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कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों की आज घर वापसी, सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू बने 'हाथ' के साथी

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार दोपहर बाद कांग्रेस के दो पूर्व प्रदेश अध्यक्षों ने घर वापसी कर लिया. सांसद रहे प्रदीप प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत ने कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में फिर से कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.

Sukhdev Bhagat in congress
सुखदेव भगत और प्रदीप बालमुचू बनेंगे 'हाथ' के साथी
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Published : Jan 31, 2022, 12:44 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 4:08 PM IST

रांचीः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार दोपहर बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद रहे प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की उपस्थिति में दोनों नेताओं ने झारखंड कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस का हाथ थामा. इससे पहले 2019 में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले सुखदेव भगत भाजपा में और प्रदीप बलमुचू आजसू में शामिल हो गए थे.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ जिलाध्यक्षों की बैठक, पार्टी को मजबूत करने को लेकर बनाई जा रही रणनीति

झारखंड कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू और सुखदेव भगत ने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में दोनों नेताओं ने इसे घर वापसी बताते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि कांग्रेस परिवार क्या होता है. दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल करने की औपचारिक घोषणा से पहले प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि दोनों नेताओं ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया है, इसलिए राज्य के सभी कांग्रेसजनों से अपील है कि इनकी गलतियों को माफ करते हुए दोनों नेताओं को स्वीकार करें.

देखें पूरी खबर

घर वापसी पर भावुक हुए दोनों नेताः पूर्व सांसद और झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रदीप बलमुचू ने कहा कि पार्टी को छोड़ना एक बड़ी गलती थी और अब ऐसी गलती दोबारा वह नहीं करेंगे, पार्टी जो भी जवाबदेही तय करेगी उसका पालन वह करेंगे. गांधी की विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगा, मेरी अंतिम यात्रा भी अब कांग्रेस के झंडे में ही निकलेगी. मेरे डीएनए में कांग्रेस, जीवन के अंत तक कांग्रेस छोड़ने की गलती दोबारा नहीं करूंगा. लगभग साढ़े चार साल तक झारखंड कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले सुखदेव भगत ने कांग्रेस में शामिल होने को घर वापसी बताते हुए कांग्रेस आलाकमान और राज्य के नेताओं को धन्यवाद दिया है. इस दरम्यान भावुक हुए सुखदेव भगत ने कहा कि अब वह कहीं नहीं जाएंगे और जब जीवन का अंत होगा तब भी कांग्रेस के झंडे ही उनके ऊपर होगा.

आरपीएन और गीताश्री के पार्टी छोड़ने की भरपाई की कोशिशः प्रदेश प्रभारी रहे आरपीएन और फिर पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के शनिवार को दिए इस्तीफे के कांग्रेस को हुई क्षति के बाद और दोनों नेताओं की वापसी को उसकी भरपाई की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. ये दोनों नेता काफी दिनों से दल की वापसी की कोशिश में लगे थे. ऐसे में आरपीएन के पार्टी छोड़ने के बाद इनकी वापसी की राह आसान हो गयी थी.

किन किन नेताओं की उपस्थिति में हुई घर वापसीः सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के पार्टी में फिर से शामिल होने के वक्त मंच पर मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, पूर्व मंत्री ददई दुबे, सह प्रभारी उमंग सिंघार, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी अविनाश पांडेय उपस्थित रहे.

रांचीः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार दोपहर बाद कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद रहे प्रदीप बलमुचू, सुखदेव भगत ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया. पार्टी के नए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय की उपस्थिति में दोनों नेताओं ने झारखंड कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस का हाथ थामा. इससे पहले 2019 में विधान सभा चुनाव से ठीक पहले सुखदेव भगत भाजपा में और प्रदीप बलमुचू आजसू में शामिल हो गए थे.

इसे भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ जिलाध्यक्षों की बैठक, पार्टी को मजबूत करने को लेकर बनाई जा रही रणनीति

झारखंड कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू और सुखदेव भगत ने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में दोनों नेताओं ने इसे घर वापसी बताते हुए कहा कि कांग्रेस छोड़कर जाने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि कांग्रेस परिवार क्या होता है. दोनों नेताओं को पार्टी में शामिल करने की औपचारिक घोषणा से पहले प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि दोनों नेताओं ने अपनी गलतियों को स्वीकार किया है, इसलिए राज्य के सभी कांग्रेसजनों से अपील है कि इनकी गलतियों को माफ करते हुए दोनों नेताओं को स्वीकार करें.

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घर वापसी पर भावुक हुए दोनों नेताः पूर्व सांसद और झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे प्रदीप बलमुचू ने कहा कि पार्टी को छोड़ना एक बड़ी गलती थी और अब ऐसी गलती दोबारा वह नहीं करेंगे, पार्टी जो भी जवाबदेही तय करेगी उसका पालन वह करेंगे. गांधी की विचारधारा को आगे बढ़ाऊंगा, मेरी अंतिम यात्रा भी अब कांग्रेस के झंडे में ही निकलेगी. मेरे डीएनए में कांग्रेस, जीवन के अंत तक कांग्रेस छोड़ने की गलती दोबारा नहीं करूंगा. लगभग साढ़े चार साल तक झारखंड कांग्रेस का नेतृत्व करने वाले सुखदेव भगत ने कांग्रेस में शामिल होने को घर वापसी बताते हुए कांग्रेस आलाकमान और राज्य के नेताओं को धन्यवाद दिया है. इस दरम्यान भावुक हुए सुखदेव भगत ने कहा कि अब वह कहीं नहीं जाएंगे और जब जीवन का अंत होगा तब भी कांग्रेस के झंडे ही उनके ऊपर होगा.

आरपीएन और गीताश्री के पार्टी छोड़ने की भरपाई की कोशिशः प्रदेश प्रभारी रहे आरपीएन और फिर पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के शनिवार को दिए इस्तीफे के कांग्रेस को हुई क्षति के बाद और दोनों नेताओं की वापसी को उसकी भरपाई की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. ये दोनों नेता काफी दिनों से दल की वापसी की कोशिश में लगे थे. ऐसे में आरपीएन के पार्टी छोड़ने के बाद इनकी वापसी की राह आसान हो गयी थी.

किन किन नेताओं की उपस्थिति में हुई घर वापसीः सुखदेव भगत और प्रदीप बलमुचू के पार्टी में फिर से शामिल होने के वक्त मंच पर मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, मंत्री बादल पत्रलेख, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार, पूर्व सांसद फुरकान अंसारी, पूर्व मंत्री ददई दुबे, सह प्रभारी उमंग सिंघार, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी अविनाश पांडेय उपस्थित रहे.

Last Updated : Jan 31, 2022, 4:08 PM IST
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