रांचीः राजधानी के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत के अलावा 12 कैदी रिहा कर दिए गए.
अच्छे आचरण को देखते हुए किया गया था अनुसंशा
बुधवार को सभी 12 कैदियों को उनके अच्छे आचरण और व्यवहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने छोड़ने का निर्णय लेते हुए गृह विभाग से अनुसंशा की थी. इसपर स्वीकृति के बाद उन्हें गृह विभाग ने विशेष परिहार प्रदान करते हुए रिहा करने का निर्णय लिया. जेल से छूटते ही सभी के चेहरे पर खुशी झलक रही थी और खुशी के आंसू दिखाई दे रहे थे. वे सरकार से मिली इस छूट पर धन्यवाद दे रहे थे.
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अलग-अलग जेलों से रिहाई कर लाए गए थे होटवार
गांधी जयंती के अवसर पर जिन कैदियों को रिहा किया गया है, उनमें चार कैदी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार रांची, एक कैदी जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग और सात कैदी केंद्रीय कारा दुमका के हैं. सभी कैदियों को रांची जेल लाया गया था. गांधी जयंती के अवसर पर सभी को एक साथ बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार परिसर से ही रिहाई दी गई. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वीं जयंती पर देश भर में 60 साल से उपर के या वैसे बंदी जो सामान्य अपराध के बंदी है, लाचार भी हैं और 50 फीसद से ज्यादा सजा काट चुके हैं, उन्हें रिहा करने का आदेश दिया गया था. झारखंड से ऐसे 12 कैदियों का चयन किया गया था.
जेल गेट पर पूर्व विधायक का किया स्वागत
लोहरदगा के कमल किशोर भगत पर जून 2015 में रांची के नामी चिकित्सक डॉ. केके सिन्हा (अब मृत) पर हमला, मारपीट और रंगदारी मांगने के मामले में सात साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा था. सजा की वजह से ही उनकी विधायकी भी समाप्त कर दी गई थी. कमल किशोर भगत आजसू के टिकट पर लोहरदगा से चुनाव जीते थे. जेल से बाहर आने के बाद पूर्व विधायक ने सरकार को धन्यवाद किया. जेल गेट के पास उनके समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया.