रांची: शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भी प्रश्नकाल की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. प्रश्नकाल शुरू होते ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भाजपा के विधायक वेल में आ गए. ये सरकार निकम्मी है, हेमंत सरकार हाय-हाय के नारे लगाने लगे. इस पर स्पीकर ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि जिस तरह का रुख अपनाया जा रहा है, उससे लगता है कि प्रश्न काल को हंगामा काल घोषित कर देना चाहिए. इससे पहले प्रदीप यादव ने कहा कि संसद में सुरक्षा चूक का मामला उठाने पर 92 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले में निंदा प्रस्ताव लाया जाना चाहिए.
निंदा प्रस्ताव लाने के मामले पर नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि जब धीरज साहू से जुड़े मामले को सदन में उठाया गया था तो आसन की तरफ से कहा गया था कि यह राज्यसभा का मामला है. फिर संसद से जुड़े मामले में निंदा प्रस्ताव की बात कैसे हो सकती है. इसलिए प्रदीप यादव के कथन को प्रोसिडिंग से निकाल देना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सदन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बेहद अफसोस की बात है कि पिछले 18 दिनों से राजभवन के सामने युद्ध के सिपाही पोदना बालमुच कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठे हैं. 23 मार्च 2023 को उनकी सीएम से भी मुलाकात हुई थी, लेकिन जमीन और पेंशन का मामला आज तक लटका हुआ है. इसके अलावा राज्य के नौजवान सड़कों पर हैं. पंचायत स्वयंसेवक संघ के लोगों ने कल विधानसभा घेरने की कोशिश की थी. इन मसलों का समाधान नहीं किया जा रहा है. दफादार चौकीदार और कई दिव्यांगजन भी राजभवन के सामने धरने पर बैठे हैं.
जवाब में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि कोई भूतपूर्व सैनिक अपनी मांगों को लेकर धरना पर हैं. जानकारी लेकर उनकी समस्या का समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां तक पंचायत स्वयंसेवक संघ की बात है तो इनको अस्थाई तौर पर पीएम आवास और शौचालय निर्माण की देखरेख के लिए रखा गया था. पूर्व की सरकार ने एक-एक प्रखंड में चार-चार लोगों को रख दिया. उन 18,000 लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया गया, लेकिन उनकी मांगों पर वर्तमान सरकार गंभीर है.
इस बीच भाजपा विधायकों का सदन में लगातार हंगामा होता रहा. मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि विपक्ष के लोग साजिश के तहत सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं. जब इनके नेता प्रतिपक्ष को कुछ कहना होता है तो ये सभी लोग अपनी सीट पर बैठ जाते हैं. विपक्ष के लोग सदन को दिग्भ्रमित कर रहे हैं. लोकसभा की तरह इन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए.
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