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सरकार गिराने की साजिश मामले में रडार पर जेएमएम के 6 विधायक, पार्टी की ओर से रखी जा रही नजर - जेएमएम

झारखंड में सोरेन सरकार को गिराने की साजिश (conspiracy to topple jharkhand government) का खुलासा होने के बाद अब पार्टी भी सजग हो गई है. कम से कम छह विधायक शक के दायरे में हैं.

six  mla of jmm on radar in conspiracy to topple the government
सरकार गिराने की साजिश मामले में रडार पर जेएमएम के 6 विधायक, पार्टी की ओर से रखी जा रही नजर
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Published : Jul 26, 2021, 9:51 PM IST

रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की साजिश का खुलासा होने और कांग्रेस के विधायकों का नाम आने के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा भी सजग हो गया है. विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा के कम से कम छह विधायक रडार पर हैं.

इसे भी पढ़ें- झारखंड सरकार को अस्थिर करने की पटकथा किसने लिखी, पढ़िए रिपोर्ट

सबूत मिलने पर होगी कार्रवाई

जिन विधायकों पर शक है, उनमें दो संथाल क्षेत्र के हैं, दो दक्षिणी छोटानागपुर इलाके से हैं, एक कोल्हान से और एक पलामू प्रमंडल से आते हैं. इन विधायकों पर पार्टी की ओर से पैनी नजर रखी जा रही है. सूत्र बताते हैं कि जिन विधायकों को अभी रडार पर रखा गया है, उनके खिलाफ अगर पार्टी की नीतियों के खिलाफ या सरकार को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिल गए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कठोर कार्रवाई करने से भी संकोच नहीं करेगा.

झामुमो नेतृत्व है निश्चित

जेएमएम के कई विधायकों पर शक इस मायने में भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार को अस्थिर करने की खबर में कांग्रेस के कई विधायकों के नाम आने के बाद केंद्रीय महासचिव ने सहयोगी कांग्रेस के नेतृत्व को अपने विधायकों को कमांड में रखने की सलाह दी थी. झामुमो भले ही अपने कई विधायकों को रडार पर रख रहा हो, लेकिन मीडिया में वह झामुमो के सभी विधायक के एकजुट होने का दावा करते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या कहते हैं कि महागठबंधन या झामुमो के कितने ऐसे विधायक हैं जो बिना पार्टी के चुनाव चिह्न के दोबारा जनता का आशीर्वाद पाकर विधायक बन सकते हैं. सुप्रियो के मुताबिक ऐसे विधायक गिनती के भी नहीं हैं और बिना पार्टी सिंबल वालों का हाल 2019 के चुनाव में लोगों ने देख लिया है. इसलिए झामुमो नेतृत्व निश्चित है कि उनके या महागठबंधन का कोई विधायक गलती नहीं करेगा.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में सरकार गिराने की साजिश पर बोले महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री- मेरी इतनी औकात नहीं


अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा असली खेल

सरकार को अस्थिर करने के खेल का क्या है सच, ये तो अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इस घटना के बाद राज्य की सबसे बड़ी और महागठबंधन के नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलर्ट कर दिया है. यही वजह है कि भले ही झामुमो के नेता मीडिया के सामने कहें कि झामुमो के सभी विधायक एकजुट हैं, पर कम से कम इस समय छह विधायक पार्टी नेतृत्व की राडार पर हैं.

रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने की साजिश का खुलासा होने और कांग्रेस के विधायकों का नाम आने के बाद अब झारखंड मुक्ति मोर्चा भी सजग हो गया है. विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा के कम से कम छह विधायक रडार पर हैं.

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सबूत मिलने पर होगी कार्रवाई

जिन विधायकों पर शक है, उनमें दो संथाल क्षेत्र के हैं, दो दक्षिणी छोटानागपुर इलाके से हैं, एक कोल्हान से और एक पलामू प्रमंडल से आते हैं. इन विधायकों पर पार्टी की ओर से पैनी नजर रखी जा रही है. सूत्र बताते हैं कि जिन विधायकों को अभी रडार पर रखा गया है, उनके खिलाफ अगर पार्टी की नीतियों के खिलाफ या सरकार को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिल गए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा कठोर कार्रवाई करने से भी संकोच नहीं करेगा.

झामुमो नेतृत्व है निश्चित

जेएमएम के कई विधायकों पर शक इस मायने में भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि सरकार को अस्थिर करने की खबर में कांग्रेस के कई विधायकों के नाम आने के बाद केंद्रीय महासचिव ने सहयोगी कांग्रेस के नेतृत्व को अपने विधायकों को कमांड में रखने की सलाह दी थी. झामुमो भले ही अपने कई विधायकों को रडार पर रख रहा हो, लेकिन मीडिया में वह झामुमो के सभी विधायक के एकजुट होने का दावा करते हुए पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या कहते हैं कि महागठबंधन या झामुमो के कितने ऐसे विधायक हैं जो बिना पार्टी के चुनाव चिह्न के दोबारा जनता का आशीर्वाद पाकर विधायक बन सकते हैं. सुप्रियो के मुताबिक ऐसे विधायक गिनती के भी नहीं हैं और बिना पार्टी सिंबल वालों का हाल 2019 के चुनाव में लोगों ने देख लिया है. इसलिए झामुमो नेतृत्व निश्चित है कि उनके या महागठबंधन का कोई विधायक गलती नहीं करेगा.

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अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा असली खेल

सरकार को अस्थिर करने के खेल का क्या है सच, ये तो अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इस घटना के बाद राज्य की सबसे बड़ी और महागठबंधन के नेतृत्व कर रहे झारखंड मुक्ति मोर्चा को अलर्ट कर दिया है. यही वजह है कि भले ही झामुमो के नेता मीडिया के सामने कहें कि झामुमो के सभी विधायक एकजुट हैं, पर कम से कम इस समय छह विधायक पार्टी नेतृत्व की राडार पर हैं.

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