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जंगली हाथियों का उपद्रव रोकने के लिए बनेगा अंडरपास, CM ने दिए निर्देश

सिंहभूम के दलमा में जंगली हाथियों का अभयारण्य है. इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रांची-जमशेदपुर पथ पर अक्सर जंगली हाथी चले आते हैं. इसकी वजह से आवागमन प्रभावित होता है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य वन्य जीव पर्षद की बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए.

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Published : Jul 24, 2019, 11:31 PM IST

जंगली हाथियों उपद्रव को रोकने के लिए बनेगा अंडरपास

रांची: झारखंड के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों के लोग जंगली हाथियों से त्रस्त हैं. आए दिन जंगली हाथी गांव में घुस आते हैं और न सिर्फ फसलों को बर्बाद करते हैं, बल्कि लोगों के घरों को भी क्षति पहुंचाते हैं. कई बार तो गांव के लोग जंगली हाथियों के शिकार भी बन जाते हैं.

CM ने दिए निर्देश


जंगली हाथी एनएच पर ना आ पाएं, इसके लिए उनके आवागमन के मद्देनजर अंडरपास बनाए जाएंगे. वनभूमि पर वृहद बांस पुनर्जनन के कार्य के तहत अगले तीन साल में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में कार्य करने की योजना है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य वन्यजीव पर्षद की बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए. वन क्षेत्रों में ही ज्यादा से ज्यादा बांस लगाने और पानी की व्यवस्था करने को कहा गया. ताकि जंगली हाथियों को वनों में ही पर्याप्त भोजन मिल सके.


मुख्यमंत्री ने जंगली हाथियों के प्रभाव क्षेत्र वाले सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि अगर जंगली हाथी की वजह से किसी परिवार के मुखिया की जान जाती है, तो संबंधित परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वन्य क्षेत्र में आनेवाले सभी विद्यालयों में बच्चों के बीच वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा.

रांची: झारखंड के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों के लोग जंगली हाथियों से त्रस्त हैं. आए दिन जंगली हाथी गांव में घुस आते हैं और न सिर्फ फसलों को बर्बाद करते हैं, बल्कि लोगों के घरों को भी क्षति पहुंचाते हैं. कई बार तो गांव के लोग जंगली हाथियों के शिकार भी बन जाते हैं.

CM ने दिए निर्देश


जंगली हाथी एनएच पर ना आ पाएं, इसके लिए उनके आवागमन के मद्देनजर अंडरपास बनाए जाएंगे. वनभूमि पर वृहद बांस पुनर्जनन के कार्य के तहत अगले तीन साल में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में कार्य करने की योजना है.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य वन्यजीव पर्षद की बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए. वन क्षेत्रों में ही ज्यादा से ज्यादा बांस लगाने और पानी की व्यवस्था करने को कहा गया. ताकि जंगली हाथियों को वनों में ही पर्याप्त भोजन मिल सके.


मुख्यमंत्री ने जंगली हाथियों के प्रभाव क्षेत्र वाले सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि अगर जंगली हाथी की वजह से किसी परिवार के मुखिया की जान जाती है, तो संबंधित परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वन्य क्षेत्र में आनेवाले सभी विद्यालयों में बच्चों के बीच वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा.

Intro:जंगली हाथियों के आवागमन के लिए बनेगा अंडरपास, बड़े वन क्षेत्र में बांस पुनर्जनन की योजना


रांची

झारखंड के कई जिलों के ग्रामीण इलाकों के लोग जंगली हाथियों से त्रस्त हैं। आए दिन जंगली हाथी गांव में घुस आते हैं और न सिर्फ फसलों को भवाद करते हैं बल्कि ग्रामीणों के घरों को भी क्षति पहुंचाते हैं। कई बार तो ग्रामीण जंगली हाथियों के शिकार भी बन जाते हैं। लिहाजा ऐसी व्यवस्था हो कि जंगली हाथी समेत अन्य वन प्राणी जंगल क्षेत्र में ही रहे इस पर मंथन किया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रोजेक्ट भवन में झारखंड राज्य वन्य जीव पर्षद की बैठक की और कई जरूरी निर्देश दिए। मतलब, वन क्षेत्रों में ही ज्यादा से ज्यादा बांस लगाने और पानी की व्यवस्था करने को कहा गया। ताकि जंगली हाथियों को वनों में ही पर्याप्त भोजन मिल सके। मुख्यमंत्री ने जंगली हाथियों के प्रभाव क्षेत्र वाले सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि अगर जंगली हाथी की वजह से किसी परिवार के मुखिया की जान जाती है तो संबंधित परिवार के बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाई की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने वन्य क्षेत्र मे आनेवाले सभी विद्यालयों में बच्चों के बीच वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा।

Body:जंगली हाथियों के एनएच पर आने से रोकने की कवायद

सिंहभूम के दलमा में जंगली हाथियों का अभयारण्य है। इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रांची जमशेदपुर पथ पर अक्सर जंगली हाथी चले आते हैं इसकी वजह से आवागमन प्रभावित होती है। जंगली हाथी एनएच पर ना आ पाएं, इसके लिए उनके आवागमन के मद्देनजर अंडरपास बनाए जाएंगे। वनभूमि पर वृहद बांस पुनर्जनन के कार्य के तहत अगले तीन साल में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में कार्य करने की योजना है।


Conclusion:बैठक में वन विभाग के अपर मुख्य सचिव इंदूशेखर चतुर्वेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, पीसीसीएफ संजय कुमार समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
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