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झारखंड की तीन देवियां, इनके मसल्स पावर के आगे बड़े-बड़े सूरमा को आते हैं पसीने

इंसान अगर चाहे तो वह अपनी मेहनत से दुनिया का हर मुकाम हासिल कर सकता है, लेकिन इसके लिए दृढ संकल्प जरूरी है. ऐसा ही कुछ करके दिखाया है झारखंड की सुजाता, किरण और लक्ष्मी ने.

पावर वूमेन सुजाता, किरण और लक्ष्मी
power lifters Sujata, Kiran and Lakshmi
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Published : Mar 8, 2020, 1:41 PM IST

रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में झारखंड की तीन पावर वूमेन सुजाता, किरण और लक्ष्मी का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. तीनों ने बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए पावर लिफ्टिंग में अपना करियर बनाया है.

देखें पूरी खबर

ये तीन महिलाएं सुजाता, किरण और लक्ष्मी झारखंड की पावर वूमेन के रूप में जानी जाती हैं. सुजाता ने झारखंड पुलिस में रहते हुए वर्ल्ड पुलिस गेम से लेकर कई नेशनल गेम में गोल्ड जीत चुकी हैं. लक्ष्मी ने चार लगातार नेशनल गेम में गोल्ड जीतकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है, जबकि किरण राज्य स्तरीय कई मुकाबले जीतकर नेशनल लेवल में अपनी दावेदारी ठोक रही हैं. सुजाता इन दोनों की गुरु हैं, जिसने इन्हें पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाने में भरपूर सहयोग किया है.

ये भी पढ़ें-BCCL अफसरों के खिलाफ FIR, 22.16 करोड़ के मनी लाउंड्रिंग का मामला

कौन है सुजाता

झारखंड पुलिस में स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर के पद पर तैनात सुजाता भगत ने करीब ढाई दशक पहले इंटरमीडिएट में रहते हुए 200 मीटर दौड़ में रिकॉर्ड बनाया था जो आज तक नहीं टूट पाया है. उसी के वजह से इन्हें पुलिस में नौकरी मिली थी. एथलीट से पावर लिफ्टिंग की तरफ हुई सुजाता ने रेसलिंग में भी अपना हाथ जमाया था, लेकिन इन्हें असली पहचान पावर लिफ्टिंग ने ही दिलाई. वह इसमें तीन बार एशियन चैंपियन रही और इससे अधिक बार नेशनल चैंपियन जीती.

भारत का सम्मान

सुजाता भगत ने केवल झारखंड का ही नहीं, बल्कि भारत का सम्मान पूरे विश्व में रौशन किया है. विश्व पुलिस गेम में उन्होंने 180 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता था. सुजाता का जीवन कम उतार-चढ़ाव भरा नहीं रहा है. एक हादसे के शिकार होने के बाद उनके 10 से अधिक सर्जरी हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावर लिफ्टर के रूप में जानी जाती हैं. यही नहीं उसने लक्ष्मी और रेखा को भी ट्रेंड किया और आज उसे इस लायक बना दिया कि वो भी लगातार अपने राज्य और देश के लिए गोल्ड मेडल जीत रही हैं.

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कौन है लक्ष्मी शर्मा

रांची के एक संभ्रांत ब्राह्मण मारवाड़ी परिवार से आने वाली लक्ष्मी शर्मा के पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाना भी एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया है. 4 साल पहले लक्ष्मी को साइटिका का पेन हुआ. इस वजह से उसे चलने-फिरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनके बेटे हर्ष शर्मा ने उन्हें जिम जॉइन करने की सलाह दी और बताया कि इसका समाधान सिर्फ नियमित कसरत है. बेटे की बात मान लक्ष्मी ने जिम जाना शुरू किया. धीरे-धीरे जिम में उनका मन लगने लगा और वे लगातार अपने शरीर को लेकर काफी गंभीर हो गई.

इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं की तैयारी

इसी बीच जिम में उनकी मुलाकात झारखंड की स्टार पावर लिफ्टर सुजाता भगत से हुई. सुजाता ने लक्ष्मी शर्मा के शरीर की बनावट देखकर उन्हें पावर लिफ्टिंग में किस्मत आजमाने का सलाह दी. घरवालों के विरोध के बावजूद लक्ष्मी शर्मा ने पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाया और नेशनल में 4 गोल्ड जीतकर अब वे इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटी हुई है.

कौन किरण मिश्रा

किरण मिश्रा भी अब झारखंड की एक जानी पहचानी महिला पावर लिफ्टर है. उसके पति एक बिजनेसमैन है और वे लगातार अपनी पत्नी को उनके कैरियर को लेकर मदद करते हैं. किरण मिश्रा ने अभी तक नेशनल गेम में 3 सिल्वर मेडल जीता है. वह इंटरनेशनल गेम की तैयारी कर रही हैं. फिलहाल सुजाता, किरण और लक्ष्मी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए अपने आपको तैयार कर रही हैं. असम में होने वाले इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में तीनों भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

रांची: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस में झारखंड की तीन पावर वूमेन सुजाता, किरण और लक्ष्मी का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. तीनों ने बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए पावर लिफ्टिंग में अपना करियर बनाया है.

देखें पूरी खबर

ये तीन महिलाएं सुजाता, किरण और लक्ष्मी झारखंड की पावर वूमेन के रूप में जानी जाती हैं. सुजाता ने झारखंड पुलिस में रहते हुए वर्ल्ड पुलिस गेम से लेकर कई नेशनल गेम में गोल्ड जीत चुकी हैं. लक्ष्मी ने चार लगातार नेशनल गेम में गोल्ड जीतकर नेशनल रिकॉर्ड बनाया है, जबकि किरण राज्य स्तरीय कई मुकाबले जीतकर नेशनल लेवल में अपनी दावेदारी ठोक रही हैं. सुजाता इन दोनों की गुरु हैं, जिसने इन्हें पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाने में भरपूर सहयोग किया है.

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कौन है सुजाता

झारखंड पुलिस में स्पेशल ब्रांच इंस्पेक्टर के पद पर तैनात सुजाता भगत ने करीब ढाई दशक पहले इंटरमीडिएट में रहते हुए 200 मीटर दौड़ में रिकॉर्ड बनाया था जो आज तक नहीं टूट पाया है. उसी के वजह से इन्हें पुलिस में नौकरी मिली थी. एथलीट से पावर लिफ्टिंग की तरफ हुई सुजाता ने रेसलिंग में भी अपना हाथ जमाया था, लेकिन इन्हें असली पहचान पावर लिफ्टिंग ने ही दिलाई. वह इसमें तीन बार एशियन चैंपियन रही और इससे अधिक बार नेशनल चैंपियन जीती.

भारत का सम्मान

सुजाता भगत ने केवल झारखंड का ही नहीं, बल्कि भारत का सम्मान पूरे विश्व में रौशन किया है. विश्व पुलिस गेम में उन्होंने 180 किलोग्राम वजन उठाकर गोल्ड मेडल जीता था. सुजाता का जीवन कम उतार-चढ़ाव भरा नहीं रहा है. एक हादसे के शिकार होने के बाद उनके 10 से अधिक सर्जरी हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावर लिफ्टर के रूप में जानी जाती हैं. यही नहीं उसने लक्ष्मी और रेखा को भी ट्रेंड किया और आज उसे इस लायक बना दिया कि वो भी लगातार अपने राज्य और देश के लिए गोल्ड मेडल जीत रही हैं.

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कौन है लक्ष्मी शर्मा

रांची के एक संभ्रांत ब्राह्मण मारवाड़ी परिवार से आने वाली लक्ष्मी शर्मा के पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाना भी एक बड़ा ही दिलचस्प वाकया है. 4 साल पहले लक्ष्मी को साइटिका का पेन हुआ. इस वजह से उसे चलने-फिरने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. इस दौरान उनके बेटे हर्ष शर्मा ने उन्हें जिम जॉइन करने की सलाह दी और बताया कि इसका समाधान सिर्फ नियमित कसरत है. बेटे की बात मान लक्ष्मी ने जिम जाना शुरू किया. धीरे-धीरे जिम में उनका मन लगने लगा और वे लगातार अपने शरीर को लेकर काफी गंभीर हो गई.

इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं की तैयारी

इसी बीच जिम में उनकी मुलाकात झारखंड की स्टार पावर लिफ्टर सुजाता भगत से हुई. सुजाता ने लक्ष्मी शर्मा के शरीर की बनावट देखकर उन्हें पावर लिफ्टिंग में किस्मत आजमाने का सलाह दी. घरवालों के विरोध के बावजूद लक्ष्मी शर्मा ने पावर लिफ्टिंग को अपना कैरियर बनाया और नेशनल में 4 गोल्ड जीतकर अब वे इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं की तैयारी में जुटी हुई है.

कौन किरण मिश्रा

किरण मिश्रा भी अब झारखंड की एक जानी पहचानी महिला पावर लिफ्टर है. उसके पति एक बिजनेसमैन है और वे लगातार अपनी पत्नी को उनके कैरियर को लेकर मदद करते हैं. किरण मिश्रा ने अभी तक नेशनल गेम में 3 सिल्वर मेडल जीता है. वह इंटरनेशनल गेम की तैयारी कर रही हैं. फिलहाल सुजाता, किरण और लक्ष्मी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए अपने आपको तैयार कर रही हैं. असम में होने वाले इंटरनेशनल पावर लिफ्टिंग प्रतियोगिता में तीनों भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी.

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