रांची: झारखंड में कोरोना से अब तक तीन दर्जन से अधिक छोटे-बड़े नेता संक्रमित हो चुके हैं. कई लोग वर्तमान समय में कोरोना के कारण गंभीर रूप से बीमार हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के दफ्तरों में सन्नाटा पसर गया है. संक्रमण के खतरे को भांप कर राजनेता अपने घरों में भी समर्थकों से नहीं मिल रहे हैं. सियासत कमजोर न पड़े इसलिए सोशल मीडिया पर जोर-आजमाइश बढ़ती जा रही है. फिजिकल से वर्चुअल की ओर राजनीति शिफ्ट होते जा रही है.
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कोरोना ने राजनीति की दशा और दिशा बदल दी है. झारखंड सहित देशभर में फैले इस वैश्विक महामारी के शिकार राजनेता भी होते जा रहे हैं. कोविड-19 के पहले चरण में पिछले साल 2020 में झारखंड के नेताओं के संक्रमित होने की लंबी चौड़ी लिस्ट है. मार्च 2020 में हिंदपीढ़ी इलाके में पहला पॉजिटिव केस पाया गया था, जिसके बाद संक्रमण का सिलसिला आज तक जारी है. अब तक तीन दर्जन से अधिक बड़े नेता कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं. साल 2020 में राज्य सरकार के अधिकांश मंत्री भी कोरोना संक्रमित हुए थे. हाजी हुसैन अंसारी कोरोना पॉजिटिव से निजात पाने के तुरंत बाद गंभीर रूप से बीमार हो गए थे, जिसके कारण उनका निधन हो गया. वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना की वजह से काफी गंभीर हुए थे, जिसके बाद उनका लंग्स ट्रांसप्लांट कराना पड़ा था.
झारखंड के वो राजनेता जो पहले फेज में हुए संक्रमित
- हाजी हुसैन अंसारी
- शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो
- वित्त मंत्री रामेश्वर उरांंव
- पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर
- स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
- कृषि मंत्री बादल पत्रलेख
- विधायक दीपिका पांडेय सिंह
- विधायक सी पी सिंह
- पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी
- आजसू प्रमुख सुदेश महतो
- कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर
- कांग्रेस नेता आलोक दुबे
- झामुमो नेता मनोज पांडे
कोरोना की दूसरी लहर में ये नेता हुए संक्रमित
- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा
- स्पीकर रवींद्रनाथ महतो
- सांसद अन्नपूर्णा देवी
- विधायक सरयू राय
- विधायक इंद्रजीत महतो
- विधायक राज सिन्हा
- विधायक नवीन जायसवाल
- विधायक अमर बाउरी
- विधायक बिरंची नारायण
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नेता ले रहे सोशल साइट का सहारा
कोरोना के कारण नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीमार होते देख राजनीतिक दलों ने अपने दफ्तरों में ताला लगा रखा है. ऐसे में राजनीति भी वर्चुअल पर शिफ्ट हो गई है. कोरोना काल में आमलोगों से जुड़े रहने के लिए राजनीतिक दलों ने सोशल मीडिया का सहारा ले लिया है, जिसके जरिए ना केवल अपने दलों के अंदर की गतिविधि के बारे में कार्यकर्ताओं को जानकारी दी जा रही है, बल्कि इसके जरिए राजनीतिक हमले भी किए जा रहे हैं. कोरोना के कारण एक सप्ताह से अधिक समय से बंद बीजेपी दफ्तर में भले ही नेताओं का जमावड़ा नहीं लग रहा हो, लेकिन उनकी बयानबाजी सोशल मीडिया पर जरूर सरकार को घेरने के लिए हो रही है. वहीं सत्तारूढ़ दल कांग्रेस दफ्तर में भी आम दिनों की अपेक्षा लोगों की भीड़ नहीं के बराबर है. सभी नेता घर से ही कोरोना काल में कार्यकर्ताओं से रायशुमारी वर्चुअल मोड में करते हुए विपक्ष के हमले से बचने के लिए फेसबुक,व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल कर रहे हैं.