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झारखंड डीजीपी की सूचना पर बिहार में पकड़े गए छह शूटर, जेल से दी गई थी हत्या की सुपारी

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Published : Oct 17, 2019, 11:31 PM IST

झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे की सतर्कता की वजह से एक व्यक्ति की हत्या होने से बच गयी. हत्या के लिए बिहार के अपराधियों को सुपारी दी गई थी, जिसकी जानकारी डीजीपी को मिल गई और डीजीपी ने तुरंत बिहार पुलिस से संपर्क कर अपराधियों को गिरफ्तार करवा दिया.

डीजीपी कमल नयन चौबे

रांचीः झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे ने गुप्त सूचना के आधार पर बिहार के एक व्यक्ति की जान बचाई है. डीजीपी के सूचना के बाद बिहार पुलिस ने छह शूटरों को गिरफ्तार किया है.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, हजारीबाग जेल में बंद टीपीसी के उग्रवादी जुगेश्वर गंझू ने हत्या की लाइजनिंग बिहार में प्रभाकर तिवारी नाम के व्यक्ति से की थी. प्रभाकर तिवारी के द्वारा पाली के नवीयन यादव नाम के व्यक्ति की हत्या की साजिश रची गई थी. इसके लिए जेल में बंद जुगेश्वर ने मोबाइल पर बातचीत भी की थी. पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद डीजीपी ने इस मामले की जानकारी बिहार पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने पालीगंज से अपराधी सतीश महतो, अनिल यादव उर्फ डाक्टर, विद्या पाठक, सुजीत कुमार सहित छह अपराधियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने तीन पिस्टल और दर्जनों गोलियां भी बरामद की है. सतीश महतो पहले भी नक्सली कांडों में भी आरोपी रहा है.

यह भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा चुनाव 2019: चुनाव आयोग की 5 सदस्यीय टीम का 2 दिवसीय दौरा, राजनीतिक दलों से होगी मीटिंग

सीआईडी की अहम भूमिका

पूरे मामले के खुलासे में सीआईडी मुख्यालय रांची की भूमिका अहम रही. जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जेल में बंद जुगेश्वर गंझू सीआईडी के रडार पर था. मोबाइल पर जैसे ही उसने प्रभाकर तिवारी से संपर्क किया, षडयंत्र की जानकारी सीआईडी के अधिकारियों को मिल गई. ऐसे में तत्काल मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को दी गई. जानकारी मिलते ही डीजीपी खुद सक्रिय हुए और बिहार पुलिस से संपर्क कर अपराधियों की गिरफ्तारी में अहम योगदान निभाया.

रांचीः झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे ने गुप्त सूचना के आधार पर बिहार के एक व्यक्ति की जान बचाई है. डीजीपी के सूचना के बाद बिहार पुलिस ने छह शूटरों को गिरफ्तार किया है.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, हजारीबाग जेल में बंद टीपीसी के उग्रवादी जुगेश्वर गंझू ने हत्या की लाइजनिंग बिहार में प्रभाकर तिवारी नाम के व्यक्ति से की थी. प्रभाकर तिवारी के द्वारा पाली के नवीयन यादव नाम के व्यक्ति की हत्या की साजिश रची गई थी. इसके लिए जेल में बंद जुगेश्वर ने मोबाइल पर बातचीत भी की थी. पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद डीजीपी ने इस मामले की जानकारी बिहार पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने पालीगंज से अपराधी सतीश महतो, अनिल यादव उर्फ डाक्टर, विद्या पाठक, सुजीत कुमार सहित छह अपराधियों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने तीन पिस्टल और दर्जनों गोलियां भी बरामद की है. सतीश महतो पहले भी नक्सली कांडों में भी आरोपी रहा है.

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सीआईडी की अहम भूमिका

पूरे मामले के खुलासे में सीआईडी मुख्यालय रांची की भूमिका अहम रही. जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जेल में बंद जुगेश्वर गंझू सीआईडी के रडार पर था. मोबाइल पर जैसे ही उसने प्रभाकर तिवारी से संपर्क किया, षडयंत्र की जानकारी सीआईडी के अधिकारियों को मिल गई. ऐसे में तत्काल मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को दी गई. जानकारी मिलते ही डीजीपी खुद सक्रिय हुए और बिहार पुलिस से संपर्क कर अपराधियों की गिरफ्तारी में अहम योगदान निभाया.

Intro:झारखंड डीजी की सूचना पर बिहार में पकड़ाए छह शूटर ,जेल से दी गई थी हत्या की सुपारी


रांची।
झारखंड के डीजीपी कमल नयन चौबे के सतर्कता की वजह से एक व्यक्ति की हत्या होने से बच गया। हत्या के लिए बिहार के अपराधियों को सुपारी दी गई थी। जिसकी जानकारी डीजीपी को मिल गई और डीजीपी ने तुरंत बिहार पुलिस से संपर्क कर अपराधियों को गिरफ्तार करवा दिया।

क्या है पूरा मामला

झारखंड के डीजीपी कमलनयन चौबे को मिली सूचना के बाद बिहार पुलिस ने छह शूटरों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जेल में बंद टीपीसी के उग्रवादी जुगेश्वर गंझू ने हत्या की लाइजनिंग बिहार में प्रभाकर तिवारी नाम के व्यक्ति से की थी। प्रभाकर तिवारी के द्वारा पाली के नवीयन यादव नाम के व्यक्ति की हत्या की साजिश रची गई थी। इसके लिए जेल में बंद जुगेश्वर ने मोबाइल पर बातचीत भी की थी। पूरे मामले की जानकारी मिलने के बाद डीजीपी ने इस मामले की जानकारी बिहार पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने पालीगंज से अपराधी सतीश महतो, अनिल यादव उर्फ डाक्टर, विद्या पाठक, सुजीत कुमार सहित छह अपराधियों को गिरफ्तार किया । गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने तीन पिस्टल एवं दर्जनो गोलियां भी बरामद की है। सतीश महतो पूर्व नक्सली काण्डों में आरोपी भी रहा है।

सीआईडी की भूमिका अहम
पूरे मामले के खुलासे में सीआईडी मुख्यालय रांची की भूमिका अहम रही। जानकारी के मुताबिक, हजारीबाग जेल में बंद जुगेश्वर गंझू सीआईडी के रडार पर था। मोबाइल पर जैसे ही उसने प्रभाकर तिवारी से संपर्क किया, षडयंत्र की जानकारी सीआईडी के अधिकारियों को मिल गई। ऐसे में तत्काल मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को दी गई। जानकारी मिलते ही डीजीपी खुद सक्रिय हुए और बिहार पुलिस से संपर्क कर अपराधियों की गिरफ्तारी में अहम योगदान निभाया।

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