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प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों और दिव्यांग बच्चों की शांति रैली, सहानुभूति नहीं सहयोग का लगाया नारा - trained special teachers and specially abled chidren marched rally in Ranchi

रांची में विशेष शिक्षक, दिव्यांग बच्चे और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने संयुक्त रूप से जिला स्कूल से एक शांति मार्च निकाला. झारखंड में सर्व शिक्षा अधिकार अधिनियम का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है. इससे खफा होकर प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने राजधानी रांची में यह मार्च निकाला.

शांति रैली
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Published : Aug 25, 2019, 4:14 PM IST

रांचीः राजधानी में प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ के तत्वाधान में विशेष शिक्षक, दिव्यांग बच्चे और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने संयुक्त रूप से जिला स्कूल से एक शांति मार्च निकाला. इनलोगों कहना है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का झारखंड में पालन नहीं हो रहा है. जिससे उन्हें परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

शिक्षा के अधिकार अधिनियम का नहीं हो रहा पालन
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चों का नामांकन किसी भी सरकारी, गैर-सरकारी और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा लिए नामांकन कराने का आदेश है. इस आदेश का झारखंड में पालन नहीं हो रहा है. ऐसे और भी कई मांगों को लेकर लंबे अरसे से प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. एक बार फिर इस संगठन ने अपनी पीड़ा इस मार्च के जरिए बताई है.

यह भी पढ़ें- नीतीश कुमार का झारखंड दौरा स्थगित, अरूण जेटली के निधन के कारण लिया गया फैसला

हमें सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए
शांति मार्च में प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने ' हमें सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए' इस स्लोगन के साथ राजधानी की सड़कों पर रैली निकाली. दरअसल दिव्यांग बच्चों और विशेष बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कई लाभ दिए गए हैं. झारखंड में इस अधिनियम का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है. इससे जुड़े ट्रस्ट और समितियों ने भी दिव्यांग जनों के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है. ऐसे में आए दिन इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इनके लिए कानून तो कई हैं, लेकिन उन कानूनों का भी पालन राज्य में नहीं हो रहा है. कई वर्षों से प्रखंड स्तर पर रिसोर्स टीचर की नियुक्ति नहीं की गई है.

रांचीः राजधानी में प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ के तत्वाधान में विशेष शिक्षक, दिव्यांग बच्चे और दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने संयुक्त रूप से जिला स्कूल से एक शांति मार्च निकाला. इनलोगों कहना है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम का झारखंड में पालन नहीं हो रहा है. जिससे उन्हें परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

शिक्षा के अधिकार अधिनियम का नहीं हो रहा पालन
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चों का नामांकन किसी भी सरकारी, गैर-सरकारी और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा लिए नामांकन कराने का आदेश है. इस आदेश का झारखंड में पालन नहीं हो रहा है. ऐसे और भी कई मांगों को लेकर लंबे अरसे से प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. एक बार फिर इस संगठन ने अपनी पीड़ा इस मार्च के जरिए बताई है.

यह भी पढ़ें- नीतीश कुमार का झारखंड दौरा स्थगित, अरूण जेटली के निधन के कारण लिया गया फैसला

हमें सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए
शांति मार्च में प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने ' हमें सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए' इस स्लोगन के साथ राजधानी की सड़कों पर रैली निकाली. दरअसल दिव्यांग बच्चों और विशेष बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कई लाभ दिए गए हैं. झारखंड में इस अधिनियम का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है. इससे जुड़े ट्रस्ट और समितियों ने भी दिव्यांग जनों के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं की है. ऐसे में आए दिन इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इनके लिए कानून तो कई हैं, लेकिन उन कानूनों का भी पालन राज्य में नहीं हो रहा है. कई वर्षों से प्रखंड स्तर पर रिसोर्स टीचर की नियुक्ति नहीं की गई है.

Intro:रांची।


प्रशिक्षित विशेष शिक्षक 'दिव्यांग बच्चे दिव्यांग बच्चों के अभिभावकों ने संयुक्त संयुक्त रूप से रांची के जिला स्कूल से एक शांति मार्च निकाला. दरअसल शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग बच्चों का नामांकन किसी भी सरकारी गैर सरकारी और सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में बिना किसी परीक्षा लिए नामांकन कराने का आदेश है. लेकिन इस आदेश को झारखंड में पालन नहीं हो रहा है ऐसे और भी कई मांगों को लेकर लंबे अरसे से प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संगठन द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. एक बार फिर इस संगठन ने अपनी पीड़ा इस मार्च के जरिए बताई है.

Body:हमें सहानुभूति नहीं सहयोग चाहिए इसी स्लोगन के साथ प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ द्वारा राजधानी रांची के सड़कों पर एक रैली निकाली गई. दरअसल दिव्यांग बच्चों और विशेष बच्चों के लिए सर्व शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कई लाभ दिए गए हैं. लेकिन झारखंड में इस अधिनियम का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है .इससे जुड़े बनाए गए ट्रस्ट और समिति भी दिव्यांग जनों के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं किया है. ऐसे में आए दिन इन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है .इनके लिए कानून तो कई है. लेकिन उन कानूनों का भी पालन होता इस राज्य में नहीं दिख रहा है. किसी भी सरकारी या गैर सरकारी या फिर सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विद्यालयों में इन्हें बिना किसी परीक्षा के एडमिशन लिए जाने की प्रावधान है. इसके बावजूद झारखंड के दिव्यांग बच्चों पर कोई ध्यान नहीं है .कई वर्षों से प्रखंड स्तर पर रिसोर्स टीचर की नियुक्ति नहीं की गई है .Conclusion:विभिन्न राज्यों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति केंद्र सरकार राज्य सरकार से संयुक्त प्रयास से किया जा चुका है .लेकिन झारखंड में इस और भी सरकार का ध्यान नही है .इससे खफा होकर प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ ने राजधानी रांची में यह मार्च निकाला.

बाइट-राजन कुमार, विशेष प्रशिक्षित शिक्षक.
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