रांची: जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी समाज के सैकड़ों लोगों ने सड़क पर उतरकर मानव श्रंखला बनाई. मानव श्रृंखला में खड़े बुजुर्ग महिला पुरुष और बच्चों ने हाथों में तख्ती और कंधों पर सरना धर्म झंडा लेकर लेकर प्रदर्शन किया.
आदिवासी समाज के अगुवा पंचु मिंज ने कहा कि झारखंड विधानसभा में मॉनसून सत्र के दौरान अगर आदिवासियों की सरना धर्म कोड की आवाज नहीं उठती है तो आदिवासी समाज उग्र आंदोलन पर उतरेंगे, यही नहीं झारखंड के आदिवासी जितने भी विधायक हैं अगर वे भी विधानसभा सत्र के दौरान आदिवासी कॉलम की मांग नहीं करते हैं तो वैसे विधायकों का भी आदिवासी समाज बहिष्कार करेगा.
इसे भी पढे़ं:- विधायक विनोद सिंह पहुंचे मोरहाबादी मैदान, सहायक पुलिसकर्मियों को दी सांत्वना
वहीं सरना समिति के सचिव विकास मिंज ने कहा कि 2021 में होने वाले जनगणना सर्वे से पहले सरना धर्म कोड लागू नहीं होता है तो आदिवासी समाज के लोग जनगणना का विरोध करेंगे. आदिवासी नेत्री आशामणी मिंज ने कहा कि हमारी पहचान तभी होगी जब हमारी सरना धर्म कोड की मांग पूरी होगी. जब तक मांगी पूरी नहीं होगी तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे.