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रांची: बदलना होगा डीएसपीएमयू का नाम, आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने वीसी के समक्ष रखा मांग - आदिवासी छात्र संघ के विद्यार्थियों का विरोध

रांची में एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने से आदिवासी छात्र संघ से जुड़े विद्यार्थियों ने डीएसपीएमयू का नाम बदलने को लेकर आंदोलन की बात कही है. आदिवासी छात्र संघ का कहना है कि डीएसपीएमयू का नाम बदलकर झारखंड के किसी महापुरुष के नाम पर रखना चाहिए. इसी के तहत आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने वीसी के समक्ष मांग रखी है.

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डीएसपीएमयू काम नाम बदलने की मांग
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Published : Jul 4, 2020, 5:48 PM IST

रांची: डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग एक बार फिर उठने लगी है. डीएसपीएमयू के छात्र संघ के आदिवासी छात्र संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति एस एन मुंडा के समक्ष इस संबंध में मांग रखी है.

डीएसपीएमयू का नाम बदलने को लेकर आंदोलन
गौरतलब है कि रांची कॉलेज रांची जो फिलहाल डीएसपीएमयू है, जिसे रांची विश्वविद्यालय से अलग कर विश्वविद्यालय में तब्दील किया गया है. इसका नाम वर्ष 2017 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय कर दिया गया था. उस दौरान भी इस विश्वविद्यालय का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय किए जाने से काफी विरोध हुआ था, लेकिन उस विरोध का खास असर निवर्तमान भाजपा सरकार पर नहीं हुआ था. एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने से आदिवासी छात्र संघ से जुड़े विद्यार्थियों ने डीएसपीएमयू का नाम बदलने को लेकर आंदोलन करने की बात कही जा रही है.


इसे भी पढ़ें-नई विद्युत नीति को लेकर सीएम हेमंत सोरेन का बयान, गैर भाजपा शासित राज्यों को अस्थिर कर रही केंद्र सरकार


झारखंड के किसी महापुरुष के नाम से हो विश्वविद्यालय का नामकरण
आदिवासी छात्र संघ से जुड़े विद्यार्थियों का कहना है कि इस विश्वविद्यालय का नाम झारखंड के किसी महापुरुष के नाम से होना चाहिए न कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक के नाम से. विद्यार्थियों ने डीएसपीएमयू के कुलपति एस एन मुंडा के समक्ष इस मामले को लेकर मांग रखी है. विद्यार्थियों का कहना है कि झारखंड में अनेकों महापुरुष है, उनके नामों को नजर अंदाज कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रखा जाना यह बहुत ही अनुचित है. कुलपति से मांग है कि विश्वविद्यालय का नाम पुनः परिवर्तन कर झारखंड के महापुरुष के नाम से रखा जाए, नहीं तो आने वाले समय में जोरदार आंदोलन किया जाएगा.

आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को रही आपत्ति
रांची विश्वविद्यालय के पीजी विभाग और विभिन्न कॉलेजों को अलग कर रांची विश्वविद्यालय को सेपरेट किया गया है. उस दौरान झारखंड में भाजपा की सरकार थी. भाजपा सरकार के पहल पर रांची कॉलेज का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रखा गया और उस समय से ही इस विश्वविद्यालय के नाम पर आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं का आपत्ति रहा है. एक बार फिर आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ता इस विश्वविद्यालय के नाम को लेकर विरोध दर्ज कराया है.

रांची: डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय का नाम बदलने की मांग एक बार फिर उठने लगी है. डीएसपीएमयू के छात्र संघ के आदिवासी छात्र संगठन से जुड़े कुछ पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति एस एन मुंडा के समक्ष इस संबंध में मांग रखी है.

डीएसपीएमयू का नाम बदलने को लेकर आंदोलन
गौरतलब है कि रांची कॉलेज रांची जो फिलहाल डीएसपीएमयू है, जिसे रांची विश्वविद्यालय से अलग कर विश्वविद्यालय में तब्दील किया गया है. इसका नाम वर्ष 2017 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय कर दिया गया था. उस दौरान भी इस विश्वविद्यालय का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय किए जाने से काफी विरोध हुआ था, लेकिन उस विरोध का खास असर निवर्तमान भाजपा सरकार पर नहीं हुआ था. एक बार फिर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने से आदिवासी छात्र संघ से जुड़े विद्यार्थियों ने डीएसपीएमयू का नाम बदलने को लेकर आंदोलन करने की बात कही जा रही है.


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झारखंड के किसी महापुरुष के नाम से हो विश्वविद्यालय का नामकरण
आदिवासी छात्र संघ से जुड़े विद्यार्थियों का कहना है कि इस विश्वविद्यालय का नाम झारखंड के किसी महापुरुष के नाम से होना चाहिए न कि भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक के नाम से. विद्यार्थियों ने डीएसपीएमयू के कुलपति एस एन मुंडा के समक्ष इस मामले को लेकर मांग रखी है. विद्यार्थियों का कहना है कि झारखंड में अनेकों महापुरुष है, उनके नामों को नजर अंदाज कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रखा जाना यह बहुत ही अनुचित है. कुलपति से मांग है कि विश्वविद्यालय का नाम पुनः परिवर्तन कर झारखंड के महापुरुष के नाम से रखा जाए, नहीं तो आने वाले समय में जोरदार आंदोलन किया जाएगा.

आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं को रही आपत्ति
रांची विश्वविद्यालय के पीजी विभाग और विभिन्न कॉलेजों को अलग कर रांची विश्वविद्यालय को सेपरेट किया गया है. उस दौरान झारखंड में भाजपा की सरकार थी. भाजपा सरकार के पहल पर रांची कॉलेज का नाम डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रखा गया और उस समय से ही इस विश्वविद्यालय के नाम पर आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं का आपत्ति रहा है. एक बार फिर आदिवासी छात्र संघ से जुड़े कार्यकर्ता इस विश्वविद्यालय के नाम को लेकर विरोध दर्ज कराया है.

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