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कोरोना की दवा के लिए RIMS में ट्रायल, 300 मरीजों पर रिसर्च की तैयारी

कोरोना की दवा के लिए RIMS में ट्रायल जल्द ही शुरू होगा. इसके लिए RIMS में कोलेस्ट्रॉल और दिल की दवा Atorvastatin से कोरोना के इलाज की तैयारी की जा रही है. इस शोध के सकारात्मक नतीजे आए तो कोरोना से लोगों की जान बचाना आसान और सस्ता हो जाएगा. 300 माइल्ड और मॉडरेट लक्षण वाले संक्रमितों पर शोध के लिए रिम्स की एथिकल कमेटी (Ethical committee of RIMS) ने 4 जून को अनुमति दे दी है.

Trial on patients for Corona medicine in RIMS
कोरोना की दवा के लिए RIMS में ट्रायल
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Published : Jun 12, 2021, 9:38 PM IST

Updated : Jun 13, 2021, 8:12 PM IST

रांचीः झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को एक रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित करने की कोशिश लगातार की जा रही है. कोरोना की दवा के लिए RIMS में ट्रायल जल्द ही शुरू होगा. कोरोनावायरस को लेकर रिम्स में पहली बार एक दवा का प्रयोग माइल्ड/मॉडरेट लक्षण वाले कोविड संक्रमित 300 लोगों पर करने की तैयारी है. संक्रमितों पर शोध के लिए रिम्स की एथिकल कमेटी (Ethical committee of RIMS) ने 4 जून को अनुमति दे दी है.

Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स में कोरोना की दवा का ट्रायल होगा

ये भी पढ़ें-कोरोना की तीसरी लहर और मौसमी बीमारी से बच्चों को कैसे बचाएं, इन बातों का रखें ध्यान..

मिली जानकारी के अनुसार एटोरवास्टेटिन ( Atorvastatin) नाम की दवा, जिसका उपयोग डॉक्टर अभी तक कोलेस्ट्रॉल या लिपिड को कम करने या अन्य दिल संबंधी बीमारियों में किया करते थे, अब उसका प्रभाव कोरोना मरीजों पर देखने की तैयारी रिम्स ने की है. इस रिसर्च के लिए रिम्स की एथिकल कमेटी ने 4 जून को ही अनुमति दे दी है.



डॉ. प्रभात कुमार की अगुवाई में 300 लोगों पर होगा शोध


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माइल्ड लक्षण वाले कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति पर एटोरवास्टेटिन दवा का क्या प्रभाव पड़ता है. इस रिसर्च के लिए 17 डॉक्टर की टीम बनाई गई है, जिसमें ट्रॉमा सेंटर के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य, डॉ. जयप्रकाश, डॉक्टर पीजी सरकार, डॉ. अजीत, डॉ. ऋषि, डॉक्टर निशित एक्का, डॉक्टर अनुपा प्रसाद, डॉ. प्रज्ञा पंत, डॉ. सुरेंद्र, डॉक्टर लखन मांझी, डॉ. अमित, डॉ. दिनेश सहित कुल 17 डॉक्टर को शामिल है. ये चिकित्सक माइल्ड लक्षण वाले 300 कोरोना संक्रमितों को दिल की दवा देकर मरीजों पर उसके प्रभाव की जांच करेंगे.

देखें स्पेशल खबर
मरीजों का चयन हुआईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार इस रिसर्च के लिए करोना के माइल्ड सिम्टम्स वाले 300 मरीजों का चयन कर लिया गया है और उन्हें अस्पताल में रखकर डॉक्टर की निगरानी में यह दवा 15 दिन सामान्य डोज से अधिक मात्रा में दी जाएगी और फिर 30 दिन तक मरीजों को ऑब्जर्व किया जाएगा,उसके नतीजे को डाटा के रूप में रिकॉर्ड किया जाएगा.

ये भी पढ़ें-थर्ड वेव के लिए प्रशासन की तैयारी, 20 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू खोलने का निर्देश

अभी क्यों होता है Atorvastatin का उपयोग एटोरवास्टेटिन (Atorvastatin) नाम की दवा का अब तक डॉक्टर दिल की कुछ बीमारियों और हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए इस्तेमाल करते थे. इस रिसर्च कार्य का नेतृत्व करने वाले डॉ. प्रभात कुमार ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि अगर यह प्रयोग पॉजिटिव रहा तो इसका फायदा कोरोना मरीजों के इलाज में होगा.
Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स में कोरोना की दवा के लिए ट्रायल होगा
Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स जहां कोरोना की दवा के लिए ट्रायल होगा
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ सर्जन डॉ. डीके सिन्हा ने प्रयोग के लिए इस दवा के चयन को लेकर एक सवाल पर कहा कि ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान ब्लड क्लॉटिंग की समस्या आती है जबकि एटोरवास्टेटिन नाम की दवा शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसीलिए इस दवा का चयन इस प्रयोग के लिए किया गया है.

रांचीः झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को एक रिसर्च सेंटर के रूप में विकसित करने की कोशिश लगातार की जा रही है. कोरोना की दवा के लिए RIMS में ट्रायल जल्द ही शुरू होगा. कोरोनावायरस को लेकर रिम्स में पहली बार एक दवा का प्रयोग माइल्ड/मॉडरेट लक्षण वाले कोविड संक्रमित 300 लोगों पर करने की तैयारी है. संक्रमितों पर शोध के लिए रिम्स की एथिकल कमेटी (Ethical committee of RIMS) ने 4 जून को अनुमति दे दी है.

Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स में कोरोना की दवा का ट्रायल होगा

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मिली जानकारी के अनुसार एटोरवास्टेटिन ( Atorvastatin) नाम की दवा, जिसका उपयोग डॉक्टर अभी तक कोलेस्ट्रॉल या लिपिड को कम करने या अन्य दिल संबंधी बीमारियों में किया करते थे, अब उसका प्रभाव कोरोना मरीजों पर देखने की तैयारी रिम्स ने की है. इस रिसर्च के लिए रिम्स की एथिकल कमेटी ने 4 जून को ही अनुमति दे दी है.



डॉ. प्रभात कुमार की अगुवाई में 300 लोगों पर होगा शोध


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार माइल्ड लक्षण वाले कोरोनावायरस संक्रमित व्यक्ति पर एटोरवास्टेटिन दवा का क्या प्रभाव पड़ता है. इस रिसर्च के लिए 17 डॉक्टर की टीम बनाई गई है, जिसमें ट्रॉमा सेंटर के हेड डॉक्टर प्रदीप भट्टाचार्य, डॉ. जयप्रकाश, डॉक्टर पीजी सरकार, डॉ. अजीत, डॉ. ऋषि, डॉक्टर निशित एक्का, डॉक्टर अनुपा प्रसाद, डॉ. प्रज्ञा पंत, डॉ. सुरेंद्र, डॉक्टर लखन मांझी, डॉ. अमित, डॉ. दिनेश सहित कुल 17 डॉक्टर को शामिल है. ये चिकित्सक माइल्ड लक्षण वाले 300 कोरोना संक्रमितों को दिल की दवा देकर मरीजों पर उसके प्रभाव की जांच करेंगे.

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मरीजों का चयन हुआईटीवी भारत को मिली जानकारी के अनुसार इस रिसर्च के लिए करोना के माइल्ड सिम्टम्स वाले 300 मरीजों का चयन कर लिया गया है और उन्हें अस्पताल में रखकर डॉक्टर की निगरानी में यह दवा 15 दिन सामान्य डोज से अधिक मात्रा में दी जाएगी और फिर 30 दिन तक मरीजों को ऑब्जर्व किया जाएगा,उसके नतीजे को डाटा के रूप में रिकॉर्ड किया जाएगा.

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अभी क्यों होता है Atorvastatin का उपयोग एटोरवास्टेटिन (Atorvastatin) नाम की दवा का अब तक डॉक्टर दिल की कुछ बीमारियों और हाई कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड को कम करने के लिए इस्तेमाल करते थे. इस रिसर्च कार्य का नेतृत्व करने वाले डॉ. प्रभात कुमार ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि अगर यह प्रयोग पॉजिटिव रहा तो इसका फायदा कोरोना मरीजों के इलाज में होगा.
Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स में कोरोना की दवा के लिए ट्रायल होगा
Trial on patients for Corona medicine in RIMS
रिम्स जहां कोरोना की दवा के लिए ट्रायल होगा
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी और वरिष्ठ सर्जन डॉ. डीके सिन्हा ने प्रयोग के लिए इस दवा के चयन को लेकर एक सवाल पर कहा कि ऐसा देखा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान ब्लड क्लॉटिंग की समस्या आती है जबकि एटोरवास्टेटिन नाम की दवा शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसीलिए इस दवा का चयन इस प्रयोग के लिए किया गया है.
Last Updated : Jun 13, 2021, 8:12 PM IST
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