रांचीः झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के चौथे दिन 4546.27 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट ध्वनि मत से पारित हो गया है. भाजपा विधायक अमर बावरी के कटौती प्रस्ताव पर वाद विवाद के बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने अनुपूरक बजट पेश करने की वजह बताई. वित्त मंत्री ने चर्चा में भाग लेने वाले अमर बावरी, सरफराज अहमद, भानु प्रताप शाही, दीपिका पांडे सिंह, प्रदीप यादव, विनोद सिंह और वैद्यनाथ राम के सवाल और सुझाव पर धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि अनुपूरक बजट लाना संवैधानिक व्यवस्था का हिस्सा है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कई बार कुछ योजनाओं के लिए यह करना अनिवार्य हो जाता है. इसलिए अनुपूरक लाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पैसे खर्च करने या राजस्व जुटाने के लिए भी सदन की अनुमति लेनी पड़ती है. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि बार-बार विपक्ष की तरफ से कहा जा रहा है कि उनकी सरकार ने मूल बजट की राशि खर्च ही नहीं की है, जबकि सच्चाई यह है कि चालू वित्तीय वर्ष में 2 मार्च तक बजट की कुल राशि का 68.73% खर्च हो चुकी है. पिछले साल महज 51 से 52% राशि ही खर्च हो पाई थी.
वित्त मंत्री ने कहा कि पहले तो बजट की राशि खर्च करने में सरकारें हांफने लगती थी. वित्त मंत्री ने कहा कि मिड टर्म रिवीजन की वजह से ही इतनी राशि खर्च हुई है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार रिसोर्स बढ़ाने पर जोर दे रही है, ताकि खर्च में इजाफा किया जा सके. चर्चा के दौरान कहावत और लोकोक्ति का भी सिलसिला चला. वित्त मंत्री ने भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 100 साल खड़ा, 100 साल पड़ा तबो नहीं सड़ा. जवाब में भानु प्रताप शाही ने कहा कि भैंस के आगे बीन बजाए, भैंस पगुराए.