रांची: झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे चाहे लाख प्रयास कर ले, लेकिन विवादित मामलों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत को लेकर लगातार शिकायतें आ रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सुबोध तिवारी हत्याकांड को लेकर उनके परिजनों ने रांची के मांडर थाना प्रभारी राना जंग बहादुर सिंह और सर्किल इंस्पेक्टर शांता प्रसाद पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए डीआईजी के पास शिकायत दर्ज करवाई है.
हत्यारों को संरक्षण
झामुमो नेता सुबोधनंद तिवारी हत्याकांड में पुलिस पर लापरवाही और आरोपित को मदद पहुंचाने के आरोप लगे हैं. इसे लेकर सुबोधनंद तिवारी के बड़े भाई रविंद्र नंद तिवारी ने रांची रेंज के डीआईजी एवी होमकर को आवेदन दिया है, जिसमें उच्च स्तरीय जांच कराने और सीआइडी से जांच कराने का आग्रह भी किया गया है. आवेदन में कहा गया है कि मांडर थानेदार राणा जंग बहादुर सिंह और सर्किल इंस्पेक्टर शांता प्रसाद ने भाई के हत्यारों को संरक्षण दिया है.
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सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जांच की गुहार
यह आरोप लगाते हुए रविंद्र ने घटना के कुछ दिन पहले की मांडर थानेदार और सर्किल इंस्पेक्टर के सरकारी नंबर और पर्सनल नंबर की सीडीआर खंगालने और मांडर थाना में लगी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज जांच की गुहार भी लगाया है. आरोप यह भी है कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बजाए उन्हें कोर्ट में सरेंडर करवाया. इसके बाद उसे खानापूर्ति के लिए दो दिनों की रिमांड पर लिया गया.
21 दिसंबर 2019 को गोली मारकर की गई थी हत्या
झामुमो नेता सुबोध नंद तिवारी की बीते 21 दिसंबर 2019 की शाम बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के दौरान सुबोध अपने भाई और कुछ लोगों के साथ मुड़मा चौक में थे. उसी दौरान अंधाधुंध फायरिंग की गई थी. घटना के बाद दूसरे दिन आक्रोशित ग्रामीणों ने रांची-लोहरदगा रोड को भी जाम कर दिया था. मामले में मृतक के बड़े भाई ने मुड़मा के विशाल आनंद साहू पिता विक्रम साहू के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी. हत्या के 3 दिन बाद विक्रम साहू ने नाटकीय तरीके से कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था.
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मामले की जांच
वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए रांची डीआईजी अमोल वी होमकर ने बताया कि शिकायत पर जांच कराई जा रही है. मामले में रांची के ग्रामीण एसपी जांच कर रिपोर्ट सौपेंगे. उन्हें मामले की जांच का जिम्मा दिया गया है. इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी.