रांची: झारखंड की पांचवीं विधानसभा का तीन दिवसीय पहला सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. सत्र के दौरान रांची पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. 200 से अधिक जवानों को विधानसभा सत्र के दौरान सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है. सत्र के दौरान विधानसभा के आस-पास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए ट्रैफिक जवानों को सड़क पर मुस्तैद रहने को कहा गया है.
तीन लेयर की सुरक्षा
झारखंड विधानसभा के सत्र को लेकर सोमवार से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. विधानसभा के चारों ओर रांची पुलिस के अधिकारी और जवान तैनात रहेंगे. सत्र के दौरान 3 लेयर की सुरक्षा का घेरा बनाया गया है. विधानसभा की ओर आने वाली सड़कों पर बेरिकेडिंग भी की गई है. बिना अधिकृत पास के कोई भी विधानसभा परिसर के अंदर नहीं जा सकता है. जिनलोगों के पास विधानसभा के अंदर जाने का पास भी होगा उनकी भी सुरक्षा जांच की जाएगी, उसके बाद ही उन्हें अंदर जाने दिया जाएगा.
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विधानसभा में हुई ब्रीफिंग
विधानसभा के सत्र को लेकर रविवार की शाम रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर ने सुरक्षा में तैनात जवानों और अधिकारियों को ब्रीफ भी किया. उन्हें यह बताया कि सत्र के दौरान किस तरह उन्हें ड्यूटी करनी है. जवानों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे ड्यूटी के दौरान पूरी तरह से वर्दी में रहे और किसी भी तरह की अनुशासनहीनता उनकी तरफ से नहीं होनी चाहिए.
डीजीपी ने भी किया निरीक्षण
झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे ने भी विधानसभा सत्र की सुरक्षा को लेकर विधानसभा परिसर का निरीक्षण किया और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए. सत्र के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों और विभिन्न संगठनों की ओर से घेराव, धरना-प्रदर्शन और छात्र संगठन की तरफ से अन्य मुद्दों को लेकर जुलूस निकालने और प्रदर्शन करने और विधानसभा घेराव की संभावना को देखते हुए विधानसभा परिसर के 750 मीटर के दायरे में निषेधाज्ञा भी जारी कर दी गई है.
22 विधायक पहली बार पहुंचेगे विधानसभा
पांचवें झारखंड विधानसभा के पहले सत्र में 81 सदस्यों में से 22 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं. इनमें से झारखंड मुक्ति मोर्चा की टिकट पर 9 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर आए हैं. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सात विधायक पहली बार जीते हैं, जबकि आजसू के एक विधायक पहली बार जीते हैं. वहीं भाजपा के 5 विधायक पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. विधानसभा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मियों को यह ताकीद की गई है कि वे अगर किसी विधायक को नहीं पहचानते हैं तो उनके साथ दुर्व्यवहार न करें, बल्कि शालीनता के साथ व्यवहार कर उनके पहचान पत्र या फिर सर्टिफिकेट देखकर उन्हें विधानसभा के अंदर सम्मान के साथ भेजें. पांचवीं विधानसभा में 25 ऐसे विधायक पहुंचे हैं जो पुराने हैं लेकिन लंबे अंतराल के बाद निर्वाचित हुए हैं, जबकि 33 ऐसे विधायक हैं जो पिछली विधानसभा में भी सदस्य थे, इनमें से मुख्यमंत्री भी शामिल है.