रांची: राजनीतिक पार्टियां अपने कई तरह-तरह के विंग बनाती है. पार्टियों के ये विंग उसके प्रचार-प्रसार में ही सहयोग नहीं करते बल्कि अपनी भागीदारी से महत्वपू्रण भूमिका भी निभाते हैं. राजनीतिक पार्टयों के विंग्स में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं छात्र संगठन. झारखंड में विधानसभा चुनाव को देखते हुए विभिन्न छात्र संगठन एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं ताकि अपने-अपने पार्टी की जीत सुनिश्चित कर सके.
पार्टी से युवाओं को जोड़ते हैं छात्र संगठन
चुनाव में युवा मतदाताओं को कोई भी पार्टी अपनी ओर खींचना चाहती है, इन युवाओं को पार्टी से जोड़ने का काम छात्र संगठन सबसे बखूबी से करते हैं. अपनी पार्टी और दल को फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचाने का काम भी छात्र संगठन के युवा नेता ही करते हैं. झारखंड में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ईटीवी भारत ने विभिन्न छात्र नेताओं से विशेष रूप से बातचीत कर चुनाव में उनकी भूमिका जानने की कोशिश की. छात्र नेताओं का कहना है कि छात्र राजनीति का जुड़ाव सीधे मुख्यधारा की राजनीति से है और छात्र राजनीति वह प्लेटफॉर्म है, जिससे बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ निकले हैं.
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छात्र नेताओं को कर दिया जाता है दरकिनार
ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्र नेता कहते हैं कि छात्र नेता ही चुनावी कार्यक्रमों में कुर्सी लगाने, पंडाल बिछाने जैसे काम करते हैं तो वहीं छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ता मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने का काम भी करते हैं. हालांकि उनका मानना है कि छात्र नेताओं को अक्सर राजनीतिक दल भूल जाया करते हैं. चुनाव में छात्र नेताओं की सीधी भागीदारी को पार्टी दरकिनार करते हैं.