रांची: मांडर विधायक बंधु तिर्की ने विधानसभा में आवाज उठाने के बाद 15 साल से न्यायालय के आदेश के बावजूद दूसरे के कब्जे में फंसी एक आदिवासी परिवार की जमीन मुक्त करायी जा सकी. पूर्वजों की खोई जमीन के वापस मिलने से आदिवासी जमीन मालिक ने बंधु तिर्की के प्रति आभार जताते हुए गुरुवार को उनके बनहोरा स्थित आवास जा कर जानकारी दी.
जिले के ओरमांझी थाना क्षेत्र के हिसातू गांव के वृद्ध असमु उरांव को कई वर्षों बाद उनकी जमीन पर कब्जा दिलवाया गया. असमु उरांव ने अशोक राव के खाता संख्या 44 के कुल 98 डिसमिल भूमि पर गांव के दुति महतो का कब्जा था. इसे लेकर असमु उरांव की ओर से वर्ष 2003 में न्यायालय में मामला ले जाया गया था. न्यायालय ने 2005 में ही दखल दिलाने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बार-बार दखल दिलाने की कार्रवाई टलती गई. स्थानीय प्रशासन ने कब्जा दिलाने में देरी होने के कारण असमु और उनके परिजनों ने विधायक बंधु तिर्की से न्याय दिलाने का आग्रह किया था.
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ऐसे में बंधु तिर्की ने विधानसभा सत्र के दौरान 13 मार्च को तारांकित प्रश्न के दौरान असमु उरांव का दखलदिहानी का मामला उठाया था. जिसमें संबंधित विभाग राजस्व निबंधन और भूमि सुधार के जरिए कब्जे की बात सही पाई गयी. जिसके बाद सीओ शिव शंकर पांडे के नेतृत्व में प्रशासन के जरिए उस जमीन पर असमु उरांव को मंगलवार को कब्जा दिलाया गया.