रांची: पुलिस ने लंबे समय से लंबित मामलों के निपटारे के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है. इस टास्क फोर्स में सब इंस्पेक्टर स्तर के 40 अधिकारियों को शामिल किया गया है. जब तक लंबित मामलों का निपटारा नहीं हो जाता है, तब तक इन सब इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों का न तबादला होगा और नहीं उन्हें थानों से हटाया जाएगा.
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क्या है पूरा मामला
रांची पुलिस ने अपनी कार्यशैली में थोड़ा बदलाव किया है. पुराने लंबित मामलों के निबटारे के लिए स्पेशल 40 टास्क फोर्स का गठन किया गया है. यह स्पेशल टास्क फोर्स केवल लंबित मामलों का निबटारा करेगी. तीन महीनों में इस टीम को 400 लंबित केसों का डिस्पोजल करना है. वहीं इस दरम्यान इस टीम में शामिल लोगों का न तो तबादला होगा और ना ही इन्हें विधि व्यवस्था से संबंधित कोई कार्य का भार सौंपा जाएगा. इस स्पेशल टास्क फोर्स टीम में 40 सब इंस्पेक्टरों को शामिल किया गया है, जबकि इनकी मॉनिटरिंग के लिए तीन इंस्पेक्टरों के साथ डीएसपी को भी लगाया गया है. मामले की जानकारी देते हुए रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि इन 40 सब इंस्पेक्टरों को तीन माहीने के भीतर 400 केसों का निष्पादन करना है. इस दरम्यान इन लोगों को विधि व्यवस्था के मामलों से दूर रखा जाएगा और जब तक कोई विशेष परिस्थिति ना हो तब तक इन्हें हटाया भी नहीं जाएगा.
दस-दस मामलों के निबटारे की जिम्मेवारी
स्पेशल टास्कफोर्स में शामिल सब इंस्पेक्टरों को दस-दस केस की जिम्मेवारी दी गई है. इस स्पेशल टास्कफोर्स में शामिल सब इंस्पेक्टरों में रांची के अमूमन सभी थानों के ऑफिसरों को लिया गया है. केवल छोटे थानों को छोड़ा गया है. इस टीम के जिम्मे सबसे ज्यादा मामले ठगी से संबंधित हैं. वहीं इसके अलावा अपहरण के साथ अन्य मामले भी शामिल हैं. वहीं ये 400 वैसे केस हैं, जिनका प्रभार किसी के पास नही था, सिर्फ उन केसों को ही स्पेशल टीम को दिया गया है. तीन महीने बाद एक दूसरी स्पेशल टीम बनेगी, जो अन्य 400 मामलों का निष्पादन करेगी. इस तरह तीन महीनों का रोटेशन पॉलिसी लागू करते हुए आगे भी काम किया जाएगा. इससे लंबित मामलों का निष्पादन होगा.