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Jharkhand Budget 2023: हेमंत सरकार ला रही है "हमीन कर बजट" सुझावों की संख्या में हुआ इजाफा - झारखंड बजट की तैयारी

हेमंत सरकार झारखंड बजट 2023 की तैयारी में जुटी है. इसके लिए लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं. हमीन कर बजट नाम के पोर्टल पर लोग अपनी राय दे रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल लोगों का रिस्पॉन्स बढ़ा है. झारखंड की आर्थिक स्थिति कैसी है, क्या सरकार के पास पैसों की कमी है, जानते हैं इस रिपोर्ट में...

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Published : Jan 24, 2023, 8:30 PM IST

आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर हरिश्वर दयाल

रांची: हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को 'हमीन कर बजट' नाम दिया है. इसी नाम से जारी पोर्टल पर लोगों के सुझाव मांगे गए हैं. अब तक 830 से ज्यादा सुझाव सरकार को मिले हैं. उन सुझावों की स्क्रीनिंग की जा रही है. आज वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई.

ये भी पढ़ें- Union Budget 2023: झारखंड कर रहा मिनरल रॉयल्टी दर बढ़ाने की मांग, जानिए केंद्रीय बजट से क्या है उम्मीदें

झारखंड में आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर हरिश्वर दयाल ने बताया कि 2022-23 के बजट को हमर बजट नाम दिया गया था. उस वक्त अलग-अलग सेक्टर से 651 सुझाव आए थे इनमें से 7 सुझावों को इनकॉरपोरेट किया गया था. उन सुझावों में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, सोलर एनर्जी पॉलिसी में सोलर पैनल के निर्माण को प्राथमिकता, डिजिटल पंचायत, स्टार्टअप के लिए सीड फंड, एमएसएमई क्लस्टर का गठन, सीएचसी और पीएचसी स्तर के सरकारी अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण और लाइवलीहुड प्रमोशन के तहत पलाश ब्रांड को प्रमोट करना शामिल था.

पिछले बजट को मिले अच्छे रिस्पांस को देखते हुए आम लोगों को जोड़ने के लिए इस परिपाटी को शुरू किया गया है. उनसे पूछा गया कि हाल के दिनों में आई आरबीआई की रिपोर्ट में जीडीपी क्रेडिट रेशियो के मामले में झारखंड को टॉप टेन की सूची में रखा गया था. जो स्टेट की लचर आर्थिक स्थिति को रिफ्लेक्ट करता है. इसके जवाब में प्रोफेसर हरीशवर दयाल ने कहा कि झारखंड की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है. आरबीआई की लिस्ट में मार्जिनल रूप से झारखंड शामिल हुआ था. यह राज्य रिवेन्यू सरप्लस स्टेट है.

हरिश्वर दयाल से यह पूछा गया कि अगर ऐसा है तो कई सेक्टर में समय पर लोगों को पेमेंट क्यों नहीं हो रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह डिपार्टमेंटल मसला हो सकता है लेकिन आर्थिक रूप से झारखंड की स्थिति मजबूत है. उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा सुझाव आ रहे हैं. आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को आउटकम बजट नाम दिया गया था. वह बजट एक लाख एक हजार एक सौ एक करोड़ का था. जबकि उसके पहले वाले वर्ष में 91,277 करोड का बजट पेश हुआ था.

आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर हरिश्वर दयाल

रांची: हेमंत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट को 'हमीन कर बजट' नाम दिया है. इसी नाम से जारी पोर्टल पर लोगों के सुझाव मांगे गए हैं. अब तक 830 से ज्यादा सुझाव सरकार को मिले हैं. उन सुझावों की स्क्रीनिंग की जा रही है. आज वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव की अध्यक्षता में बजट पूर्व संगोष्ठी का आयोजन हुआ जिसमें कई बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई.

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झारखंड में आर्थिक मामलों के जानकार प्रोफेसर हरिश्वर दयाल ने बताया कि 2022-23 के बजट को हमर बजट नाम दिया गया था. उस वक्त अलग-अलग सेक्टर से 651 सुझाव आए थे इनमें से 7 सुझावों को इनकॉरपोरेट किया गया था. उन सुझावों में कोल्ड स्टोरेज का निर्माण, सोलर एनर्जी पॉलिसी में सोलर पैनल के निर्माण को प्राथमिकता, डिजिटल पंचायत, स्टार्टअप के लिए सीड फंड, एमएसएमई क्लस्टर का गठन, सीएचसी और पीएचसी स्तर के सरकारी अस्पतालों का सुदृढ़ीकरण और लाइवलीहुड प्रमोशन के तहत पलाश ब्रांड को प्रमोट करना शामिल था.

पिछले बजट को मिले अच्छे रिस्पांस को देखते हुए आम लोगों को जोड़ने के लिए इस परिपाटी को शुरू किया गया है. उनसे पूछा गया कि हाल के दिनों में आई आरबीआई की रिपोर्ट में जीडीपी क्रेडिट रेशियो के मामले में झारखंड को टॉप टेन की सूची में रखा गया था. जो स्टेट की लचर आर्थिक स्थिति को रिफ्लेक्ट करता है. इसके जवाब में प्रोफेसर हरीशवर दयाल ने कहा कि झारखंड की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है. आरबीआई की लिस्ट में मार्जिनल रूप से झारखंड शामिल हुआ था. यह राज्य रिवेन्यू सरप्लस स्टेट है.

हरिश्वर दयाल से यह पूछा गया कि अगर ऐसा है तो कई सेक्टर में समय पर लोगों को पेमेंट क्यों नहीं हो रहा है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि यह डिपार्टमेंटल मसला हो सकता है लेकिन आर्थिक रूप से झारखंड की स्थिति मजबूत है. उन्होंने कहा कि सबसे अच्छी बात है कि इस बार ज्यादा से ज्यादा सुझाव आ रहे हैं. आपको बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट को आउटकम बजट नाम दिया गया था. वह बजट एक लाख एक हजार एक सौ एक करोड़ का था. जबकि उसके पहले वाले वर्ष में 91,277 करोड का बजट पेश हुआ था.

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