रांची: केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों यह आदेश जारी किया गया था कि 1 मई से 18 वर्ष से ज्यादा उम्र से सभी लोगों को कोरोना का टीका लगना शुरू होगा. लेकिन स्थिति यह है कि वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं हो पाई है. ऐसे में इस बात पर संशय है कि झारखंड में एक मई से कोरोना का टीकाकरण शुरू हो सकेगा. गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई जानकारी दी.
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वैक्सीन कंपनियों ने खड़े किए हाथ
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक राज्य सरकार ने टीका बनाने वाली कंपनी को ऑर्डर दिया है, कंपनी ने फिलहाल हाथ खड़े कर दिए हैं. कंपनी का कहना है कि 15 मई तक टीका उपलब्ध नहीं कराया जा सकता है, क्योंकि केंद्र सरकार के ऑर्डर को पूरा करना ही अभी बड़ी चुनौती है. जब तक केंद्र सरकार का ऑर्डर पूरा नहीं कर लिया जाता, तब तक राज्य सरकारों को वैक्सीन उपलब्ध कराना मुश्किल होगा. राज्य में 2229 टीकाकरण केंद्र तैयार हैं.
झारखंड सरकार ने दिए 50 लाख डोज के ऑर्डर
बन्ना गुप्ता ने बताया कि झारखंड सरकार की तरफ से भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को 25-25 लाख वैक्सीन के ऑर्डर दिए गए हैं. लेकिन केंद्र की तरफ से भारत बायोटेक ने 10 करोड़ और सीरम इंस्टीट्यूट ने दो करोड़ की एडवांस बुकिंग की बात कहते हुए एक मई से पहले वैक्सीन सप्लाई करने से इनकार कर दिया है. वैक्सीन मिलने में देरी के पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि कंपनियों को ऑर्डर देने में देरी हुई है.
1.57 करोड़ लोगों को टीका लगाना बड़ी चुनौती
झारखंड में उपलब्ध वैक्सीन को लेकर यह जानकारी दी गई कि फिलहाल झारखंड सरकार के पास 5 लाख वैक्सीन के डोज मौजूद है. अगर समय पर कंपनियों की तरफ से टीका मुहैया नहीं कराया जाता है तो आने वाले समय में एक करोड़ 57 लाख युवाओं के लिए टीका उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती होगी. टीका कंपनी के हाथ खड़े करने के बाद एक मई से झारखंड में टीकाकरण अभियान पर संशय बरकरार है. लोगों की तरफ से रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं. अब यह देखना होगा कि टीकाकरण को लेकर राज्य सरकार क्या इंतजाम करती है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी किल्लत
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि झारखंड में रेमडेसिविर की भारी किल्लत है. अभी सिर्फ 2500 इंजेक्शन स्टॉक में हैं. दो हजार रेमडेसिविर असम से उधार लिया गया है. हर दिन झारखंड में 4 हजार रेमडेसिविर की जरूरत है.