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रांची: चाचा- भतीजे ने उड़ाया था कोकर के व्यवसायी का 48 लाख, रांची पुलिस ने बिहार से किया गिरफ्तार - Ranchi police arrested two thugs from Bihar

रांची में कोकर के व्यवसायी रमेश अग्रवाल और विनोद कुमार से 48 लाख रुपया गायब करने के मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपियों के पास से छह लाख रुपए बरामद किया है. दोनो आरोपी को पुलिस ने बिहार के कैमुर जिले के भभुवा से गिरफ्तार कर लिया है.

Two accused of cheating 48 lakh from businessman of Coker arrested in ranchi
दो ठग गिरफ्तार
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Published : Jun 24, 2020, 10:17 PM IST

रांची: जिले के सदर थाना क्षेत्र के कोकर के व्यवसायी रमेश अग्रवाल और विनोद कुमार से 48 लाख रुपए गायब करने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. मामले में रांची पुलिस ने दोनो आरोपियों को बिहार के कैमुर जिले के भभुवा से गिरफ्तार कर लिया है.


सोनू गुप्ता के नाम पर की थी ठगी
गिरफ्तार आरोपियों में राजेश प्रजापति और उसका भतीजा नागेंद्र प्रजापति शामिल है. दोनो आरोपियों को पुलिस रांची लेकर आई है. आरोपी राजेश ने ही सोनू गुप्ता बनकर व्यवसायी रमेश से 48 लाख रुपए की ठगी की थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से छह लाख रुपए बरामद किया है. पूछताछ के क्रम में आरोपियों ने खुलासा किया है की रमेश के बैग में 48 लाख रुपए नहीं थे, बल्कि सिर्फ 15 लाख रुपए ही थे, जिसमें नौ लाख रुपए खर्च हो गए. हालांकि पुलिस दोनो आरोपियों से पूछताछ कर रही है.


21 जून को गाड़ी से उड़ाया था पैसा
कोकर स्थित सेनेटरी दुकान के संचालक रमेश अग्रवाल की कार में रखे पैसों को आरोपियों ने 21 जून को उड़ा लिया था. लगभग तीन महीने पहले राजेश ने खुद को सोनू बता रमेश अग्रवाल की दुकान पर कोई सामान लेने के बहाने पहुंचा था. इस दौरान सोनू ने खुद को कोलकाता से सेनेटरी आइटम और दवा का हॉलसेलर बताया और सस्ते दामों में सप्लाई की बात कही. इसपर रमेश अग्रवाल ने अपने दवा कारोबारी दोस्त विनोद कुमार से संपर्क किया और बताया की उसकी मुलाकात सोनू नाम के दवा के हॉलसेलर से हुई है. वह सस्ते दामों में दवा उपलब्ध कराएगा. इससे विनोद भी झांसे में आ गया. इसके बाद दवा सप्लाई की पूरी डील तय हुई.

इसे भी पढे़ं:- रांचीः राकेश साहू हत्याकांड में पुलिस की लापरवाही, नहीं थम रहा भू माफिया का आतंक


इरबा के पास रखा था अपनी गाड़ी
बीते 21 जून को खुद को सोनू बताने वाला राजेश रमेश अग्रवाल की दुकान पर पहुंचा था, जहां से बातचीत के बाद पैसे देने की बात तय हुई थी. इस बीच राजेश ने बूटी मोड़ तक छोड़ने की बात कही थी. बूटी मोड़ तक छोड़ने के दौरान नागेंद्र प्रजापति भी मौजूद था. इस दौरान दोनों ने इरबा तक छोड़ने की बात कही. छोड़ने के लिए जब रमेश इरबा गए और वापस कोकर पहुंचे तो उनकी कार में रखा रुपये से भरा बैग गायब हो था. इसके बाद फोन पर संपर्क करने पर राजेश का मोबाइल बंद मिल रहा था. बाद में पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से बिहार पहुंची टीम ने आरोपियों को दबोच लिया.

रांची: जिले के सदर थाना क्षेत्र के कोकर के व्यवसायी रमेश अग्रवाल और विनोद कुमार से 48 लाख रुपए गायब करने के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. मामले में रांची पुलिस ने दोनो आरोपियों को बिहार के कैमुर जिले के भभुवा से गिरफ्तार कर लिया है.


सोनू गुप्ता के नाम पर की थी ठगी
गिरफ्तार आरोपियों में राजेश प्रजापति और उसका भतीजा नागेंद्र प्रजापति शामिल है. दोनो आरोपियों को पुलिस रांची लेकर आई है. आरोपी राजेश ने ही सोनू गुप्ता बनकर व्यवसायी रमेश से 48 लाख रुपए की ठगी की थी. पुलिस ने आरोपियों के पास से छह लाख रुपए बरामद किया है. पूछताछ के क्रम में आरोपियों ने खुलासा किया है की रमेश के बैग में 48 लाख रुपए नहीं थे, बल्कि सिर्फ 15 लाख रुपए ही थे, जिसमें नौ लाख रुपए खर्च हो गए. हालांकि पुलिस दोनो आरोपियों से पूछताछ कर रही है.


21 जून को गाड़ी से उड़ाया था पैसा
कोकर स्थित सेनेटरी दुकान के संचालक रमेश अग्रवाल की कार में रखे पैसों को आरोपियों ने 21 जून को उड़ा लिया था. लगभग तीन महीने पहले राजेश ने खुद को सोनू बता रमेश अग्रवाल की दुकान पर कोई सामान लेने के बहाने पहुंचा था. इस दौरान सोनू ने खुद को कोलकाता से सेनेटरी आइटम और दवा का हॉलसेलर बताया और सस्ते दामों में सप्लाई की बात कही. इसपर रमेश अग्रवाल ने अपने दवा कारोबारी दोस्त विनोद कुमार से संपर्क किया और बताया की उसकी मुलाकात सोनू नाम के दवा के हॉलसेलर से हुई है. वह सस्ते दामों में दवा उपलब्ध कराएगा. इससे विनोद भी झांसे में आ गया. इसके बाद दवा सप्लाई की पूरी डील तय हुई.

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इरबा के पास रखा था अपनी गाड़ी
बीते 21 जून को खुद को सोनू बताने वाला राजेश रमेश अग्रवाल की दुकान पर पहुंचा था, जहां से बातचीत के बाद पैसे देने की बात तय हुई थी. इस बीच राजेश ने बूटी मोड़ तक छोड़ने की बात कही थी. बूटी मोड़ तक छोड़ने के दौरान नागेंद्र प्रजापति भी मौजूद था. इस दौरान दोनों ने इरबा तक छोड़ने की बात कही. छोड़ने के लिए जब रमेश इरबा गए और वापस कोकर पहुंचे तो उनकी कार में रखा रुपये से भरा बैग गायब हो था. इसके बाद फोन पर संपर्क करने पर राजेश का मोबाइल बंद मिल रहा था. बाद में पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से बिहार पहुंची टीम ने आरोपियों को दबोच लिया.

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