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आरयू की सिंडिकेट की बैठक का हुआ आयोजन, माइनॉरिटी कॉलेज के शिक्षकों को मिलेगा रिटायरमेंट लाभ - रांची में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों का रिटायरमेंट

रांची में मंगलवार को आरयू सिंडिकेट की आपात बैठक का आयोजन किया गया. जहां माइनॉरिटी कॉलेज के शिक्षकों को रिटायरमेंट बेनिफिट का लाभ दिए जाने की बात कही गई है.

syndicate meeting organized in ranchi
सिंडिकेट की बैठक आयोजित
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Published : Sep 29, 2020, 6:16 PM IST

रांची: आरयू के अंतर्गत आने वाले 8 माइनॉरिटी कॉलेज से रिटायर्ड हुए शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनिफिट लाभ मिलेगा. हाई कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार से आई चिट्ठी का अनुपालन करते हुए सिंडिकेट की बैठक में निर्णय लिया गया है. सिंडिकेट की बैठक आयोजित की गई. प्रभारी कुलपति कामिनी कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई है.

सिंडिकेट की बैठक आयोजित
यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन करते हुए राज्य सरकार को चिट्ठी भेज दी गई है. मामला 2012 से रिटायरमेंट बेनिफिट का था, जो दिया जा रहा था. अब नियमावली में संशोधन करने के बाद माइनॉरिटी कॉलेज से रिटायर हुए टीचर, शिक्षकेतर कर्मचारियों को कुछ पहले से इसका लाभ दिया जाएगा. सिंडिकेट के सदस्यों ने एकमत से इस निर्णय पर सहमति जताई है और इसे पारित कर राज्य सरकार को इससे संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है.

इसी सत्र से आरयू में जापानी भाषा की पढ़ाई
इधर इसी सत्र से रांची विश्वविद्यालय में जापानी भाषा की पढ़ाई होगी. रांची विश्वविद्यालय और तामई ओनेटोम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बीच एक एमओयू हुआ है. रांची विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों को जापानी भाषा अपने विश्वविद्यालय में भी सीखने का मौका मिलेगा. इसी सत्र से रांची विश्वविद्यालय में जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. रांची विश्वविद्यालय और तामई ओनेटोम के बीच एमओयू हुआ है.

इसे भी पढ़ें-रघुवर दास का राज्य सरकार पर आरोप, छठी JPSC की नियुक्ति में SC के फैसले की कर रहे हैं अनदेखी

इनकी रही मौजूदगी
इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. कामिनी कुमार, कुलसचिव डॉ. अमर कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने बताया कि 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स में सात हजार फीस रखी गई है.

मिलेगा बेहतर मौका
रांची यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी अब आने वाले समय में ग्लोबल हो सकते हैं. उनको जापानी भाषा की पढ़ाई करने के बाद भारत के साथ देशों में भी काम करने का मौका मिलेगा. कोरोना के संक्रमण काल में रांची विश्वविद्यालय ने एक नया अध्याय जोड़कर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का एक मौका देने जा रहा है. जापानी भाषा सीख गए विद्यार्थी रोजगार के बेहतर अवसर तलाश सकते हैं.

रांची: आरयू के अंतर्गत आने वाले 8 माइनॉरिटी कॉलेज से रिटायर्ड हुए शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों को रिटायरमेंट बेनिफिट लाभ मिलेगा. हाई कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार से आई चिट्ठी का अनुपालन करते हुए सिंडिकेट की बैठक में निर्णय लिया गया है. सिंडिकेट की बैठक आयोजित की गई. प्रभारी कुलपति कामिनी कुमार की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई है.

सिंडिकेट की बैठक आयोजित
यूनिवर्सिटी एक्ट में संशोधन करते हुए राज्य सरकार को चिट्ठी भेज दी गई है. मामला 2012 से रिटायरमेंट बेनिफिट का था, जो दिया जा रहा था. अब नियमावली में संशोधन करने के बाद माइनॉरिटी कॉलेज से रिटायर हुए टीचर, शिक्षकेतर कर्मचारियों को कुछ पहले से इसका लाभ दिया जाएगा. सिंडिकेट के सदस्यों ने एकमत से इस निर्णय पर सहमति जताई है और इसे पारित कर राज्य सरकार को इससे संबंधित प्रस्ताव भेज दिया गया है.

इसी सत्र से आरयू में जापानी भाषा की पढ़ाई
इधर इसी सत्र से रांची विश्वविद्यालय में जापानी भाषा की पढ़ाई होगी. रांची विश्वविद्यालय और तामई ओनेटोम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड बीच एक एमओयू हुआ है. रांची विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्रों को जापानी भाषा अपने विश्वविद्यालय में भी सीखने का मौका मिलेगा. इसी सत्र से रांची विश्वविद्यालय में जापानी भाषा की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. रांची विश्वविद्यालय और तामई ओनेटोम के बीच एमओयू हुआ है.

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इनकी रही मौजूदगी
इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. कामिनी कुमार, कुलसचिव डॉ. अमर कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू डॉ. पीके वर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे. रांची विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति डॉ. कामिनी कुमार ने बताया कि 6 महीने के सर्टिफिकेट कोर्स में सात हजार फीस रखी गई है.

मिलेगा बेहतर मौका
रांची यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी अब आने वाले समय में ग्लोबल हो सकते हैं. उनको जापानी भाषा की पढ़ाई करने के बाद भारत के साथ देशों में भी काम करने का मौका मिलेगा. कोरोना के संक्रमण काल में रांची विश्वविद्यालय ने एक नया अध्याय जोड़कर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का एक मौका देने जा रहा है. जापानी भाषा सीख गए विद्यार्थी रोजगार के बेहतर अवसर तलाश सकते हैं.

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