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स्थानीय नीति पर सदन में बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर विचार करेगी सरकार

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के अंदर और बाहर स्थानीय नीति का मामला गरमाया रहा. विधानसभा में आजसू विधायक लंबोदर महतो ने स्थानीय नीति परिभाषित करने की मांग की, जिसपर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन हो रहा है.

Statement of Chief Minister Hemant Soren in assembly on Domicile Policy
Statement of Chief Minister Hemant Soren in assembly on Domicile Policy
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Published : Feb 28, 2022, 5:45 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 9:29 PM IST

रांची: बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने 1932 के खतियान या अंतिम सर्वे को आधार बनाकर स्थानीय नीति परिभाषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अभी तक कई जिलों में सर्वे का काम अधूरा पड़ा हुआ है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्थानीय नीति को लेकर पूरा राज्य अवगत है. यह मसला झारखंड की राजनीति के केंद्र बिंदु में हमेशा से रहा है.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Budget Session: स्थानीयता के मुद्दे पर गरमाया रहा सदन

उन्होंने कहा कि 1932 की मांग पर तत्कालीन सरकार ने अलग से एक स्थानीय नीति परिभाषित की थी. जिसे झारखंड हाई कोर्ट ने अमान्य करार दिया था. लिहाजा इस मसले पर सरकार गंभीर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रही है. इसके बाद इस पर विचार होगा. वर्तमान सरकार यहां के आदिवासी और मूलवासी के प्रति गंभीर है.

विधानसभा में आजसू विधायक लंबोदर महतो के सवाल पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान

इसपर लंबोदर महतो ने कहा कि इस मसले पर त्रिस्तरीय उप समिति के गठन की बात की गई थी जो अब तक विचाराधीन है. जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप राज्य के पदाधिकारी भी रहे हैं और आपको अच्छी तरीके से पता है कि कैसे निर्णय लिए जाते हैं. राज्य अलग होने के बाद से इस मसले पर कई सीढ़ियां चढ़ी गई हैं. फिलहाल इस मसले पर कोर्ट के आदेश का अध्ययन हो रहा है. उसके बाद सरकार जरूर विचार करेगी.

रांची: बजट सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान आजसू विधायक लंबोदर महतो ने 1932 के खतियान या अंतिम सर्वे को आधार बनाकर स्थानीय नीति परिभाषित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अभी तक कई जिलों में सर्वे का काम अधूरा पड़ा हुआ है. इसके जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि स्थानीय नीति को लेकर पूरा राज्य अवगत है. यह मसला झारखंड की राजनीति के केंद्र बिंदु में हमेशा से रहा है.

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उन्होंने कहा कि 1932 की मांग पर तत्कालीन सरकार ने अलग से एक स्थानीय नीति परिभाषित की थी. जिसे झारखंड हाई कोर्ट ने अमान्य करार दिया था. लिहाजा इस मसले पर सरकार गंभीर है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रही है. इसके बाद इस पर विचार होगा. वर्तमान सरकार यहां के आदिवासी और मूलवासी के प्रति गंभीर है.

विधानसभा में आजसू विधायक लंबोदर महतो के सवाल पर सीएम हेमंत सोरेन का बयान

इसपर लंबोदर महतो ने कहा कि इस मसले पर त्रिस्तरीय उप समिति के गठन की बात की गई थी जो अब तक विचाराधीन है. जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप राज्य के पदाधिकारी भी रहे हैं और आपको अच्छी तरीके से पता है कि कैसे निर्णय लिए जाते हैं. राज्य अलग होने के बाद से इस मसले पर कई सीढ़ियां चढ़ी गई हैं. फिलहाल इस मसले पर कोर्ट के आदेश का अध्ययन हो रहा है. उसके बाद सरकार जरूर विचार करेगी.

Last Updated : Feb 28, 2022, 9:29 PM IST
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