रांची: एससी-एसटी की विशेष समिति ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. 2008 से एससी-एसटी के कर्मियों को प्रोन्नति नहीं मिली है. ऐसे में पिछले बजट सत्र में बंधु तिर्की के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने विशेष समिति बनाई थी. इस समिति ने 365 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी है.
विशेष समिति की तरफ से रिपोर्ट सौंपे जाने पर विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने कहा है कि जल्द सरकार को इस संदर्भ में रिपोर्ट भेजा जाएगा. साथ ही रिपोर्ट को लेकर जो भी प्रक्रिया होगी उसे पूरा किया जाएगा. वहीं, समिति के सदस्य बंधु तिर्की ने कहा कि पिछले बजट सत्र में उन्होंने इस मामले को उठाया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विशेष कमेटी का गठन किया गया था. पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने इसका समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि 15-20 साल तक एससी-एसटी के कर्मियों के साथ अन्याय हुआ है.
विशेष समिति की तरफ से तैयारी की गई इस रिपोर्ट में अनुशंसा की गई है कि वर्ष 2012 के तर्ज पर जल्द प्रोन्नति के लिए भी स्पष्टीकरण निर्गत किया जाए और उसके बाद प्रोन्नति पर जारी रोक हटाई जाए. साथ ही झारखंड गठन से लेकर अब तक एससी-एसटी के वरीय कर्मियों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कर्मियों को दी गई उस प्रोन्नति को रद्द किए जाने की भी अनुशंसा की गई है. जो प्रोन्नति से वंचित रहे हैं उन्हें आर्थिक लाभ के साथ प्रोन्नति देने की अनुशंसा की गई है.
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रिपोर्ट में यह भी अनुशंसा की गई है कि नियम के खिलाफ प्रोन्नति में शामिल सभी पदाधिकारियों को चिन्हित करते हुए एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की जाए. साथ ही प्रोन्नति से संबंधित कोई मामला अगर लंबे समय से न्यायालय में लंबित है तो सशर्त प्रोन्नति दी जाए. बता दें कि इस विशेष समिति के संयोजक विधायक दीपक बिरुआ और विशेष आमंत्रित सदस्य बंधु तिर्की, सदस्य सरफराज अहमद और नीलकंठ सिंह मुंडा हैं.