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रबिका पहाड़िन हत्याकांड: तीन को हाईकोर्ट से मिली सशर्त जमानत, थाना में रोज लगानी होगी हाजरी

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Published : Jun 28, 2023, 6:18 PM IST

रबिका पहाड़िन हत्या मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने तीन आरोपियों को जमानत दे दी है. इन्हें हर दिन थाने में हाजरी लगाने की शर्त पर बेल मिला है.

Rubika murder case
Rubika murder case

रांची/साहिबगंज: साहिबगंज के चर्चित रबिका पहाड़िन हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. जमानत पाने वालों में मुख्य अभियुक्त दिलदार अंसारी के भाई आमिर हुसैन, महताब और बहन गुलेरा का नाम शामिल है. जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट के न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से रोहन मजूमदार ने दलील दी कि तीनों आरोपी हत्याकांड में शामिल नहीं थे. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25-25 हजार के दो मुचलके के साथ हर दिन बोरियो थाना में आकर हाजरी लगाने की शर्त पर जमानत दी है. अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी निहाला सरमिन ने ईटीवी भारत को बताया कि जिन तीनों को सशर्त जमानत मिली है, उनका हत्याकांड में शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है. तीनों का कंफेशनल स्टेटमेंट में नाम आया था.

ये भी पढ़ें- 2022 में लव जिहाद के कई मामले आए सामने, झारखंड के डेमोग्राफिक बदलाव को बताया जा रहा कारण

रबिका की बेरहमी से की गई थी हत्या: साबिहगंज का रबिका हत्याकांड नेशनल न्यूज का हिस्सा बना था. क्योंकि 16 दिसंबर 2022 को उसकी हत्या के बाद शव के कई टुकड़े कर दिए गये थे. इसके बाद 17 दिसंबर को उसकी सास मरियम निशा ने रबिका पहाड़िन की गुमशुदगी की जानकारी बोरियो थाना को दी थी. इसी बीच 17 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि बोरियो में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी के पास मांस के टुकड़ों को कुत्ते नोंच-नोंच कर खा रहे थे. जांच के दौरान पुलिस ने पैर के टुकड़े की उंगली पर लगे नेल पॉलिश से रबिका की पहचान कराई थी. पूरा विवाद मुख्य आरोपी दिलदार अंसारी द्वारा दूसरी शादी के बाद हुआ था. उसकी शादी सरेजा खातून से हुई थी. बाद में उसने आदिम जनजाति समुदाय की रबिका पहाड़िन से भी शादी कर ली थी. इसकी वजह से घर में आए दिन झगड़े होते थे. बाद में दिलदार उसे लेकर बेंगलुरू चला गया था. वहां से लौटने के बाद उसने रबिका को भाड़े के मकान में भी रखा था. फिर जोर जबरदस्ती कर अपने पिता के घर चला गया था.

इस मामले में कांड संख्या 320/23 दर्ज किया गया था. रबिका की बहन और परिजनों से पूछताछ के आधार पर उसके पति दिलदार अंसारी के अलावा मुस्तकीम अंसारी, मरियम निशा, गुलेरा खातून, सरैजा खातून, महताब अंसारी, आमिर अंसारी, शहर बानो, जरीना बीवी, मैनुक हक और मैनुक हक अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पूरे हत्याकांड को उसकी पति दिलदार अंसारी और मामा मैनुल हक अंसारी के अलावा गांव के ही मैनुक हक मोमिन ने मिलकर की थी. इस साजिश में परिवार के लोग भी शामिल थे. हालाकि मैनुक हक अंसारी फरार हो गया था. उसे इसी साल फरवरी माह में पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

रांची/साहिबगंज: साहिबगंज के चर्चित रबिका पहाड़िन हत्याकांड मामले में तीन आरोपियों को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. जमानत पाने वालों में मुख्य अभियुक्त दिलदार अंसारी के भाई आमिर हुसैन, महताब और बहन गुलेरा का नाम शामिल है. जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट के न्यायाधीश नवनीत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई. बचाव पक्ष की ओर से रोहन मजूमदार ने दलील दी कि तीनों आरोपी हत्याकांड में शामिल नहीं थे. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25-25 हजार के दो मुचलके के साथ हर दिन बोरियो थाना में आकर हाजरी लगाने की शर्त पर जमानत दी है. अभियोजन पक्ष की ओर से स्पेशल पीपी निहाला सरमिन ने ईटीवी भारत को बताया कि जिन तीनों को सशर्त जमानत मिली है, उनका हत्याकांड में शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है. तीनों का कंफेशनल स्टेटमेंट में नाम आया था.

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रबिका की बेरहमी से की गई थी हत्या: साबिहगंज का रबिका हत्याकांड नेशनल न्यूज का हिस्सा बना था. क्योंकि 16 दिसंबर 2022 को उसकी हत्या के बाद शव के कई टुकड़े कर दिए गये थे. इसके बाद 17 दिसंबर को उसकी सास मरियम निशा ने रबिका पहाड़िन की गुमशुदगी की जानकारी बोरियो थाना को दी थी. इसी बीच 17 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली थी कि बोरियो में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी के पास मांस के टुकड़ों को कुत्ते नोंच-नोंच कर खा रहे थे. जांच के दौरान पुलिस ने पैर के टुकड़े की उंगली पर लगे नेल पॉलिश से रबिका की पहचान कराई थी. पूरा विवाद मुख्य आरोपी दिलदार अंसारी द्वारा दूसरी शादी के बाद हुआ था. उसकी शादी सरेजा खातून से हुई थी. बाद में उसने आदिम जनजाति समुदाय की रबिका पहाड़िन से भी शादी कर ली थी. इसकी वजह से घर में आए दिन झगड़े होते थे. बाद में दिलदार उसे लेकर बेंगलुरू चला गया था. वहां से लौटने के बाद उसने रबिका को भाड़े के मकान में भी रखा था. फिर जोर जबरदस्ती कर अपने पिता के घर चला गया था.

इस मामले में कांड संख्या 320/23 दर्ज किया गया था. रबिका की बहन और परिजनों से पूछताछ के आधार पर उसके पति दिलदार अंसारी के अलावा मुस्तकीम अंसारी, मरियम निशा, गुलेरा खातून, सरैजा खातून, महताब अंसारी, आमिर अंसारी, शहर बानो, जरीना बीवी, मैनुक हक और मैनुक हक अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पूरे हत्याकांड को उसकी पति दिलदार अंसारी और मामा मैनुल हक अंसारी के अलावा गांव के ही मैनुक हक मोमिन ने मिलकर की थी. इस साजिश में परिवार के लोग भी शामिल थे. हालाकि मैनुक हक अंसारी फरार हो गया था. उसे इसी साल फरवरी माह में पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

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