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सूर्यदेव ने ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ के रूप में दिए दर्शन, दिखा अदभुत नजारा - रांची में 22 डिग्री सर्कुलर हलो’ के रूप में सूर्य देव ने दिए दर्शन

राजधानी रांची में सोमवार को 10:30 बजे से 11:00 के बीच सूर्य के चारों तरफ घेरा जैसा नजारा दिखा. इसे सूर्य का वलय बताया गया.

surya dev appeared in the form of 22 degree circular hollow in ranchi
सूर्य
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Published : Apr 26, 2021, 12:59 PM IST

रांची: सोमवार को सुबह करीब 10 बजे सूर्य के चारों तरफ घेरा जैसा नजारा दिखाई दिया. इसे सूर्य का वलय बताया जा रहा है. जानकारों ने बताया कि आसमान में जब बादल डेरा बनाते हैं और ये अगर अंतरिक्ष की ऊपरी परत पर चले जाते हैं तो सूर्य की रोशनी इससे टकराकर लौटती है. इस रिफ्लेक्शन से सूर्य के चारों तरफ वलय का आभास होता है. ऐसा तब होता है जब सूर्य की किरणें अपवर्तित होती हैं.

surya dev appeared in the form of 22 degree circular hollow in ranchi
मौसम रिपोर्ट

ये भी पढ़ें- कोरोना इफेक्टः झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने लिया अहम फैसला, 2 मई तक अधिवक्ता नहीं करेंगे कार्य

अगर इस प्रकार की स्थिति सुबह या शाम में बनते हैं तो हमें इंद्रधनुष नजर आता है. सुबह के समय में आसमान की ऊपरी परत में बादल जमने पर पूर्व की दिशा में और शाम के समय में पश्चिम की दिशा में इंद्रधनुष बनता दिखाई देता है. सूर्य के चारों तरफ वलय की स्थिति सुबह 10 बजे के बाद और शाम में 3 बजे तक तेज धूप रहने की स्थिति में दिखाई देती है.

क्यों कहते हैं 22 डिग्री सर्कुलर हलो
सोमवार को 10:30 बजे से 11:00 के बीच यह घटना दिखी. सूर्य के चारों ओर लाल और नीला वलय दिखा. इसे खगोल विज्ञान में ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं. ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं. इस घटना को सूर्य या कुछ मौकों पर चंद्रमा का ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहा जाता है. बताया जाता है इस तरह के बादल तब बनते हैं, जब पृथ्वी की सतह से 5 से 10 किमी उंचाई पर जलवाष्प बर्फ के क्रिस्टलों में जम जाती है.

मोबाइल में किया कैद

सूर्य भगवान का यह नजारा कई लोग राजधानी रांची में मोबाइल में भी कैद करने में लगे रहे. कई लोगों ने बताया कि इस महामारी से बचने के लिए भगवान सूर्य देव ने यह रूप दिखाया है. इस तरह की अफवाहों के बीच मौसम विभाग ने खगोलीय घटनाक्रम की जानकारी दी. 10:00 का समय जब सूर्य के चारों तरफ गोलाई वाला इंद्रधनुष के समान यह खगोलीय घटना उभरकर सामने आई तो राजधानी के छात्र मोबाइल में कैद करते हुए देखे गए.

रांची: सोमवार को सुबह करीब 10 बजे सूर्य के चारों तरफ घेरा जैसा नजारा दिखाई दिया. इसे सूर्य का वलय बताया जा रहा है. जानकारों ने बताया कि आसमान में जब बादल डेरा बनाते हैं और ये अगर अंतरिक्ष की ऊपरी परत पर चले जाते हैं तो सूर्य की रोशनी इससे टकराकर लौटती है. इस रिफ्लेक्शन से सूर्य के चारों तरफ वलय का आभास होता है. ऐसा तब होता है जब सूर्य की किरणें अपवर्तित होती हैं.

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अगर इस प्रकार की स्थिति सुबह या शाम में बनते हैं तो हमें इंद्रधनुष नजर आता है. सुबह के समय में आसमान की ऊपरी परत में बादल जमने पर पूर्व की दिशा में और शाम के समय में पश्चिम की दिशा में इंद्रधनुष बनता दिखाई देता है. सूर्य के चारों तरफ वलय की स्थिति सुबह 10 बजे के बाद और शाम में 3 बजे तक तेज धूप रहने की स्थिति में दिखाई देती है.

क्यों कहते हैं 22 डिग्री सर्कुलर हलो
सोमवार को 10:30 बजे से 11:00 के बीच यह घटना दिखी. सूर्य के चारों ओर लाल और नीला वलय दिखा. इसे खगोल विज्ञान में ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं. ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं. इस घटना को सूर्य या कुछ मौकों पर चंद्रमा का ‘22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहा जाता है. बताया जाता है इस तरह के बादल तब बनते हैं, जब पृथ्वी की सतह से 5 से 10 किमी उंचाई पर जलवाष्प बर्फ के क्रिस्टलों में जम जाती है.

मोबाइल में किया कैद

सूर्य भगवान का यह नजारा कई लोग राजधानी रांची में मोबाइल में भी कैद करने में लगे रहे. कई लोगों ने बताया कि इस महामारी से बचने के लिए भगवान सूर्य देव ने यह रूप दिखाया है. इस तरह की अफवाहों के बीच मौसम विभाग ने खगोलीय घटनाक्रम की जानकारी दी. 10:00 का समय जब सूर्य के चारों तरफ गोलाई वाला इंद्रधनुष के समान यह खगोलीय घटना उभरकर सामने आई तो राजधानी के छात्र मोबाइल में कैद करते हुए देखे गए.

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