्साहन राशि का शीघ्र भुगतान हो, और महामारी को देखते हुए रिम्स में ECMO मशीन की व्यवस्था की जाए. जूनियर डॉक्टरों की मांग का समर्थन रिम्स के नर्सो, पारा मेडिकल स्टाफ के साथ साथ वरीय डॉक्टरों ने भी किया है.

मृतक डॉक्टर के लिए क्लाउड फंडिंग

सरकार की तरफ से मदद के लिए कोई जवाब नहीं मिलने पर रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने पीड़ित परिवार के लिए क्लाउड फंडिंग का फैसला लिया है, इसके लिए दिवंगत डॉक्टर की पत्नी रेहाना खातून के बैंक अकाउंट का नबंर 916010071979860, IFSC code - UTIB0001407 और फोन पे, गूगल पे के लिए 7488603872 नंबर जारी किया गया है, जिस पर कोई भी आर्थिक मदद कर सकता है.

हड़ताल से हालात बिगड़ने का डर

ऐसे समय में जब झारखंड में करोना संक्रमण पीक पर है, परेशान लोग अस्पताल और डॉक्टरों के लिए मारे मारे फिर रहे हैं, वैसे समय में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से हालात और बिगड़ने का अंदेशा है.

रांची: 10 मई को रिम्स के रेजिडेंट डॉक्टर सिराजुद्दीन की मौत के बाद भड़के जूनियर डॉक्टरों के अल्टीमेटम का कल आखिरी दिन है, मांग नहीं जाने पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. उनके मुताबिक कल तक अगर सरकार मांग नहीं मानती है तो वे कार्य बहिष्कार का फैसला लेने को मजबूर होंगे.

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कैसे हुई रेजिडेंट डॉक्टर की मौत?

कोरोना संक्रमण के बाद रांची के निजी अस्पताल में भर्ती रेजिडेंट डॉक्टर सिराजुद्दीन की मौत हो गई थी, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अनुसार डॉ सिराजुद्दीन कोरोना संक्रमितों का इलाज करते हुए खुद संक्रमित हुए थे, जिसके बाद इलाज के दौरान उनकी मौैत हो गई थी, लेकिन न तो सरकार ने और न ही स्वास्थ्य विभाग ने आर्थिक संकट से जूझ रहे उनके परिवार के लिए किसी मदद का ऐलान किया है, ऐसे में उनकी मांगे पूरी होने के बाद ही वे काम पर लौटेंगे.

क्या है जूनियर डॉक्टरों की मांग ?

सरकार के रवैये से परेशान जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को 5 मांगों को लेकर अल्टीमेटम दिया है. जिसमें संक्रमण से देहांत होने वाले फ्रंटलाइनर्स, डॉक्टरों स्वास्थ्यकर्मियों के परिवार को उचित मुआवजे दिया जाए. कोरोना संक्रमित स्वास्थ्यकर्मी के इलाज का खर्चा स्वास्थ्य बीमा के द्वारा झारखंड सरकार वहन करे. कोरोना इलाज में काम कर रहे चिकित्सको को सप्ताह में अधिकतम 48 घंटे ही काम कराया जाए, साथ ही साथ कोरोना ड्यूटी की पश्चात उनको समुचित क्वारेंटाइन दिया जाए. चिकित्सकों के बकाया एरियर और प्रोत्साहन राशि का शीघ्र भुगतान हो, और महामारी को देखते हुए रिम्स में ECMO मशीन की व्यवस्था की जाए. जूनियर डॉक्टरों की मांग का समर्थन रिम्स के नर्सो, पारा मेडिकल स्टाफ के साथ साथ वरीय डॉक्टरों ने भी किया है.

मृतक डॉक्टर के लिए क्लाउड फंडिंग

सरकार की तरफ से मदद के लिए कोई जवाब नहीं मिलने पर रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने पीड़ित परिवार के लिए क्लाउड फंडिंग का फैसला लिया है, इसके लिए दिवंगत डॉक्टर की पत्नी रेहाना खातून के बैंक अकाउंट का नबंर 916010071979860, IFSC code - UTIB0001407 और फोन पे, गूगल पे के लिए 7488603872 नंबर जारी किया गया है, जिस पर कोई भी आर्थिक मदद कर सकता है.

हड़ताल से हालात बिगड़ने का डर

ऐसे समय में जब झारखंड में करोना संक्रमण पीक पर है, परेशान लोग अस्पताल और डॉक्टरों के लिए मारे मारे फिर रहे हैं, वैसे समय में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से हालात और बिगड़ने का अंदेशा है.

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