रांची: झारखंड में समय पर मॉनसून आने और अच्छी बारिश का असर राज्य की जलाशय में भी देखने को मिल रहा है. तकरीबन सभी जलाशयों की स्थिति अच्छी है. इस बार पिछले कई सालों में सबसे अधिक पानी इन जलाशयों में है. रांची में मुख्यत: तीन जलाशय हैं, जिन पर पूरा शहर का जलापूर्ति निर्भर करता है. ऐसे में इस बार अच्छी बारिश होने के कारण उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले गर्मी में शहर वासियों को पानी की किल्लत से निजात मिलेगा.
शहरवासियों को उम्मीद जगी
अच्छी बारिश होने के कारण स्थानीय लोगों और शहरवासियों को भी काफी उम्मीद जगी है. लोगों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से इन जलाशयों में पानी की काफी किल्लत देखने को मिली है, लेकिन इस बार मॉनसून सही समय पर आने से डैम की स्थिति काफी अच्छी हो गयी है. पहले की अपेक्षा डैम में काफी पानी भर गया है.
पर्याप्त मात्रा में मिलेगा पानी
लोगों ने कहा कि अच्छी बारिश होने से ऐसा लग रहा है कि पिछले दो-तीन वर्षों में जिस तरीके से मौसम की बेरुखी के कारण गर्मी के दिनों में पानी का किल्लत झेलनी पड़ती थी, लेकिन डैम में जलस्तर बढ़ता हुआ देख ऐसा लग रहा है कि इस बार गर्मी के दिनों में पर्याप्त मात्रा में हम लोगों को पानी मिल जाएगा, जिससे कृषि से लेकर अन्य कार्यों में भी काफी सहूलियत मिलेगी. सिंचाई के लिए किसान यहां से पानी का भी उपयोग कर सकते हैं.
2020 में 23 अगस्त तक जानिए तीनों जलाशय की क्या है स्थिति
1. गेतलसूद (रुक्का) डैम 30.8 फिट तक पानी पहुंच गया है
2. हटिया डैम 23.6 फिट तक पहुंच गया है, 25 फीट पार करने के बाद इसका लेवल सेफ जोन माना जाएगा
3. गोंदा डैम डैम लेबल क्षमता के अनुसार 28 फीट पहुंच गया, जिसके बाद डैम का फाटक खोला गया
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इन तीनों जलाशयों से से मिलियन गैलन प्रतिदिन/ (MGD)वाटर सप्लाई की जाती है
1. गेतलसूद (रुक्का) डैम से प्रतिदिन 40 मिलियन गैलन प्रतिदिन वाटर सप्लाई की जाती है
2. गोंदा डैम से 4.5 मिलियन गैलन प्रतिदिन वाटर सप्लाई की जाती है
3. हटिया डैम से 10 मिलियन गैलन प्रतिदिन वाटर सप्लाई की जाती है
पेयजल और स्वच्छता विभाग के संयुक्त सचिव किशोर कुमार वर्मा ने बताया कि गोंदा डैम में पिछले वर्ष की तुलना 10 फीट अधिक पानी है. गेतलसूद रुक्का डैम में पिछले वर्ष की तुलना 23 फीट अधिक पानी है. वहीं हटिया डैम में पिछले वर्ष की तुलना 13 फीट अधिक पानी है. ऐसे में गर्मी में लोगों को पूरी तरह से जल आपूर्ति हो सकेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि गोंदा डैम में क्षमता से अधिक पानी भरने के कारण उसका फाटक भी खोला जा चुका है.