रांची: राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर ने गिरते जलस्तर को लेकर हटिया डैम का निरीक्षण किया. इस दौरान उनके साथ पथ निर्माण विभाग, जल संसाधन विभाग और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के वरीय अभियंता मौजूद थे.
डैम में मात्र 3 फीट 8 इंच है पानी
निरीक्षण में पाया गया कि बारिश होने के बावजूद डैम का जलस्तर मात्र 4 फीट है. इस पर नाराजगी जताते हुए मंत्री अधिकारियों पर भड़के. उन्होंने कहा कि डैम में महज 15 दिनों तक के लिए सप्लाई का पानी है. उन्होंने डैम में पानी की कमी के बारे में 4 दिनों के अंदर अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है. डैम के जलस्तर में गिरावट को देखते हुए विभागीय मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि जल्द ही नागफनी नदी से इसे जोड़ने पर विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 2014-15 में कम बारिश होने के बावजूद इस डैम में 22 से 23 फीट पानी मौजूद था, लेकिन इस बार बारिश होने के बावजूद डैम में मात्र 3 फीट 8 इंच पानी है. यह बहुत ही दुख का विषय है. अगर बारिश नहीं होती है तो यह शहर के लिए चिंता का विषय होगा.
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हटिया डैम का मुख्य स्रेात है स्वर्णरेखा नदी
हटिया डैम के कैचमेंट एरिया में पानी की कमी का मुख्य कारण क्या है. इस क्रम में रिंग रोड का भी निरीक्षण किया गया. रिंग रोड के कारण आंशिक रूप से जल प्रवाह में बाधा उत्पन्न हुई है. स्थल निरीक्षण के उपरांत यह बात उभर का आई है कि हटिया डैम के अपस्ट्रीम क्षेत्रों जैसे नगड़ी, रातु जैसे क्षेत्रों में कम वर्षा होना. इस कारण डैम में पानी की कमी हुई है. स्पष्ट प्रमाण के रूप में स्वर्णरेखा नदी को लिया जा सकता है, जो बिल्कुल सूखी हुई है, जबकि हटिया डैम का मुख्य स्रेात स्वर्णरेखा नदी है.
नये जल स्रोत विकसित करने का प्रयास
इन सब कारणों के विषय में और संभावित विकल्पों की तलाश के लिए मंत्री मिथिलेष कुमार ठाकुर ने संबंधित विभागों के अभियंताओं की एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है. यह समिति स्थल निरीक्षण कर तीन दिनों के अंदर जल की कमी के कारणों के संबंध में अपनी रिपोर्ट देगी. मंत्री ने कहा कि समिति के रिपोर्ट के आधार पर आगामी योजना बनायी जायेगी. पेयजल विभाग इस मामले में बहुत ही गंभीर है. मंत्री ने बताया कि हटिया डैम में जल स्तर बढ़ाने के लिये और नये जल स्रोत विकसित करने के लिये हरसंभव कोशिश की जायेगी.