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झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन, अनुपूरक बजट पर होगी चर्चा - रांची न्यूज

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session)चल रहा है. लेकिन सदन का माहौल हर तरफ से गरम ही है. आज सत्र का तीसरा दिन है. आज भी हंगामे के आसार हैं. आज अनुपूरक बजट पर चर्चा भी होगी.

third day of Jharkhand Vidhansabha winter session
third day of Jharkhand Vidhansabha winter session
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Published : Dec 21, 2022, 6:57 AM IST

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में वाद विवाद के बाद सामान्य मतदान होगा. 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा. इससे पहले सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. हंगामे की बीच ही सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया.

ये भी पढ़ेंःदन में द्वितीय अनुपूरक पेश, तीन बिल वापस, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल, बालू-पत्थर की नीलामी से नुकसान का उठा मामला

शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session) के दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) सभा पटल पर रखा. इसी दौरान राजभवन की आपत्तियों के आलोक में तीन विधेयक भी वापस लिए गये. प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ पहुंचे और नियोजन नीति रद्द होने से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का हवाला देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इस बीच प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में स्टोन क्रशर और बालू की नीलामी नहीं होने के कारण पिछले तीन साल में 2,050 करोड़ से ज्यादा रॉयल्टी मद में राजस्व का नुकसान हुआ है या नहीं. ऐसे में सरकार अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराना चाहती है या नहीं.

जवाब में प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में 76, 2020-21 में 133, 2021-22 में 147 और 2022-23 में नवंबर तक 08 पत्थर खनन पट्टों का वितरण किया गया है. वर्तमान में 563 पत्थर खनन पट्टे और 559 स्टोन स्टॉकयार्ड संचालित हैं. बालू के लिए कैटेगरी- 01 में कुल 280 बालू घाट और कैटेगरी- 02 में कुल 21 बालू घाट संचालित हैं. विभाग की ओर से बताया गया कि डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट का अनुमोदन SIEAA से मिलने के बाद कैटेगरी-02 के बालू घाटों में जेएसएमडीसी द्वारा इमपैनल्ड एमडीओ का चयन कर बालू घाटों का संचालन शुरू करने की कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें- लोकसभा में सीएम को दुष्कर्मी कहने पर सदन में बवाल, निंदा प्रस्ताव पर विधि सम्मत राय लेंगे स्पीकर

विभाग की ओर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि बालू, पत्थर और अन्य खनिज से साल 2019-20 में 5,165.82 करोड़, 2020-21 में 4,888.37 करोड़, 2021-22 में 7,477.42 करोड़ और 2022-23 में नवंबर तक 5,913.93 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. हालांकि विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि उन्होंने तीन खंड में सवाल किए थे. लेकिन मूल खंड को ही छोड़ दिया गया. अपने पूरक प्रश्न के तहत उन्होंने जानना चाहा कि अबतक कितने की नीलामी हुई और कितने की नहीं. साथ ही नीलामी नहीं होने से कितने का नुकसान हुआ. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण पूरक सवाल अधूरा रह गया.

दोबारा 12.45 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच त्रुटियां गिनाकर राजभवन से वापस किए गये वित्त विधेयक, 2021, झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक, 2022 और झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन संवर्धन और सुविधा विधेयक, 2022 को कार्य संचालन के नियम 110 के तहत सभा द्वारा वापस ले लिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सदन में वाद विवाद के बाद सामान्य मतदान होगा. 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा. इससे पहले सत्र का दूसरा दिन भी हंगामेदार रहा. हंगामे की बीच ही सदन में अनुपूरक बजट पेश किया गया.

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शीतकालीन सत्र (Jharkhand Vidhansabha winter session) के दूसरे दिन विपक्ष के हंगामे के बीच वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 8,533.89 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) सभा पटल पर रखा. इसी दौरान राजभवन की आपत्तियों के आलोक में तीन विधेयक भी वापस लिए गये. प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक वेल में आ पहुंचे और नियोजन नीति रद्द होने से युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ का हवाला देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

इस बीच प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने सरकार से पूछा कि पूरे राज्य में स्टोन क्रशर और बालू की नीलामी नहीं होने के कारण पिछले तीन साल में 2,050 करोड़ से ज्यादा रॉयल्टी मद में राजस्व का नुकसान हुआ है या नहीं. ऐसे में सरकार अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच कराना चाहती है या नहीं.

जवाब में प्रभारी मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में 76, 2020-21 में 133, 2021-22 में 147 और 2022-23 में नवंबर तक 08 पत्थर खनन पट्टों का वितरण किया गया है. वर्तमान में 563 पत्थर खनन पट्टे और 559 स्टोन स्टॉकयार्ड संचालित हैं. बालू के लिए कैटेगरी- 01 में कुल 280 बालू घाट और कैटेगरी- 02 में कुल 21 बालू घाट संचालित हैं. विभाग की ओर से बताया गया कि डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट का अनुमोदन SIEAA से मिलने के बाद कैटेगरी-02 के बालू घाटों में जेएसएमडीसी द्वारा इमपैनल्ड एमडीओ का चयन कर बालू घाटों का संचालन शुरू करने की कार्रवाई की जाएगी.

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विभाग की ओर प्रभारी मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि बालू, पत्थर और अन्य खनिज से साल 2019-20 में 5,165.82 करोड़, 2020-21 में 4,888.37 करोड़, 2021-22 में 7,477.42 करोड़ और 2022-23 में नवंबर तक 5,913.93 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. हालांकि विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि उन्होंने तीन खंड में सवाल किए थे. लेकिन मूल खंड को ही छोड़ दिया गया. अपने पूरक प्रश्न के तहत उन्होंने जानना चाहा कि अबतक कितने की नीलामी हुई और कितने की नहीं. साथ ही नीलामी नहीं होने से कितने का नुकसान हुआ. लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण पूरक सवाल अधूरा रह गया.

दोबारा 12.45 बजे कार्यवाही शुरू होने पर हंगामे के बीच त्रुटियां गिनाकर राजभवन से वापस किए गये वित्त विधेयक, 2021, झारखंड कराधान अधिनियमों की बकाया राशि का समाधान विधेयक, 2022 और झारखंड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन संवर्धन और सुविधा विधेयक, 2022 को कार्य संचालन के नियम 110 के तहत सभा द्वारा वापस ले लिया गया. इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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